Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/39/2014

Mohd. Asim - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard General Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

29 Sep 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/39/2014
 
1. Mohd. Asim
R/0 Village Gote Thana Katghar Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. I.C.I.C.I Lombard General Insurance Company Ltd.
Parsavnath Plaza Delhi Road Thana Majhola Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   परिवादी ने इस परिवाद के माध्‍यम से यह उपशम मांगा है कि विपक्षी से उसे 30 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित बीमा राशि 43,056/- रूपये दिलाई जाऐ। परिवाद व्‍यय की मद में उसने 50,000/- रूपया अंतिरिक्‍त मांगा है।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपनी मोटर साईकिल यू0पी021 ए0पी0 0354 का बीमा विपक्षी से कराया था। परिवाद के साथ  दाखिल बीमा कवरनोट की फोटो प्रति के अनुसार बीमा की अवधि 18/4/ 2012 से 17/4/2013 तक की थी और  बीमित राशि 43,056/- रूपया थी। दिनांक 10/9/2012 को परिवादी की मोटर साईकिल चोरी हो गई जिसकी रिपोर्ट थाना कटघर में धारा-379 आई0पी0सी0 के तहत मुकदमा अपराध सं0- 628/2013 में दर्ज हुई। पुलिस ने रिपोर्ट देर से दिनांक 2/11/2012 को दर्ज की जिसमें परिवादी की कोई गलती नहीं थी। परिवादी के अनुसार मूल एफ0आई0आर0 तथा इंश्‍योरेंस सिर्टिफिकेट परिवादी ने विपक्षी के कार्यालय में जमा कर दिऐ, किन्‍तु विपक्षी ने परिवादी को क्‍लेम राशि नहीं दी। परिवादी के अनुसार परिवाद समय सीमा में है तथा फोरम को  परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार है। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने शपथपत्र कागज सं0-3/3 दाखिल किया। सूची कागज सं0- 3/4 के माध्‍यम से परिवादी ने विपक्षी से  प्राप्‍त क्‍लेम अस्‍वीकृति के पत्र दिनांक 11 जून, 2013, बीमा कवरनोट, मोटर साईकिल की आर0सी0 तथा एफ0आई0आर0 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/9 हैं।
  4.   विपक्षी ने प्रतिवद पत्र कागज सं0- 8/1 लगायत 8/5 दाखिल किया जिसमें बीमा शर्तो के अधीन परिवादी की मोटर साईकिल का बीमा उत्‍तरदाता विपक्षी द्वारा किया जाना तो स्‍वीकार किया गया, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। अतिरिक्‍त कथनों में कहा गया कि मोटर सईकिल की कथित चोरी की एफ0आई0आर0 चोरी की घटना के बाद 53 दिन के विलम्‍ब  से दिनांक 2/11/2012 को दर्ज कराई गई। परिवादी ने इस चोरी की सूचना कथित चोरी के 70 दिन बाद उत्‍तरदाता विपक्षी को दी और ऐसा करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया। उत्‍तरदाता विपक्षी ने अग्रेत्‍तर कहा कि बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 के अनुसार चारी के तुरन्‍त  बाद पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जानी चाहिए थी और तत्‍काल  चोरी की लिखित सूचना उत्‍तरदाता विपक्षी को दी जानी चाहिए थी, किन्‍तु  परिवादी ने ऐसा नहीं किया और पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया जिस कारण परिवादी का दावा अस्‍वीकृत कर दिया गया। दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षी ने न तो कोई त्रुटि की और न यह सेवा में कमी का मामला बनता है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की  प्रार्थना की गई।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/2  दाखिल किया।
  6.   विपक्षी की ओर से उत्‍तरदाता विपक्षी के मैनेजर लीगल श्री मनीष श्रीवास्‍तव ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/5 दाखिल किया। विपक्षी के साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ क्‍लेम अस्‍वीकृति के पत्र दिनांक 11 जून,2013, बीमा कवरनोट और बीमा पालिसी की नकलों को संलग्‍कों के  रूप में दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-10/6 लगायत  10/9 है।
  7.   दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।   
    1.      पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की मोटर साईकिल दिनांक 18/4/1012 से 17/4/2013 तक की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित थी। परिवादी के अनुसार उसकी मोटर साईकिल दिनांक 10/9/2012 को चोरी हुई। एफ0आई0आर0 की प्रथम सूचना रिपोर्ट की फोटो प्रति कागज सं0-3/9 के अनुसार चोरी की रिपोर्ट थाना कटघर जिला मुरादाबाद में दिनांक 02/11/2012 को दर्ज हुई। प्रकट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट पर दर्ज होने में  53 दिन का विलम्‍ब हुआ। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि रिपोर्ट दर्ज होने में इसलिए विलम्‍ब हुआ क्‍योंकि पुलिस आमतौर से रिपोर्ट लिखने में आना-कानी करती है। परिवादी का यह भी तर्क है कि घटना की जॉंच करने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने में हुई देरी के सन्‍दर्भ में परिवादी द्वारा दिऐ गऐ स्‍पष्‍टीकरण का विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रतिवाद किया और कहा कि पत्रावली पर  ऐसा कोई प्रमाण अथवा परिस्थिति नहीं है जिसके आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने में हुऐ विलम्‍ब के सन्‍दर्भ में परिवादी की ओर से दिऐ गऐ स्‍पष्‍टीकरण को स्‍वीकार किया जा सके। हम विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों से सहमत हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल कागज सं0-3/9 में ऐसा कोई उल्‍लेख नहीं है जिससे प्रकट हो कि परिवादी की रिपोर्ट लिखने में  पुलिस ने आना-कानी की थी। प्रकट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट कराने में हुआ  53 दिन का विलम्‍ब स्‍वयं परिवादी के स्‍तर से है।
    2.      परिवादी ने अपने परिवाद पत्र अथवा साक्ष्‍य शपथ पत्र में कहीं भी यह उल्‍लेख नहीं किया कि चोरी की सूचना उसने विपक्षी को कब दी थी। विपक्षी ने अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-10 में यह कहा है कि परिवादी ने चोरी की सूचना विपक्षी को घटना के 70 दिन बाद दी थी। विपक्षी के इस कथन का  प्रतिवाद करने का परिवादी साहस नहीं कर पाया है। परिवादी की ओर से ऐसा कोई प्रमाण प्रस्‍तुत नहीं किया गया जिससे प्रकट हो कि उसने चोरी के तत्‍काल बाद विपक्षी को चारी की घटना की सूचना दे दी थी। ऐसी दशा में यह माने जाने का कारण है कि परिवादी द्वारा विपक्षी को चोरी की सूचना घटना के 70 दिन बाद दी गई थी  बीमा पालिसी की शर्ते पत्रावली में अवस्थित कागज सं0- 10/8 व 10/9 पर दृष्‍टव्‍य हैं। शर्त सं0-1 निम्‍नवत् है:- “ Notice shall be given in writing to the Company immediately upon the 0ccurence of any accident or loss or damage and in the event of any claim and there after the insured shall give all such information and assistance as the Company shall require. Every letter claim writ summons and/or process or copy thereof shall be forwarded to the company immediately on receipt by the insured. Notice shall also be given in writing to the company immediately the insured shall have knowledge of any impending prosecution inquest or fatal injury in respect of any occurrence which may give rise to a claim under this policy in case of theft or other criminal act which may be the subject of a claim under this policy the insured shall give immediate notice to the police and co-operate with the Company in securing the conviction of the offendr. ”  
  8.     वर्तमान मामले में मोटर साईकिल चोरी की  प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने  में  53  दिन  का विलम्‍ब  हुआ  है  तथा  चोरी की  सूचना विपक्षी को  देने   में 70  दिन  का  विलम्‍ब  होना प्रमाणित  हुआ  है।  प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाने और  विपक्षी को  सूचना देने में  देरी करके परिवादी ने  बीमा पालिसी की  उपरोक्‍त  शर्त सं0-1  का उल्‍लंघन किया है।  ऐसी  दशा  में  विपक्षी द्वारा परिवादी का  दावा अस्‍वीकृत करके  न तो  कोई  त्रुटि की  गई और न यह  सेवा में  कमी  का  मामला है।  हमारे उक्‍त  मत  की पुष्टि Iv (2012) CPJ 441 (NC), New India Assurance Company Ltd. V/s Trilochan Jane  के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई  दिल्‍ली द्वारा दी  गई  विधि व्‍यवस्‍था  से होती है।

 

 

  1. उपरोक्‍त  विवेचना के  आधार पर  हम  इस निष्‍कर्षपर पहुँचे हैं  कि  परिवाद खारिज होने योग्‍य  है।

परिवाद खारिज  किया जाता है।

 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)               (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                          अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद                  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       29.09.2015                     29.09.2015

    हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 29.09.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)                (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                           अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद                  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     29.09.2015                         29.09.2015

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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