द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष
- इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे उसकी चोरी गई मोटर साईकिल की बीमा राशि अंकन 42,122/-रूपये ब्याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/- रूपया और परिवाद व्यय परिवादी ने अतिरिक्त मांगा है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी मोटर साईकिल यू0पी0 21 ए0के0 2750 का पंजीकृत स्वामी है। यह मोटर साईकिल दिनांक 30/8/2011 से 29/8/2012 तक की अवधि हेतु विपक्षीगण से बीमित थी। दिनांक 18/7/2012 को रात्रि लगभग सवा नो बजे परिवादी की उक्त मोटर साईकिल परिवादी के घर के बाहर से चोरी हो गई। परिवादी ने उसे तलाश किया किन्तु मोटर साईकिल नहीं मिली। परिवादी ने दिनांक 19/7/2012 को मोटर साईकिल चोरी होने की लिखित सूचना थाना पाकबड़ा में दी लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और कहा कि पहले जांच कर लें उसके बाद रिपार्ट दर्ज होगी। परिवादी के अनुसार वह थाने के चक्कर लगाता रहा किन्तु पुलिस टालमटोल करती रही और अन्तत: उसकी रिपोर्ट थाना पाकबड़ा में दिनांक 30/7/2012 को अज्ञात चोर के विरूद्ध दर्ज हुई। परिवादी ने अग्रेत्तर कथन किया कि उसने मोटर साईकिल की लिखित सूचना दिनांक 19/7/2012 को विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में मौजूद कर्मचारी को दे दी थी उसने परिवादी से कहा था कि 2 दिन में सर्वे इन्सपेक्टर पाकबड़ा पहुँच जाऐंगे। परिवादी के अनुसार वह लगातार विपक्षी सं0-1 कार्यालय का चक्कर लगाता रहा। कार्यालय के कर्मचारी परिवादी को आश्वासन देते रहे इस दौरान परिवादी के भाई का एक्सीडेन्ट हो गया जिस कारण परिवादी क्लेम की पैरवी नहीं कर सका। दिनांक 12/11/2012 को विपक्षीगण की ओर से भेजा गया एक पत्र परिवादी को प्राप्त हुआ जिसका परिवादी ने विधिवत् उत्तर दिया। दिनांक 06/12/2012 के पत्र द्वारा विपक्षीगण ने परिवादी का क्लेम खारिज कर दिया। परिवादी ने विपक्षीगण को काननी नोटिस भिजवाया किन्तु उन्होंने उसका कोई जबाब नहीं दिया। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि उसका क्लेम खारिज करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थन की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 लगायत 3/6 दाखिल किया।
- परिवाद के साथ परिवादी ने विपक्षीगण को भेजे गऐ कानूनी नोटिस, नोटिस भेजे जाने की असल रसीद, बीमा कवरनोट, मोटर साईकिल खरीदने की रसीद, उसकी आर0सी0, विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्धक को दिऐ गऐ शपथ पत्र, विपक्षीगण की ओर से परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांक 12/11/2012, रिप्यूडिऐन लेटर दिनांक 06/12/2012 तथा एफ0आई0आर0 की फोटो प्रति को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/8 लगायत 3/18 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/3 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी की मोटर साईकिल का बीमा किया जाना तो विपक्षीगण की ओर से स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्त्र कथन किया गया कि परिवादी का यह कथन असत्य है कि उसने पुलिस तथा विपक्षीगण को चोरी की तत्काल सूचना दी थी। परिवादी ने पुलिस को और विपक्षीगण को चोरी की सूचना देने में विलम्ब कारित करके बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया है और इस आधार पर परिवादी का क्लेम अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की। विपक्षीगण द्वारा परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/3 दाखिल किया। परिवाद के साथ दाखिल प्रपत्रों को परिवादी ने सूची कागज सं0-13 के माध्यम से पुन: साक्ष्य में दाखिल किया,यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-13/1 लगायत 13/9 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्पनी के मैनेजर लीगल श्री मनीष श्रीवास्तव का शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/3 दाखिल हुआ जिसके साथ बीमा पालिसी की शर्तों, परिवादी द्वारा प्रेषित बीमा क्लेम फार्म तथा परिवादी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 12/11/2012 की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र कागज सं0-18/4 लगायत 19/8 हैं।
- परिवादी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की मोटर साईकिल यू0पी0 21 ए0के0 2750 दिनांक 30/8/2011 से 29/8/2012 तक की अवधि हेतु विपक्षी सं0-1 से बीमित थी। नकल प्रथम सूचना रिपोर्ट कागज सं0-13/3 के अनुसार परिवादी कि यह मोटर साईकिल दिनांक 18/7/2012 को रात्रि लगभग सवा नो बजे चोरी हुई।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार चोरी के तत्काल बाद उसने चोरी की लिखित सूचना थाना पाकबड़ा में दी और चोरी के अगले ही दिन उसने विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में भी सूचित कर दिया था इसके बावजूद विधि विरूद्ध तरीके से विपक्षीगण ने परिवादी का क्लेम अस्वीकृत कर दिया और ऐसा करके उन्होंने सेवा में कमी की। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि थाने पर चोरी की सूचना देने में परिवादी द्वारा 12 दिन का और विपक्षी को सूचना देने में 26 दिन का विलम्ब किया गया और ऐसा करके उसने बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 का उल्लंघन किया जिसके आधार पर विपक्षीगण ने रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 06/12/2012 (कागज सं0-3/17) के माध्यम से परिवादी का क्लेम अस्वीकृत किऐ जाने की सूचना दे दी थी। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि क्लेम अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की और यह सेवा में कमी का भी मामला नहीं है।
- बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-18/4 पर दृष्टव्य है। शर्त सं0-1 निम्नवत् है :-
“ Notice shall be given in writing to the company immediately upon the occurrence of any accidental loss or damage and in the event of any claim………………. In case of theft or criiminal act which may be the subject of a claim under this policy the Insured shall give immediate notice to the police and co-oprate with the company in securing the conviction of the offender. ’’
12- अब देखना यह है कि क्या परिवादी ने चोरी की सूचना थाना पाकबड़ा में और विपक्षी को बीमा पालिसी की शर्त संख्या-1 के अनुसार तत्काल दे दी थी अथवा नहीं ? एफ0आई0आर0 की नकल कागज सं0-3/18 के अवलोकन से प्रकट है कि चोरी की तहरीरी रिपोर्ट परिवादी ने थाना पाकबड़ा पर दिनांक 30/7/2012 अर्थात् चोरी की घटना के 12 दिन बाद दी थी। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने क्लेम फार्म (पत्रावली का कागज सं0-18/6) की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि परिवादी ने चोरी वाले दिन ही थाना पाकबड़ा पर चोरी की सूचना दे दी थी, किन्तु उसकी एफ0आई0आर0 दिनांक 30/7/2012 को लिखी गई। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्धक को सम्बोधित शपथ पत्र कागज सं0-3/13 की ओर भी हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि इस शपथ पत्र के पैरा सं0-3 में भी यह उल्लेख है कि परिवादी ने चोरी वाले दिन ही थाना पाकबड़ा पर चोरी की सूचना दे दी थी। परिवादीके विद्वान अधिवक्ता के अनुसार क्लेम फार्म और विपक्षी सं0-1 के प्रबन्धक को दिऐ गऐ शपथ पत्र में यह उल्लेख कि चोरी वाले दिन ही परिवादी ने थाना पाकबड़ा पर चोरी की सूचना दे दी थी, यह दर्शातें है कि पुलिस को सूचना देने में परिवादी ने कोई विलम्ब नहीं किया। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने परिवादी के इन तर्कों का विरोध किया और कहा कि परिवादी ने चोरी की सूचना पुलिस को चोरी वाले दिन ही दे दी थी, यह तथ्य प्रमाणित नहीं हुआ है। हम विपक्षीगण के इस कथन से सहमत हैं।
13- परिवाद के पैरा सं0-3 में परिवादी स्पष्ट रूप से यह कथन किया है कि उसने थाना पाकबड़ा को घटना की लिखित रिपोर्ट चोरी के अगले दिन अर्थात् दिनांक 19/7/2012 को दी थी। इस प्रकार एक ओर परिवादी पुलिस को चोरी की लिखित सूचना चोरी की घटना वाले दिन ही दिया जाना कहता है वहीं परिवाद में उसने पुलिस में चोरी की सूचना घटना के अगले दिन दिऐ जाने का कथन किया है ऐसी दशा में परिवादी का यह कथन स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि उसने मोटर साईकिल चोरी की सूचना थाना पाकबड़ा में बिना किसी विलम्ब के तत्काल दे दी थी। यहॉं यह भी उल्लेखनीय है कि एफ0आई0आर0 की नकल में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है जिससे प्रकट हो कि परिवादी ने पुलिस में चोरी की सूचना तत्काल दी थी। जहॉं तक परिवादी के इस तर्क का प्रश्न है कि वह पुलिस में लगातार जाता रहा किन्तु उन्होंने परिवादी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की यह तर्क भी स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है क्योंकि यदि पुलिस वाले परिवादी की रिपोर्ट बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी दर्ज नहीं कर रहे थे तो परिवादी किसी संचार माध्यम यथा इन्टरनेट, ई-मेल, फैक्स इत्यादि के माध्यम से अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज सकता था, किन्तु ऐसा नहीं किया गया। इस प्रकार यह प्रमाणित नहीं होता कि परिवादी ने चोरी की सूचना पुलिस में तत्काल दी थी।
14- विपक्षीगण को सूचना दिऐ जाने के सम्बन्ध में परिवादी ने अपने परिवाद में यह कहा है कि घटना से अगले दिन उसने लिखित सूचना विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में वहॉं मौजूद कर्मचारी को दे दी थी उसने कहा था कि 2 दिन में सर्वे इन्सपेक्टर पहुँच जाऐगें। परिवादी अपने इस कथन को भी प्रमाणित करने में सफल नहीं हुआ है। क्लेम फार्म की नकल पत्रावली का कागज सं0-18/5 लगायत 18/7 है। यह क्लेम फार्म दिनांक 23/8/2012 को भरा गया था जबकि चोरी दिनांक 18/7/2012को होना बताया गया है। विपक्षी सं0-1 के प्रबन्धक को सम्बोधित परिवादी के शपथ पत्र कागज सं0-3/13 में परिवादी ने यह स्वीकार किया है कि उसके भाई नौशाद का एक्सीडेन्ट हो गया था जिस कारण वह बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना नहीं दे सका था। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने कहा कि यह शपथ पत्र विपक्षी सं0-1 के अधिकारियों ने परिवादी से लिखा लिया था ऐसी दशा में इस शपथ पत्र में कम्पनी को सूचना देने सम्बन्धी लिखे गऐ कथन का कोई महत्व नहीं है। हम परिवादी पक्ष के इस स्पष्टीकरण से सन्तुष्ट नहीं हैं। परिवादी ने परिवाद पत्र अथवा अपने साक्ष्य शपथ पत्र में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया कि उक्त शपथ पत्र परिवादी से विपक्षी सं0-1के अधिकारियों ने अपनी सुविधानुसार लिखवाया था। ऐसी दशा में यह स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि शपथ पत्र कागज सं0-3/13 में बीमा कम्पनी को सूचना देने में हुई देरी विषयक परिवादी के कथन विपक्षी बीमा कम्पनी के किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी ने अपनी सुविधानुसार लिखवा लिऐ हो।विपक्षीगण को चोरी की सूचना दिऐ जाने में विलम्ब किया जाना प्रमाणित है।
15- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि मोटर साईकिल चोरी की सूचना पुलिस और विपक्षीगण को देने में परिवादी द्वारा क्रमश: 12 दिन और 26 दिन का विलम्ब किया गया और ऐसा करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया। विपक्षीगण ने परिवादी का क्लेम अस्वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की। परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन)
सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष
- 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
24.05.2016 24.05.2016 24.05.2016
हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 24.05.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन)
सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
24.05.2016 24.05.2016 24.05.2016