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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 213 सन् 2014
प्रस्तुति दिनांक 26.11.2014
निर्णय दिनांक 08.03.2021
छविनाथ चौबे, सी-2, ऑफिसर्स कालोनी, रैदोपुर, आजमगढ़ (उoप्रo)।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
आई.बी.शापी चौधरी कॉम्प्लेक्स मुकेरीगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी के यहाँ से दिनांक 28.06.2014 को एक स्टेबलाइजर तथा एक ए.सी. ब्रॉण्ड कैरियर विन्डो ए.के.1-5टी.आर.-3स्टार मॉडल स्ट्रीला सीरियल नम्बर500281021149010683 क्रय किया था। परिवादी ने उसके 33,500/- रुपए का भुगतान किया था। एक माह पश्चात् ही स्टेबलाइजर व ए.सी. काम करना बन्द कर दिया। परिवादी ने इसके बाबत सूचना विपक्षी को दौरान वारण्टी दिया तो विपक्षी ने उसे ठीक करने का आश्वासन दिया, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद भी विपक्षी ने स्टेबलाइजर व ए.सी. को ठीक नहीं किया तो परिवादी ने विपक्षी को नोटिस दिया तथा परिवाद प्रस्तुत किया गया। अतः परिवादी को विपक्षी से नया सेट स्टेबलाइजर तथा ए.सी. दिलाया जाए या स्टेबलाइजर तथा ए.सी. का मूल्य 33,500/- रुपया मय 18% वार्षिक दिलाया जाए। परिवादी को हुई शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु भी विपक्षी से 50,000/- रुपया दिलाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने 8ग इसका सबूत प्रस्तुत किया है, जिसमें कि परिवादी को वारण्टी दी गयी थी।
विपक्षी उपस्थित आकर अपना जवाबदावा प्रस्तुत किया है तथा परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में विपक्षी ने यह कहा है कि ए.सी. संचालित करने हेतु विद्युत की वायरिंग क्वालीफाईड व दक्षता वायरिंग प्राप्त इलेक्ट्रशियन द्वारा होनी चाहिए। जबकि शिकायतकर्ता के यहां विद्युत वायरिंग दक्षता प्राप्त इलेक्ट्रिशियन द्वारा नहीं की गयी थी। परिवादी द्वारा विपक्षी को स्टेबलाईजर व ए.सी. खराब होने की कोई सूचना नहीं दी गयी थी। शिकायतकर्ता के कथनानुसार एक माह तक स्टेबलाइजर व ए.सी.
P.T.O.
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ठीक प्रकार से कार्य कर रहा था। शिकायतकर्ता का स्टेबलाइजर व ए.सी. इलेक्ट्रिक ट्रिप, अनुचित विद्युत सर्किट, दोषपूर्ण विद्युत सप्लाई के कारण खराब हो गयी जो कि वारण्टी के अन्तर्गत नहीं आता है। ए.सी. चलाने में परिवादी द्वारा असावधानी की गयी है। ए.सी. संचालित करने में मिसहैंडिंग की गयी है। इस प्रकार कम्पनी द्वारा यूजर्स मैनुअल के अनुसार ए.सी. नहीं चलाई जाती थी जो वारण्टी के शर्तों के अन्तर्गत नहीं आता है। परिवादी ने परिवाद पत्र में स्टेबलाईजर व ए.सी. विण्डो में आई त्रुटि को नहीं दिखाया है। इससे स्पष्ट नहीं है कि स्टेबलाईजर व ए.सी. विण्डो में कौन सी त्रुटि थी। उक्त त्रुटि को चेक कराने हेतु परिवादी विपक्षी के यहाँ नहीं आया। इस प्रकार विपक्षी द्वारा परिवादी के यहाँ टेक्निशियन भेजने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। अगर परिवादी ए.सी. में यांत्रिक त्रुटि हेतु सूचना देता तो विपक्षी अवश्य टेक्निशियन भेजकर त्रुटि ठीक कराते। वारण्टी की शर्तों के अनुसार किसी प्रकार के क्लेम का निस्तारण गुड़गांव (हरियाणा) के न्यायालय में क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आता है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
बहस के समय उभय पक्ष अनुपस्थित। पत्रावली का अवलोकन किया गया। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाया है क्योंकि यह वारण्टी कम्पनी द्वारा दी गयी थी और परिवादी ने जो अनुतोष मांगा है वह कम्पनी ही दे सकती थी। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद संधार्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 08.03.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)