Chhattisgarh

Bilaspur

CC/11/118

SHRI RAMGOPAL MISHRA - Complainant(s)

Versus

I.A.G. VYASYA BANK LTD. - Opp.Party(s)

A 1 AND 2 KU. SAWITA PANJABI

06 May 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/11/118
 
1. SHRI RAMGOPAL MISHRA
MISHRA BHAVAN F.C.I. ROAD TARBHAR BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
2. SMT. SANDHYA MISHRA
MISHRA BHAVAN F.C.I. BHAVAN TARBAHAR BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. I.A.G. VYASYA BANK LTD.
NEAR KIMS HOSPITAL MAGARPARA BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
2. SHRI AMIT KUMAR SHARMA
I.A.G. VYASYA BANK LTD.
RAIPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
A 1 AND 2 KU. SAWITA PANJABI
 
For the Opp. Party:
NA 1 SHRI R.K. GUPTA
NA 2 ABSENT
 
ORDER

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//

 

                     प्रकरण क्रमांक CC/118/2011

                                                                                                  प्रस्‍तुति दिनांक 15/07/2011

  1. रामगोपाल मिश्रा,

आयु 68 वर्ष,पिता स्‍व.सालिगराम मिश्रा

  1. श्रीमती संध्‍या मिश्रा,

आयु 65 वर्ष, पति श्री रामगोपाल मिश्रा,

दोनों निवासी मिश्रा भवन,

एफ.सी.आई. रोड तारबाहर बिलासपुर

तह. व जिला बिलासपुर छ0ग0                         ....आवेदक/परिवादी

                                        विरूद्ध

     1. आई.एन.जी.व्‍यस्‍या बैंक लि.

     द्वारा शाखा प्रबंधक

     शाखा कार्यालय, किम्‍स हास्‍पीटल के पास

     मगरपारा बिलासपुर

     तह. व जिला बिलासपुर छ0ग0

 

     2. अमित कुमार शर्मा

     आयु 30 वर्ष, आत्‍मज श्‍याम सुंदर शर्मा

     शाखा प्रबंधक

     आई.एन.जी.व्‍यस्‍या बैंक लि.

     शाखा कार्यालय

     रायपुर छ0ग0                           ........अनावेदकगण/विरोधीपक्षकार

 

                                            आदेश

                      (आज दिनांक 06/05/2015 को पारित)

 

१. आवेदकगण ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक गण के विरूद्ध बैंकिंग सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदक गण से अपने ए.टी.एम. जरिये निकाले गए 83600/. रूपये  को ब्‍याज एवं क्षतिपूर्ति  के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि  अनावेदक क्रमांक 2 पूर्व में अनावेदक क्रमांक 1 बैंक में शाखा प्रबंधक था, जो आवेदकगण के पुत्र के आवास में किराए से रहता था, उसने किराया जमा करने की सुविधा के लिए आवेदकगण से अनावेदक क्रमांक 1 के बैंक में बचत खाता क्रमांक 637010007870 खुलवाया, जिसमें उन्‍हेंए.टी.एम. कॉर्ड की सुविधा प्रदान की गई थी, जिसका उपयोग वे बहुत सावधानी से करते थे । आगे कथन है कि आवेदक क्रमांक 1 दिनांक 16/03/2011 को अपने खाते में जमा रकम को सावधि खाते में जमा करने गया, तब उसे पता चला कि उसके खाते से 83,600/. रूपये की राशि दिनांक 04/03/2011 से 08/03/2011 के बीच आहरित की गई है, जिसकी सूचना आवेदक द्वारा अनावेदक बैंक एवं संबंधित थाने को दी गई । आगे कहा गया है  कि आवेदक के खाते से उक्‍त राशि का आहरण अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा बैंक कर्मचारियों की मदद से द्वितीय ए.टी.एम. कार्ड प्राप्‍त कर किया गया है । उक्‍त आधार पर आवेदकगण अनावेदकगण की बैंकिंग सेवा में कमी दर्शित करते हुए यह परिवाद पेश करना बताया है और इनसे वांछित  दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

3. अनावेदक बैंक की ओर से जवाब पेश कर अपने बैंक में आवेदकगण का बचत खाता होना और उसमें ए.टी.एम. सुविधा प्रदान किये जाने को तो स्‍वीकार किया गया, किंतु परिवाद का विरोध इस आधार पर किया गया कि आवेदकगण के निवेदन पर ही बैंक द्वारा उन्‍हें दूसरा ए.टी.एम. कॉर्ड जारी किया गया था, जिसका पिनकोड कोरियर के माध्‍यम से आवेदक क्रमांक 1 को ही डिलीवर हुआ था। आगे कथन है कि आवेदकगण ही ए.टी.एम. का उपयोग कर रा‍शि आहरित किये है और झूठे तथ्‍यों के आधार पर यह परिवाद प्रस्‍तुत कर दिये हैं, जबकि बैंक किसी भी ए.टी.एम.  कॉर्डधारी से न तो पिनकोड मांगता और न ही पूछता। उक्‍त आधार पर अनावेदक बैंक आवेदक के परिवाद को सव्‍यय निरस्‍त किये जाने का निवेदन किया है ।

4. अनावेदक क्रमांक 2 मामले में अनुपस्थित रहा, उसके लिये कोई जवाबदावा दाखिल नहीं किया गया है।

5. आवेदकगण एवं अनावेदक बैंक के अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

6. देखना यह है कि क्‍या आवेदकगण, अनावेदकगण के विरूद्ध  वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने के अधिकारी है

                                                    सकारण निष्‍कर्ष

7. आवेदकगण का बचत खाता अनावेदक बैंक में स्थित होने एवं उक्‍त खाते के संबंध में अनावेदक बैंक द्वारा आवेदकगण को ए.टी.एम.सुविधा उपलब्‍ध कराये जाने का तथ्‍य मामले में विवादित नहीं है ।

8. आवेदकगण का कथन है कि जब आवेदक क्रमांक 1 दिनांक 16/03/2014 को खाते में जमा राशि को सावाधि खाते में जमा करने गया, तो उसे पता चला कि उसके खाते से 83,600/. रूपये की राशि दिनांक 04/03/2011 से 08/03/2011 के बीच आहरित की गई है, जिसकी सूचना आवेदक द्वारा अनावेदक बैंक एवं संबंधित थाने को दी गई । आगे उक्‍त आहरण के संबंध में आवेदकगण द्वारा कहा गया है कि अनावेदक क्रमांक 2 पहले अनावेदक क्रमांक 1 के बैंक में प्रबंधक था तथा उसी के कहने पर उनके द्वारा अनावेदक बैंक में खाता खुलवाया गया था, फलस्‍वरूप अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा ही बैंक कर्मचारियों की मदद से द्वितीय ए.टी.एम. कार्ड प्राप्‍त कर राशि का आहरण किया गया है ।

9. इस प्रकार आवेदकगण के परिवाद में किये गये कथन से यह स्‍पष्‍ट होता है कि उनके द्वारा अनावेदक क्रमांक 2 पर ही अप्रत्‍यक्ष रूप से छलकपट कर  ए.टी.एम. के जरिये राशि आहरण का आरोप संदेह के आधार पर लगाया गया है जबकि इस संबंध में उनके पास अन्‍य कोई पुख्‍ता सबूत नहीं है, जबकि यह सुनिश्चित स्थिति है कि जहां विपरीत पक्ष के विरूद्ध छलकपट का आरोप लगाया जाता है तो सामान्‍यत: ऐसे विवाद का विनिश्‍यय उपभोक्‍ता फोरम द्वारा नहीं किया जा सकता, क्‍योंकि इसका विनिश्‍चय सेवा में कमी के विवाद के परिणाम पर पहुंचने के पूर्व किया जाना होता है और इस संबंध में विस्‍तृत साक्ष्‍य की आवश्‍यकता होने से इसकी जांच उपभोक्‍ता फोरम नहीं कर सकता ।

 10. अत: उपरोक्‍त कारणों से हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं कि प्रश्‍नगत मामले में आवेदकगण द्वारा मुख्‍य रूप से अनावेदक क्रमांक 2 पर कपट एवं छल कारित करने का आरोप लगाया गया है अत: इस संबंध में आवेदकगण को उपरोक्‍त अपराधों एवं परिणाम में होने वाली क्षति के  अनुतोष प्राप्ति हेतु समुचित विधि के तहत समुचित विधि न्‍यायालय से अनुतोष प्राप्‍त करना चाहिये । वास्‍तव में उनकी स्थिति प्रश्‍नगत मामले में अधिनियम की धारा 2(1)(डी.) में पारिभाषित उपभोक्‍ता की ही नहीं और इसलिए वे अधिनियम की अधिका‍रिता का अवलंब नहीं ले सकते, फलस्‍वरूप  परिवाद निरस्‍त किया जाता है ।

11.उभयपक्ष अपना अपना वादव्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे ।

 

                   (अशोक कुमार पाठक)                                      (प्रमोद वर्मा)

                             अध्‍यक्ष                                                    सदस्‍य

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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