मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ०प्र० लखनऊ
अपील संख्या- 146/2011
अरविन्द कुमार श्रीवास्तव
बनाम
आई०सी०आई०सी०आई० लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंश कम्पनी लि0 व अन्य
समक्ष:-
- माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य
- माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्या
अपीलार्थी की ओर से : कोई उपस्थित नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री बृजेन्द्र चौधरी
दिनांक- 10.01.2024
माननीय सदस्या श्रीमती सुधा उपाध्याय द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी अरविन्द कुमार श्रीवास्तव की ओर से विद्वान जिला आयोग, गाजीपुर द्वारा परिवाद संख्या– 48/2010 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव व एक अन्य बनाम आई०सी०आई०सी०आई० लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंश कम्पनी लि0 व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 27-12-2010 के विरूद्ध योजित की गयी है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री बृजेन्द्र चौधरी उपस्थित हुए।
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पीठ द्वारा केवल प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक रूप से परिशीलन किया गया।
परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उसके द्वारा मोटर साइकिल हीरो हाण्डा स्पलेण्डर अपनी बहन की शादी में देने हेतु क्रय की गयी, उक्त मोटर साइकिल का बीमा प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 बीमा कम्पनी से कराया गया था। दिनांक 05-05-2006/ 06-05-2006 की रात में उक्त मोटर साइकिल चोरी हो गयी जिसके सम्बन्ध में बीमित धनराशि दिलाए जाने हेतु परिवाद योजित किया गया।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने निर्णय में यह निष्कर्ष अंकित किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट घटना के 03 माह बाद दर्ज करायी गयी है इसलिए बीमा पालिसी की शर्त का उल्लंघन किया गया है तथा परिवाद भी देरी से प्रस्तुत किया गया है। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा विलम्ब क्षमा किये जाने हेतु संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: जिला आयोग ने कालबाधित होने के आधार पर परिवाद निरस्त कर दिया है।
पीठ की राय में जिला आयोग समस्त तथ्यों को उचित ढंग से विश्लेषित करते हुए निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जिसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती है, तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
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आदेश
प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
अपील में उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 3