(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
संख्या-2246/2011
शिव कुमार शर्मा पुत्र स्व0 श्री भगवती प्रसाद
बनाम
प्रबंधक, आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जन0इं0कं0लि0
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री संजय कुमार वर्मा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं
दिनांक :15.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- वाद संख्या-100/2011, शिव कुमार शर्मा बनाम प्रबंधक आईसीआईसीआई में विद्वान जिला आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 30.08.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि जिला उपभोक्ता आयोग लखनऊ में क्षेत्राधिकार उत्पन्न होता है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार कृषक की अप्राकृतिक मृत्यु होने पर बीमा देय है, यह योजना नि:संदेह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चालू की गयी है, परंतु प्रदेश के प्रत्येक किसान के लिए उपयोग में लायी जाती है, इसलिए परिवादी किसान यदि जनपद अलीगढ़ का निवासी है तब यह नहीं कहा जा सकता कि केवल लखनऊ में क्षेत्राधिकार प्राप्त है। जिला उपभोक्ता आयोग ने अवैध रूप से इस परिवाद को क्षेत्राधिकार विहीन मानते हुए अपना निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्त होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा वाद सं0-100/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.08.2011 अपास्त जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग अलीगढ़ को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त वाद सं0-100/2011 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए तथा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत मानते हुए उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
पक्षकार दिनांक 24.12.2024 को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2