Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/753

Ram Kishore - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard General Insurance - Opp.Party(s)

Yash Awasthi

18 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/753
( Date of Filing : 17 Apr 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ram Kishore
a
...........Appellant(s)
Versus
1. I C I C I Lombard General Insurance
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Nov 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-753/2012

Ramkishore S/O Shri Hanuman Deen

Versus  

ICICI Lombard General Insurance Company

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री यश अवस्‍थी, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री बृजेन्‍द्र चौधरी, विद्धान अधिवक्‍ता

दिनांक :18.11.2024 

माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍या द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-350/2007, श्री रामकिशोर बनाम आई0 सी0 आई0 सी0 आई0 लोम्‍बार्ड जनरल इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) लखनऊ द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 06.03.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.       जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि दुर्घटना की तिथि को वाहन पंजीकृत नहीं था, इसलिए बीमा क्‍लेम देय नहीं है।
  3.       दोनो पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने तथा अभिवचनों के अवलोकन के पश्‍चात यह तथ्‍य स्‍थापित है कि परिवादी द्वारा एक वाहन दिनांक 28.06.2005 को क्रय किया गया, जिसका बीमा भी कराया गया था, जो दिनांक 27.06.2006 तक प्रभावी था। यह वाहन दिनांक 25.08.2005 को दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ, परंतु इस तिथि को वाहन का पंजीकरण मौजूद नहीं था। प्रारंभ में जो पंजीकरण कराया गया वह दिनांक 30.07.2005 को समाप्‍त हो चुका था। इसके पश्‍चात दुर्घटना की तिथि दिनांक 25.08.2005 या 16.09.2005 को वाहन पंजीकृत नहीं था। अत: इस अपील के विनिश्‍चय के लिए महत्‍वपूर्ण विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि अस्‍थायी पंजीकरण की अवधि समाप्‍त होने के पश्‍चात तथा पुन: पंजीकरण कराने के मध्‍य दुर्घटना होने पर क्‍या कोई क्‍लेम देय है? परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि एक विशेष राशि की कटौती के पश्‍चात बीमा क्‍लेम अदा किया जाना चाहिए, जबकि बीमा कम्‍पनी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा इस पीठ का ध्‍यान नजीर Narinder Singh Vs New India Assurance Company Ltd & other की ओर आकृष्‍ट किया है, जिसमें व्‍यवस्‍था दी गयी है कि अस्‍थायी पंजीकरण की अवधि समाप्‍त हो जाने के पश्‍चात जब वाहन स्‍वामी द्वारा स्‍थायी आवेदन नहीं दिया जाता तथा न ही अस्‍थायी पंजीकरण की अवधि को अग्रसारित करने के लिए कोई अनुरोध किया जाता है तब अस्‍थायी पंजीकरण की अवधि समाप्‍त हो जाने के पश्‍चात बीमा क्‍लेम देय नहीं है। प्रस्‍तुत केस में यही स्थिति मौजूद है, जिसे स्‍वयं परिवादी द्वारा ही स्‍वीकार किया गया है। अत: उपरोक्‍त नजीर के आलोक में कहा जा सकता है कि दुर्घटना की तिथि को चूंकि वाहन पंजीकृत नहीं था, इसलिए बीमा पॉलिसी की शर्त के उल्‍लंघन के कारण बीमा क्‍लेम देय नहीं है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

        अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पुष्‍ट किया जाता है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता  आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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