(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-04/2009
Prabhat Kusum Gupta S/O Late S.P. Gupta
Versus
ICICI Bank, Civil Lines, Bareilly
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एम0एच0 खान, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं
दिनांक :13.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-198/2008, प्रभात कुसुम गुप्ता बनाम आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) बरेली द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 28.11.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी द्वारा जारी चेक बाउंस होने पर 900/-रू0 की कटौती त्रुटिपूर्ण मानते हुए इस राशि को वापस लौटाने तथा अंकन 500/-रू0 की क्षतिपूर्ति एवं 1,000/-रू0 परिवाद व्यय अदा करने के लिए आदेशित किया गया है।
- इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ोत्तरी के लिए प्रस्तुत की गयी है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा वर्ष 2002 में 1,00,000/-रू0 का लोन लिया गया था, जिसे 10 प्रतिशत दो बार बढ़ाया गया है और वादी बगैर किसी बाधार के नियमित रूप से किश्त जमा करता रहा, परंतु 05 मार्च 2008 को वादी के खाते में किश्त के पैसे जमा होने के बावजूद चेक भी डिसऑनर कर दिया और अंकन 225/-रू0 पैनल भी लगा दी गयी, इस प्रकार विपक्षी द्वारा सेवा में त्रुटि कारित की गयी है। विपक्षी द्वारा इस परिवाद का कोई कथन नहीं किया गया, इसलिए उपरोक्त वर्णित आदेश पारित किया गया। कुल चार बार 225/-रू0 काटे गये हैं। इस प्रकार कुल 900/-रू0 की हानि परिवादी को कारित होने का कथन परिवाद पत्र में किया गया है, साथ ही अंकन 50,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति एवं 25,000/-रू0 अधिवक्ता फीस एवं वाद खर्च की मांग की गयी थी, चूंकि यह तथ्य स्थापित है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने बैंक के स्तर से लापरवाही के तथ्य को साबित माना है, इसलिए अंकन 5,00/-रू0 की क्षतिपूर्ति अत्यधिक कम है, इस मद में क्षतिपूर्ति की राशि 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के मद में 1,000/-रू0 के स्थान पर 2,500/-रू0 किया जाना उचित है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में प्रत्यर्थी/विपक्षी अंकन 500/-रू0 के स्थान पर अंकन 5,000/-रू0 अपीलार्थी/परिवादी को अदा करें, साथ ही परिवाद व्यय के रूप में 1,000/-रू0 के स्थान पर 2,500/-रू0 भी अदा करें। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2