(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1804/2011
विवेक सिंघल बनाम आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 21.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-399/2008, विवेक सिंघल बनाम आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 2.9.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री श्याम कुमार राय को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि विद्वान जिला आयोग को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है, क्योंकि ऋण दिल्ली से लिया गया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि गाजियाबाद में भी विपक्षी बैंक की शाखा स्थित है, इसलिए गाजियाबाद स्थित विद्वान जिला आयोग को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है।
4. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 11(2)(a) के अनुसार जहां पर विपक्षी व्यापार करता है और जहां विपक्षी की शाखा मौजूद हो, वहां पर भी परिवाद प्रस्तुत किया जा सकता है। आईसीआईसीआई बैंक की शाखा गाजियाबाद में है, इसलिए गाजियाबाद स्थित विद्वान जिला आयोग को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। तदनुसार क्षेत्राधिकार के
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बिन्दु पर विद्वान जिला द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त होने तथा प्रस्तुत अपील स्वीकार किए जाने और प्रकरण पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.09.2011 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण संबंधित जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग स्वंय में क्षेत्राधिकार मानते हुए प्रश्नगत परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे तथा उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष पर निस्तारण, यथासंभव 03 माह में करना, सुनिश्चित करे।
उभय पक्ष दिनांक 25.11.2024 को विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद के समक्ष उपस्थित हों।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2