(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1472/2007
डा0 सुशान्त कुमार खरे पुत्र श्री जे.एल. खरे
बनाम
मैसर्स हुण्डई मोटर्स इण्डिया लि0 तथा दो अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 12.06.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-84/2004, डा0 सुशान्त कुमार खरे बनाम मैसर्स हुण्डई मोटर्स इण्डिया लि0 तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, झांसी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 5.6.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद खारिज कर दिया गया।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने अंकन 3,28,489/-रू0 में एक सेन्ट्रो कार क्रय की थी। विपक्षी सं0-1 विपक्षी सं0-2 का अधिकृत डीलर है। सितम्बर 2003 में कार में अचानक खराबी आ जाने पर मरम्मत कराई गई, जिसमें अंकन 20,603/-रू0 का भुगतान विपक्षी सं0-3 को किया गया और इसके बाद दिनांक 26.11.2003 को आगरा से झांसी आते समय कार खराब हो गई। विपक्षी सं0-2 से कार चेक कराई गई,
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जिन्होंने बताया कि कनेक्टिंग राड झुक गई है और पिस्टन टूट गया है तथा यह भी कहा कि चार राड में से दो राड हुण्डई कंपनी के न होने के कारण पार्ट्स डुप्लीकेट लगाए जाएंगे। दिनांक 1.12.2003 को परिवादी ने कस्टमर रिलेशन मैनेजर को पत्र भेजा गया, जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया। कार की मरम्मत कराने में अंकन 27,338/-रू0 खर्च हुए। इस प्रकार 06 माह के अंदर केवल 10 हजार किलोमीटर गाड़ी चलने में ही खराब हो गई। चूंकि यह कार वारण्टी अवधि में खराब हुई है, इसलिए परिवादी इस राशि को वापस प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
4. विपक्षीगण द्वारा क्षेत्राधिकार की आपत्ति की गई। विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्य की व्याख्या के पश्चात यह निष्कर्ष दिया कि यथार्थ में विद्वान जिला आयोग, झांसी को क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। तदनुसार परिवाद खारिज कर दिया गया।
5. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विपक्षी सं0-3, सुन्दर सेल्स एण्ड सर्विस, सिविल लाइन, झांसी में स्थित है। उनके द्वारा गाड़ी की मरम्मत की गई तथा पार्ट्स बदले गए हैं। अत: वाद कारण झांसी जनपद में भी उत्पन्न हुआ है।
6. परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से जाहिर होता है कि सुन्दर सेल्स एण्ड सर्विस द्वारा डुप्लीकेट पार्ट्स लगाए गए, इसलिए आगरा से झांसी आते समय गाड़ी खराब हो गई, इसलिए ग्वालियर में गाड़ी की मरम्मत कराने की बाध्यता उत्पन्न हुई, इसलिए झांसी में भी वाद कारण अंशत: उत्पन्न हुआ है। विपक्षी सं0-3 विपक्षी सं0-1 के अधिकृत डीलर हैं। अत: अंशत: झांसी में वाद कारण उत्पन्न होने के आधार पर झांसी उपभोक्ता आयोग के समक्ष परिवाद संधारणीय है। तदनुसार प्रस्तुत अपील
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स्वीकार होने और प्रकरण प्रतिप्रेषित होने योग्य है।
आदेश
7. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग, झांसी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 5.6.2007 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण विद्वान जिला आयोग, झांसी को इस आशय से प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह परिवाद को अपने मूल नम्बर पर कायम करते हुए परिवाद का निस्तारण उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष पर किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
पक्षकारो का कोई भी स्थगन अपरिहार्य परिस्थितियों के अलावा स्वीकार नहीं किया जाएगा और परिवाद का निस्तारण त्वरित रूप से किया जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2