जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री हरीष बुलानी पुत्र श्रीथांवरदास बुलानी, एडवोकेट, निवासी- चाणक्यपुरी, वैषालीनगर, अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. हुडई मोटर्स इंण्डिया लिमिटेड, मैनेजर, हुडई कार राजपथ हाउस, अजमेर
2. एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, सूचना केन्द्र के पास, अजमेर -305001
3. एच.डी.एफ.सी. इरगो जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, रजिस्टर्ड कार्यालय रमन हाउस एच.टी. पारख मार्ग, 169, बेक-बे रिकलेमेषन, मुम्बई-400020
4. हुंडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड, रजिस्टर्ड कार्यालय इरूघट्टूकोटैई, नेषनल हाईवे नं. 4, श्री पैरूमबदुर बालूक, कांचीपूरम डिस्ट्रिक, तमिलनाडु-602105
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 06/2012
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1. श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. श्री ओम प्रकाष, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं.1 हुडई
मोटर्स,अजमेर(डीलर)
3 श्री तेजभान भगतानी, अधिवक्ता, अप्रार्थी संख्या 2 व 3
4. श्री अवतार सिंह उप्पल, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.4 हुडई
मोटर्स,(निर्माता)
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 05.02.2015
1. प्रार्थी की ओर से यह परिवाद अप्रार्थी हुडई मोटर्स इण्डिया लिमिटेड, राजपथ हाउस, अजमेर सहित अप्रार्थी बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाते हुए दिनंाक 22.12.2011 को पेष किया । तत्पष्चात् एक आवेदन प्रार्थी की ओर से दिनांक 18.10.2012 को प्रस्तुत हुआ जिसके द्वारा निवेदन किया गया कि प्रकरण में हुडई मोटर्स इण्डिया लिमिटेड, रजिस्टर्ड कार्यालय, जो कार का निर्माता है, को पक्षकार बनाया जावे । उक्त आवेदन स्वीकार करते हुए हुडई इंण्डिया लिमिटेड, मैनेजर, हुडई कार राजपथ हाउस, अजमेर के अतिरिक्त हुडई मोटर्स इण्डिया लिमिटेड, रजिस्टर्ड कार्यालय इरूघट्टूकोटैई, नेषनल हाईवे नं. 4, श्री पैरूमबदुर बालूक, कांचीपूरम डिस्ट्रिक, तमिलनाडु-602105 को पक्षकार बनाया गया ।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस तरह से है कि प्रार्थी ने हुडई इण्डिया मोटर्स लिमिटेड की कार हुडई वर्ना दिनंाक 14.5.2011 को राजपथ आटो हाउस , अजमेर से क्रय की जिसका रजिस्ट्रेषन नं. परिवाद की चरण संख्या 1 में दिया हुआ है । इस कार की मषीनरी व इंजन आदि की 7 वर्ष की वारण्टी दी थी । प्रार्थी द्वारा इस कार का बीमा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से अवधि दिनांक11.5.2011 से 10.5.2012 तक के लिए करवाया । दिनंाक 27.5.2011 को प्रार्थी की यह कार अचानक एक पत्थर पर उछल कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे कार का आॅयल पम्प क्षतिग्रस्त हो गया । प्रार्थी द्वारा कार में इस दुर्घटना से हुई क्षति का सर्वे सर्वेयर श्री धनन्जय कुमार से जरिए हिमगिरी कार प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली से करवाया एवं सर्वे करने के बाद कार हिमगिरी कार्स प्राईवेट लिमिटेड पर ठीक करवाई । मरम्मत के दौरान कार में टर्बो चार्जर नया लगाना पडा । प्रार्थी ने टर्बो चार्जर की राषि सहित कुल राषि रू. 71195/- हिमगिरी कार्स प्राईवेट लिमिटेड को अदा की ।
3. परिवाद में आगे दर्षाया कि कार का टर्बो चार्जर खराब होनेे के कारण उसे बदला गया उसके बिना कार ठीक नहीं हो रही थी । यह भी बतलाया गया कि टर्बो चार्जर खराब व गलत ढंग से लगा हुआ था एवं टर्बो चार्जर गारण्टी अवधि में था । अतः उसे बदल कर देने व उसकी वजह से कार में हुए नुकसान में खर्च हुई राषि अदा करने की अप्रार्थीगण की जिम्मेदारी थी। अप्रार्थी हुडई मोटर्स व बीमा कम्पनी अपनी जिम्मेदारी टालने के लिए एक दूसरे पर देाष मडने लगे तथा प्रार्थी को बिल की राषि अदा नहीं कर रहे है जबकि प्रार्थी इस राषि को प्राप्त करने का अधिकारी है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी की कार में मरम्मत पैटे खर्च हुई राषि देने के बजाय प्रार्थी का दावा खारिज कर दिया एवं दावा खारिजी पत्र में उल्लेख किया कि कार दुर्घटनाग्रस्त होने के 21 दिन बाद बीमा कम्पनी को सूचना दी है तथा सर्वेयर ने वर्कषाप पर दुबारा निरीक्षण करने पर पाया कि कार के टर्बो चार्जर पर दुर्घटना का कोई असर नहीं हुआ है इसलिए क्लेम खारिज किया जाता है जबकि प्रार्थी की कार का टर्बो चार्जर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से खराब हुआ है इसलिए टर्बो चार्जर बदला गया था । इस तरह से प्रार्थी के क्लेम को खारिज कर सेवा में कमी की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
4. अप्रार्थी हुडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड, राजपथ हाउस, अजमेर(डीलर) की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें बतलाया कि बीमा कम्पनी की गलती के लिए यह अप्रार्थी कम्पनी जिम्मेदार नहीं है तथा टर्बो चार्जर में कोई दोष था तो भी इस अप्रार्थी का कोई दायित्व नहीं है क्योंकि इस संबंध में वारण्टी/गारण्टी निर्माता कम्पनी हुडई कार मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड द्वारा दी जानी है । अपने जवाब में आगे बतलाया कि प्रार्थी ने हिमगिरी कार्स प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली को पक्षकार नहीं बनाया जो कि आवष्यक पक्षकार था तथा स्वयं के विरूद्व वाद खारिज होने योग्य बतलाया ।
5. अप्रार्थी संख्या 2 व 3 बीमा कम्पनी की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें दर्षाया कि प्रार्थी ने दुर्घटना की सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को 21 दिन बाद दी थी इसके अतिरिक्त टर्बो चार्जर की क्षति के संबंध में अप्रार्थी द्वारा नियुक्त सर्वेयर ने बाद निरीक्षण बतलाया कि इस दुर्घटना का कोई प्रभाव टर्बो चार्जर पर नहीं पडा । अतः प्रार्थी का क्लेम सही रूप से अस्वीकार किया गया है। जवाब में यह भी दर्षाया किं प्रार्थी का कथन रहा है कि टर्बो चार्जर खराब लगा हुआ था जिसे बदलने की जिम्मेदारी अप्रार्थी हुडई मोटर्स की है । उत्तरदाता अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के क्लेम को सही रूप से अस्वीकार किया जाना दर्षाया है ।
6. अप्रार्थी संख्या 4 अप्रार्थी हुडई कार निर्माता कम्पनी की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें भी इस अप्रार्थी द्वारा प्रारम्भिक आपत्तिया ली गई तथा प्रार्थी के परिवाद की चरण संख्या 16 में वर्णितानुसार प्रार्थी का ही कथन रहा है कि कार का टर्बो चार्जर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से खराब हुआ था । कार के टर्बो चार्जर में बनावट संबंधी अथवा अन्य दोष नहीं था । परिवाद में अंकित अन्य तथ्यों को गलत होना दर्षाते हुए परिवाद खारिज होना बतलाया है ।
7. हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
8. अधिवक्ता प्रार्थी की बहस है कि प्रार्थी ने यह कार दिनांक 14.5.2011 को क्रय की । क्रय की गई कार के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कार में हुए नुकसान का सर्वे करवाया गया एवं कार की मरम्मत अप्रार्थी हुडई मोटर्स के अधिकृत सर्विस सेन्टर हिमगिरी कार्स प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली से करवाई गई । मरम्मत के वक्त कार का टर्बो चार्जर खराब होना पाया गया जिसे बदला जाना आवष्यक बतलाया चूंकि इस टर्बो चार्जर के संबंध में 7 वर्ष की गारण्टी/वारण्टी थी । अतः बदले गए टर्बो चार्जर की राषि प्रार्थी अप्रार्थी हुडई मोटर्स(निर्माता कम्पनी ) से प्राप्त करने का अधिकारी है साथ ही विकल्प में इस टर्बो चार्जर में कार के क्षतिग्रस्त होने के बाद ही खराबी आई है अतः प्रार्थी टर्बो चार्जर की राषि भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करेने का अधिकारी हे ।
9. अधिवक्ता अप्रार्थी हुडई मोटर्स राजपथ हाउस, अजमेर(डीलर) की बहस है कि वह हुडई मोटर्स का डीलर मात्र है । अतः टर्बो चार्जर में कोई निर्माणीय दोष है तो उसका कोई दायित्व नहीं होकर कार निर्माता कम्पनी का दायित्व होता है । इस प्रकार बीमा कम्पनी ने प्रार्थी के क्लेम को सही रूप से अस्वीकार किया है तथा प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से राषि प्रापत करने का अधिकारी नही ंहै । इस अप्रार्थी के पक्ष में किसी भी तरह से सेवा में कमी सिद्व नहीं हुई है ।
10. अप्रार्थी बीमा कम्पनी के अधिवक्ता की बहस है कि परिवाद में वर्णितानुसार प्रार्थी की कार का टर्बो चार्जर में खराबी आई थी एवं यह खराबी कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से आई है ऐसा प्रार्थी की ओर से सिद्व नहीं हुआ है बल्कि इस बीमा कम्पनी के सर्वेयर द्वारा टर्बो चार्जर के संबंध में दोबारा निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि टर्बो चार्जर पर दुर्घटना से किसी तरह का कोई चिन्ह नहीं पाया गया । अतः टर्बो चार्जर दुर्घटना से खराब नहीं हुआ है एवं प्रार्थी के क्लेम को सहीं रूप से अस्वीकार किया है ।
11. अप्रार्थी संख्या 4 हुडई मोटर्स लिमिटेड के अधिवक्ता की बहस है कि प्रार्थी के कथन परस्पर विरोधाभासी है । परिवाद में प्रार्थी का कथन रहा है कि कार में टर्बो चार्जर गलत व खराब लगा हुआ था तथा कार वारण्टी अवधि में थी एवं टर्बो चार्जर को बदलने की जिम्मेदार अप्रार्थी हुडई मोटर्स की थी लेकिन प्रार्थी की ओर से टर्बो चार्जर में क्या दोष थे , नहीं दर्षाया है और ना ही इस संबंधी में किसी विषेषज्ञ की राय पेष की है । परिवाद की चरण संख्या 16 के अनुसार प्रार्थी का कथन है कि कार के टर्बो चार्जर में नुकसान कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से हुआ है इस आधार पर इस अप्रार्थी का कोई दायित्व नहीं बनता है । अतः इस अप्रार्थी के विरूद्व प्रार्थी का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है ।
12. हमने बहस पर गौर किया । जहां तक प्रार्थी ने कार हुडई वर्ना जो दिनंाक 14.5.2011 को अप्रार्थी संख्या 1 राजपथ आटो हाउस, अजमेर से क्रय की उक्त कार हुडई मोटर्स द्वारा निर्मित थी, तथ्य निर्विवाद है । इसी तरह से इस कार का बीमा दिनांक 11.5.2011 से 10.5.2012 तक की अवधि के लिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से किया हुआ था, यह तथ्य भी निर्विवाद है ।
13. हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या प्रार्थी कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसकी मरम्मत में खर्च हुई राषि रू. 71,195/- अप्रार्थी हुडई मोटर्स एवं अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी है ?
14. परिवाद की चरण संख्या 9 में वर्णितानुसार प्रार्थी का कथन रहा है कि प्रार्थी की कार का टर्बो चार्जर खराब होने से बदला गया था क्योंकि उसके बिना कार ठीक नहीं हो सकती थी । इसी तरह से परिचाद की चरण संख्या 10 में दर्षाया है कि टर्बो चार्जर कार में गलत व खराब लगा हुआ था तो अप्रार्थी संख्या 1 की जिम्मेदारी है कि टर्बो चार्जर को गारण्टी अवधि में बदले तथा उसकी वजह से कार में हुई नुकसान की राषि प्रार्थी को अदा करें । अप्रार्थी बीमा कम्पनी के पत्र दिनांक 1.8.2011 जो प्रार्थी को भेजा गया, में सपष्ट उल्लेख किया है कि कार की मरम्मत के बाद कार रिपेयरकर्ता द्वारा टर्बो चार्जर को रिप्लेस करने की मांग करने पर उनके सर्वेयर श्री धनन्जय द्वारा इस संबंध में पुनः निरीक्षण किया गया तो टर्बो चार्जर पर किसी तरह के दुर्घटना के चिन्ह नहीं पाए गए अतः टर्बो चार्जर के रिप्लेस की राषि अपा्रर्थी बीमा कम्पनी द्वारा नहीं दी गई है । हमने इस संबंध में गौर किया ।
15. परिवाद की चरण संख्या 6 में प्रार्थी ने स्पष्ट उल्लेख किया है कि दिनंाक 27.5.2011 को कार एक पत्थर पर उछल कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे कार का आॅयल पम्प क्षतिग्रस्त हो गया तथा दुर्घटना से टर्बो चार्जर क्षतिग्रस्त होता तो इसका उल्लेख प्रार्थी परिवाद में अवष्य करता । स्वयं प्रार्थी ने परिवाद में वर्णित अनुसार कार में टर्बो चार्जर गलत व खराब लगा हुआ होना बताया है। इन तथ्यों को देखने से हमारे मत में प्रार्थी की कार के टर्बो चार्जेर दुर्घटनास्वरूप क्षतिग्रस्त हुआ है एवं इसे बदलना पडा , यह तथ्य सिद्व नहीं है । प्रार्थी ने दुर्घटना से कार का आयल पम्प दुर्घटनाग्रस्त होना बतलाया है एवं प्रार्थी ने हिमगिरी कार्स प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली से कार की मरम्मत करवाई है और प्रार्थी ने कार मरम्मत की राषि के बिल क्रमषः दिनांक 4.6.11, 5.6.11 व 13.7.2011 पेष किए है जिनकी कुल राषि रू. 71,195/- होती है जिनमें टर्बो चार्जर की राषि रू. 54,668/- दर्षाई हुई है । उक्त बिलों के अवलोकन से हम पाते है कि प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से इस राषि रू. 71,195/- में से टर्बो चार्जर की राषि रू. 54668/- काटने के बाद षेष राषि रू. 16527/- जो दुर्घटना के बाद कार की मरम्मत पैटे से संबंधित है, अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है । अप्रार्थी बीमा कम्पनी के पत्र दिनांक 1.8.2011 में भी आयल पम्प जो क्षतिग्रस्त हुआ, के संबंध में खर्च की राषि दिए जाने की अनुषंषा भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा की गई है ष्
16. अब हमें यह देखना है कि क्या प्रार्थी टर्बो चार्जर की राषि रू. 54668/- अप्रार्थी हुडई मोटर्स इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड(निर्माता) से प्राप्त करने का अधिकारी है ? इस संबंध में हमारी विवेचना है कि प्रार्थी की कार का टर्बो चार्जर कार खरीदने के मात्र 13-14 दिन बाद ही खराब होना पाया गया है एवं टर्बो चार्जर को अप्रार्थी हुडई मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड के अधिकृत सर्विस सेन्टर/संस्थान हिमगिरी कार्स प्राईवेट लिमिटेड द्वारा बदला गया होना पाया है। हमने अप्रार्थी हुडई मोटर्स द्वारा की गई बहस पर गौर किया । इस संबंध में प्रार्थी की ओर से कोई विषेषज्ञ की रिर्पोट पेष नहीं की गई है लेकिन टर्बो चार्जर के खराब होने के कारण हुडई मोटर्स के अधिकृत सर्विस सेन्टर द्वारा इसे बदला गया है एवं यह खराबी कार खरीदने के मात्र 13-14 दिन बाद ही आई है । इन परिस्थितियों को देखने से टर्बो चार्जर में खराबी थी इस तथ्य की अवधारणा ली जा सकती है । इस सारे विवेचन सो हमारा निष्कर्ष है कि प्रार्थी अपनी कार में बदले गए टर्बो चार्जर की राषि रू. 54668/- अप्रार्थी हुडई मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड(निर्माता कम्पनी) से प्राप्त करने का अधिकारी है ।
17. उपरोक्त विवेचनानुसार प्रार्थी का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य है एवं प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से कार मरम्मत पैटे खर्च हुई राषि रू. 16527/- व अप्रार्थी संख्या 4 हुडई मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड से टर्बो चार्जर की राषि रू. 54668/- प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है । अप्रार्थी संख्या 1 हुडई मोटर्स इंण्डिया लिमिटेड, मैनेजर, हुडई कार राजपथ हाउस, अजमेर के विरूद्व प्रार्थी सेवा में कमी सिद्व नही ंकर पाया है अतः उसके विरूद्व परिवाद खारिज होने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
18. (1) प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 2 व 3 बीमा कम्पनी से कार मरम्मत पैटे खर्च हुई राषि रू. 16527/- तथा अप्रार्थी संख्या 4 हुडई मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड(निर्माता कम्पनी) से टर्बो चार्जर की राषि रू. 54668/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में अप्रार्थी संख्या 2 व 3 बीमा कम्पनी से राषि रू.2000/- एवं अप्रार्थी संख्या 4 हुडई मोटर्स प्राईवेट लिमिटेड(निर्माता कम्पनी) से रू. 2000/- भी पृथक पृथक रूप से प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. सं. 1 व 2 में वर्णित राषि उक्त अप्रार्थीगण प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) दो माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी 2,3 व 4 से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(5) अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व परिवाद खारिज किया जाता है ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
19. आदेष दिनांक 05.02.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्य सदस्या अध्यक्ष