Rajasthan

Ajmer

CC/161/2014

HARBANSH SINGH - Complainant(s)

Versus

HUNDAI MOTERS - Opp.Party(s)

ADV.DILIP SINGH RATHORE

05 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/161/2014
 
1. HARBANSH SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. HUNDAI MOTERS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 05 Aug 2016
Final Order / Judgement

   जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री हरबंस सिंह पुत्र श्री गुरूबचन सिंह, उम्र-50 वर्ष, जाति- सिक्ख, निवासी- एच. बी. फर्नीचर हाउस, प्रकाष रोड़़, नगरा, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी

                            बनाम

1. हुण्डई मोटर्स इण्डिया लिमिटेड जरिए मैनेजर(डिस्ट्रीब्यूटर डीलर) गायेल कोर्स, अजमेर प्राईवेट लिमिटेड, घूघरा घाटी, जयपुर रोड, अजमेर । 
2. अजमेर हुण्डई मोटर्स इण्डिया लिमिटेड सर्विस सेन्टर जरिए मैनेजर, घूघरा घाटी, जयपुर रोड, अजमेर ।
3. टाटा ए.आई जी. इंष्योरेंस क.लि. जरिए मैनपेजर, आगरा गेट के पास, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या 161/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री दिलीप सिंह राठौड़, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री सूर्यप्रकाष गांधी, अधिवक्ता अप्रार्थी सं. 1 व 2
                  3. श्री  राजेष जैन, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं.3   

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 16.08.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 1 से दिनंाक 23.11.2011को  एक हुण्डई सिडान कार संख्या आर.जे.01.सीबी 5700 क्रय की । दिनंाक 20.9.2013 कार के इंजन में खराबी आने पर अप्रार्थी संख्या 1 को इसकी षिकायत की तो अप्रार्थी संख्या 1 ने अप्रार्थी संख्या 2  कें यहां सर्विस कराने की सलाह देते हुए कार लौटा दी। साथ  ही  यह  बताया कि  रू. 77590/- देने पर गाड़ी का टर्बो बना कर दिया जावेगा ।   उक्त वाहन अप्रार्थी संख्या 3 के यहां  दिनंाक 17.11.2012 से 16.11.2013 तक के लिए बीमित था  । उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से  दिनंाक 11.10.2013 को नोटिस भिजवाते हुए  उक्त वाहन को दुरूस्त करने का निवेदन किया  । किन्तु अप्रार्थीगण ने कोई सुनवाई नहीं की । प्रार्थिया ने इस परिवाद के जरिए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की हे । 
2.       अप्रार्थी संख्या 2 व 3 ने जवाब प्रस्तुत कर  दर्षाया है कि दिनंाक 
22.9.2013 को कार  दुर्घटना की स्थिति में 26.9.2013 को  मरम्मत के लिए टो करके लाई गई  थी। उत्तरदाता ने रनिंग हालत में वाहन तैयार कर  प्रार्थी को लौटा दिया गया था । इसके बाद दिनंाक 9.10.2013 को प्रार्थी अप्रार्थी के यहां कार की डिलीवरी लेने आने के बाद टर्बो बदलवाने  की इच्छा जाहिर करते हुए  उसका एस्टीमेट मांगा  इस पर उत्तरदाता ने रू. 77500/- का एस्टीमेट बना कर प्रार्थी को दिया 
           अप्रार्थी का कथन है कि प्रार्थी टर्बो चार्जर की राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करना चाहता है । किन्तु  बीमा कम्पनी ने वाहन के टर्बो चार्जर  पर किसी प्रकार का प्उचंबजमक मगजमतदंस मििमबज  टर्बो चार्जर का क्लेम देने से इन्कार कर दिया ।   उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई ।     
3.            अप्रार्थी संख्या 3 ने परिवाद के जवाब में दर्षाया है कि दिनंाक 26.8.2013 को प्रष्नगत वाहन का एक्सीडेण्ट  हो गया था और इंजीनियर द्वारा वाहन का सर्वे कर  दिनंाक 26.9.2013 को एस्टीमेट बना कर दिया था । सर्वेयर द्वारा सर्वे करने पर टर्बो पार्ट्स को क्षतिग्रस्त  होना नहीं पाया  था ।  उनके सर्वेयर  सुनीता ष्षोर्य द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन का सर्वे किया गया और उन्होने रू. 17,438/- की क्षति आंकलित की  और कम्पलसरी एक्सैस रू. 2000/- घटाते हुए रू.  15438/-  मरम्मतकर्ता वर्कषाप कैषलेस सुविधा के अनुबन्ध के  आधार पर प्रार्थी से ैंजपेंिबजपवद स्ंजजमत     पर हस्ताक्षर कर  भुगतान कर दिया गया है । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई अन्त में परिवाद सव्यय निरस्तकिएजाने कीप्रार्थना की गई है । 
4.     प्रार्थी पक्ष का तर्क रहा है कि दिनंाक 20.9.2013 को उसके कार के इंजन में खराबी आने व अप्रार्थी को ठीक करने के लिए देने पर उसे बताया गया था 
कि वह अप्रार्थी के सर्विस सेन्टर के यहां गाडी ठीक कराए तथा  निर्देष दिया कि गाडी का टर्बो खराब हो गया है इसको बदलना पडेगा । यह भी  तर्क प्रस्तुत किया गया है कि  उक्त वाहन अप्रार्थी संख्या 3 के यहां बीमित था इसके बावजूद  उक्त क्षतिपूर्ति की राषि की अदायगी नही ंकर सेवा मे ंकमी का परिचाय दिया गया है ।  परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । 
5.     अप्रार्थीगण की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है उनकी ओर से प्रार्थी को कभी कोई दुरूस्ती का आष्वासन नहीं दिया गया । प्रार्थी की  दुर्घटनाग्रस्त कार उनके यहां दिनांक 26.9.2013 को मरम्मत के लिए लाई गई थी  उक्त वाहन के टर्बो चार्जर का दुर्घटना के समय कोई नुकसान कारित नहीं हुआ था और ना ही जाबकार्ड में इस बाबत् कोई तथ्य उल्लेख है । प्रार्थी को दिनांक 30.9.2013 को वाहन की  डिलीवरी देने के बाद दिनांक  9.10.2013 को   अप्रार्थी ने उसके यहां सम्पर्क किया है व टर्बो चार्जर बदलने की इच्छा  जाहिर करते हुए  प्रार्थी को रू. 77590/- का  ऐस्टीमेट बना कर दिया गया था ।  प्रमुख रूप से यही तर्क प्रस्तुत किया गया है कि न तो टर्बो चार्जर बीमा क्लेम में सम्मिलित है और ना ही इसमें दुर्घटना  के  दौरान कोई खराबी आई है । वास्तव में दिनंाक 
20.9.2013 को प्रार्थी ने उनके यहां कोई सम्पर्क ही किया । क्लेम गलत तथ्यों को आधार बताते हुए जो परिवाद प्रस्तुत किया गया है सव्यय निरस्त कर दिया जाना चाहिए । 
6.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी अवलोकन कर लिया है ।
7.     स्वीकृत रूप से  प्रार्थी की ओर से दिनंाक 20.9.2013 को वाहन में टर्बो बाबत् आई खराबी के संदर्भ में किसी प्रकार  से अप्रार्थी बीमा कम्पनी  तथा आई खराबी के संदर्भ में किसी प्रकार से  अप्रार्थीगण अथवा सर्विस सेन्टर में सम्पर्क किया गया हो , इस बाबत् सम्पुष्टी का कोई साक्ष्य यथा  पत्र आदि,जाब कार्ड, षिकायती पत्र आदि प्रस्तुत  नहीं किए गए हंै । अपितु  उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार अप्रार्थी हुण्डई कम्पनी में प्रार्थी  ने दिनंाक 25.9.2012 को हुए एक्सीडेण्ट के संदर्भ में बीमा कम्पनी का क्लेम फार्म भरा है ।  जिस बाबत् उक्त वाहन का सर्वे किया जाकर पार्टस का ऐस्टीमेट क्रमांक 462 व सर्वे रिपोर्ट में उल्लेख आया है । टर्बो में किसी प्रकार की खराबी का जिक्र सामने नहीं आया है । फलस्वरूप प्रार्थी का पक्ष कथन  उसकी स्वयं की साक्ष्य के अभाव में स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । अप्रार्थीगण द्वारा जो उसे टर्बो बाबत् सलाह दी जाकर स्थिति का खुलासा किया गया है, में किसी  प्रकार  की कोई सेवा मे कमी की गई हो  अथवा रह गई हो, सिद्व नहीं है । परिणामस्वरूप परिवाद खारिज होने योग्य है  एवं आदेष है कि 
                          -ःः आदेष:ः-
8.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 16.08.2016 लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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