Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/1025/2019

YASH BHARDAWAJ - Complainant(s)

Versus

HSIL - Opp.Party(s)

ATHARVA ARYA

11 Aug 2022

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/1025/2019
( Date of Filing : 25 Sep 2019 )
 
1. YASH BHARDAWAJ
.
...........Complainant(s)
Versus
1. HSIL
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MS. sonia Singh MEMBER
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 11 Aug 2022
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-   1025/2019                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                    श्री अशोक कुमार सिंहसदस्‍य।

         श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-25.09.2019

परिवाद के निर्णय की तारीख:-11.08.2022

Yash Bharadwaj, Son of Sri. Rajesh Sharma, aged about 28 years, Resident of 22/11, Near Akhandeswar Mandir, Indira Nagar, Lucknow.

                                                                                            ..........Complainant.                                   

   Versus

 

1.      HSIL Limited through its Managing Director, Registered office situated at, Red Cross Place, Kolkata-700001.

2.      HSIL Limited through its Manager (Service Centre), office situated at C2, Transport Nagar, Opposite RTO office, Lucknow-226023.

                                                                                           ...........Opp. Parties.

आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।

 

                               निर्णय

 

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी से 600.00 रूपये की वापसी 18 प्रतिशत ब्‍याज के साथ दिनॉंक 06.03.2019 से भुगतान की तिथि तक, स्विच प्‍लेट को बदलने अथवा 5,000.00 रूपये, 1500.00 रूपये लगाने की कीमत के साथ, नुकसान के लिये 35,000.00 रूपये, क्षतिपूर्ति के रूप में 40,000.00 रूपये तथा वाद व्‍यय 15,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने हिन्‍दवेयर ब्राण्‍ड का सैनेट्री फिटिग्‍स विपक्षी संख्‍या 01 डीलर ओमसाई एजेन्‍सी लखनऊ से करायी थी जिसके लिये उन्‍हें 69,000.00 रूपये का कुल भुगतान किया गया था। उक्‍त फिटिंग्‍स में “ Concealo Concealed Cistern (80mm) की फिटिंग भी करायी गयी थी जिसकी कीमत 4599.00 रूपये (चार हजार पॉंच सौ निन्‍यानबे रूपया मात्र) थी। परिवाद में उक्‍त फिटिंग की खरीद की तिथि अंकित नहीं हे, परन्‍तु जो शिकायत परिवादी द्वारा ई-मेल के माध्‍यम से की गयी है उसमें खरीद की तिथि 07.05.20176 अंकित है। उक्‍त “ Concealo Concealed Cistern (80mm) में कुछ गड़बड़ी आने पर परिवादी द्वारा ई-मेल से शिकायत दिनॉंक 04.03.2019 को भेजी गयी। परिवादी की शिकायत थी कि उक्‍त Cistern एक बार फ्लश करने पर अपने आप तत्‍काल भरता नहीं था और लगभग 20 मिनट भरने में लगता था।    

3    परिवादी का कथन है कि सर्विस रिक्‍वेस्‍ट दिनॉंक 06.03.2019 बनाया गया और ई-मेल से परिवादी को सूचित किया गया कि टेक्‍निशियन परिवादी से संपर्क करेगा। तत्‍पश्‍चात दिनॉंक 06.03.2019 को टेक्‍निशियन ने परिवादी से संपर्क किया और Cistern को बनाया। परिवादी का कहना है कि उक्‍त Cistern को बनाने/समाधान करते समय उसके स्विच प्‍लेट को क्षतिग्रस्‍त कर दिया जो स्‍थायी रूप से बेकार हो गया। परिवादी को नये स्विचप्‍लेट के लिये 3500.00 रूपये देने को कहा गया।

4.   परिवादी का कथन है कि टेक्‍निश्यिान द्वारा उक्‍त Cistern का स्विचप्‍लेट बेकार किया गया था, इसलिये उससे पैसे वसूलना जायज नहीं था, जिस पर सर्विस सेन्‍टर के टेक्‍निशियन द्वारा अवगत कराया गया कि फ्लश प्‍लेट की वारन्‍टी नहीं होती है और जो प्रस्‍ताव दिया गया है वह सबसे उचित है। परिवादी का यह भी कथन है कि टेक्‍निशियन द्वारा 600.00 रूपये जो उसकी फीस थी उसकी रसीद भी नहीं दी गयी। परिवादी को बताया गया कि विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा रसीद दी जायेगी। पर उन्‍हें रसीद नहीं मिली। परिवादी द्वारा तत्‍पश्‍चात विपक्षी संख्‍या 01 को ई-मेल द्वारा सम्‍पूर्ण घटना की जानकारी दी गयी कि वो ठगा महसूस कर रहा है जिससे धोखा-धड़ी का शिकार होना पड़ा है।

5.   दिनॉंक 12.03.2019 को खेद व्‍यक्‍त करते हुए पत्र विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा परिवादी का प्राप्‍त हुआ और Cistern को ठीक कराने का आश्‍वासन दिया गया। परन्‍तु फिर भी कोई कार्यवाही विपक्षी संख्‍या 02 द्वारा नहीं की गयी। मामला ब्रान्‍च मैनेजर तक जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गयी और परिवादी को अपने रिश्‍तेदारों के सामने बहुत शर्मिन्‍दगी सहनी पड़ा है क्‍योंकि परिवादी के बाथरूम में फ्लश में पानी न होने पर रिश्‍तेदारों ने शिकायत की। परिवादी का कथन है कि यदि वह बाहरी प्‍लम्‍बर से अपने फ्लश को ठीक कराता तो विपक्षी संख्‍या 02 की वारन्‍टी व्‍यर्थ हो जाती। इसलिये उसके फ्लश टैक की समस्‍या ज्‍यों की त्‍यों पड़ी है।

6.   परिवादी का कथन है कि उसके द्वारा एक प्रेशर पम्‍प लगवाया गया था जो पानी के ओवरहेड टैंक से पानी के दबाव को बढ़ाता है। फ्लश टैंक में गड़बड़ी की वजह से प्रेशर पम्‍प में काफी अधिक आवाज आने लगी थी और यह प्रेशर पम्‍प स्‍वचालित रूप से चालू और बन्‍द हो जाता था, क्‍योंकि फ्लश टैंक समय से भरता नहीं था। यदि रात में कोई बाथरूम जाता था तो दबाव पंप इतनी आवाज करता था कि घर में लोगों की नींद हराम हो जाती थी और इसकी शिकायत घर के लोग निरन्‍तर करते रहते थे। बाथरूम में दूसरे पानी के उपकरणों का इस्‍तेमाल करने पर यह आवाज नहीं आती थी। परिवादी असहाय था क्‍योंकि वे दूसरे से Cistern  फ्लश टैंक ठीक नहीं करा सकता था।

7.   इसके उपरान्‍त परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता द्वारा विपक्षी संख्‍या 01 व उसके हेड आफिस को विधिक नोटिस भिजवाया, परन्‍तु उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी और उसके Concealo Concealed Cistern को ठीक नहीं किया गया जो विपक्षीगण की सेवा में कमी को दर्शाता है। परिवादी के उक्‍त फ्लश टैंक के कारण दबाव पम्‍प (Pressure pump) भी खराब हो सकता है जिससे परिवादी को अतिरिक्‍त नुकसान सहना पड़ता और उसके लिये भी क्षतिपूर्ति के लिये विपक्षीगण जिम्‍मेदार होते।

8.   परिवादी द्वारा शपथ पत्र पर साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करते हुए 11 संलग्‍नकों को साक्ष्‍य के रूप में दाखिल किया है, तथा दावा किया है कि उनको कुल धनराशि 69,000.00 रूपये जिसमें Concealo Concealed Cistern (80mm) के 4599.00 रूपये भुगतान किया है, इसलिये अनुरोध किया कि परिवादी को परिवार और दोस्‍तों में शर्मिन्‍दगी झेलनी पड़ी है जो विपक्षीगण की सेवा में कमी का प्रतिफल है। अत: साक्ष्‍यों के आधार पर अपने परिवाद को स्‍वीकार करने का अनुरोध किया है।

9.   परिवाद की कार्यवाही विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।

10.  पत्रावली में उपलब्‍ध तथ्‍यों, साक्ष्‍यों एवं अभिलेखों के परिशीलन से प्रतीत होता है कि परिवादी ने Concealo Concealed Cistern (80mm) के 4599.00 रूपये में विपक्षी संख्‍या 01 से दिनॉंक 07.05.2017 को क्रय किया जिसमें दिनॉंक 04.03.2019 से कुछ गड़बड़ी होने लगी जिसके लिये परिवादी ने ई-मेल द्वारा  hsilcare@hindware पर शिकायत भेजी गयी। इसके उपरान्‍त तकनीशियन द्वारा उनके उपरोक्‍त Cistern के स्विच प्‍लेट को क्षतिग्रस्‍त कर दिया गया और सर्विस चार्ज भी 600.00 रूपये ले लिया गया जिसकी कोई रसीद नहीं दी गयी। परिवादी द्वारा Cistern को बदलने की मॉंग पर 3500.00 रूपये की मॉंग की गयी। परिवादी ने आरोप लगाया है कि स्विच प्‍लेट तकनीशियन द्वारा क्षतिग्रस्‍त की गयी है, इसलिये विपक्षीगण को पैसे की मॉंग नहीं करनी चाहिए, परन्‍तु उन्‍हें कोई निदान नहीं मिला। परिवादी के कथनानुसार उन्‍हें ठगा गया और त्रुटिपूर्ण सेवा प्रदान की गयी। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को कई ई-मेल किये गये परन्‍तु उनके द्वारा परिवादी की समस्‍या का समाधान नहीं किया गया।

11.   परिवादी को उक्‍त Cistern की खराबी के कारण अपने परिवार तथा रिस्‍तेदारों में काफी शर्मिन्‍दगी झेलनी पड़ी और इसके अतिरिक्‍त परिवादी ने जो दबाव पम्‍प पानी के दबाव तथा पानी की तेज गति के लिये लगावाया था उसमें तीब्र आवाज होने लगी जिससे उनकी तथा परिवार वालों की रातों की नींद भी हराम हो गयी और काफी शारीरिक तथा मानसिक कष्‍ट हुआ। इसके कारण परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध घोर सेवा में कमी के कारण परिवाद स्‍वीकृत करने एवं क्षतिपूर्ति की मॉंग की गयी है।

12.  परिवादी के परिवाद से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके द्वारा खरीदे गये Concealo Concealed Cistern (80mm)  में जब खराबी आयी तब लगभग दो वर्ष बीत चुके थे और अनुमानत: उक्‍त Cistern वारन्‍टी अवधि से बाहर हो गया था जिसकी जानकारी तकनीशियन द्वारा भी दी गयी थी। इसके अतिरिक्‍त परिवादी द्वारा केवल स्विच प्‍लेट टूटने का आरोप लगाया है जिसके विषय में बताया गया था कि फ्लश प्‍लेट की वारन्‍टी नहीं होती है। परिवादी द्वारा 600.00 रूपये के सर्विस चार्ज की रसीद के लिये विभिन्‍न ई-मेल एवं पत्राचार किये गये है। सामान्‍यत: किसी भी सैनिटरी वस्‍तु की वारन्‍टी एक वर्ष की होती है और परिवादी का उक्‍त सैनिटरी Cistern की भी वारन्‍टी एक से दो वर्ष तथा कुछ उपकरणों की कोई वारन्‍टी नहीं होती है। वारन्‍टी कार्ड तथा वाउचर पर इसका उल्‍लेख होता है और परिवादी को उसको अपने साक्ष्‍यों में संलग्‍न करना चाहिए था, परन्‍तु उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया और न ही कोई दस्‍तावेज प्रस्‍तुत नहीं किया गया। जो कैशमीमो की कापी परिवादी द्वारा संलग्‍न की गयी है उसमें भी वारन्‍टी का कोई उल्‍लेख नहीं है।

13.  उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त परिवादी द्वारा यह आरोप भी लगाया गया है कि स्विच प्‍लेट के क्षतिग्रस्‍त होने से Cistern में पानी देर से भरता था और चॅूंकि उन्‍होंने एक दबाव पम्‍प पानी के दबाव को बढ़ाने के लिये लगाया था उसको नुकसान हो गया और उसमें तीब्र आवाज आने लगी। प्रेशर पम्‍प में इतनी आवाज आने लगी कि वह खतरे की घंटी की आवाज आने लगी जिससे पूरे परिवारी की नींद हराम हो गयी थी। यह दावा भी परिवादी का कुछ अत्‍यन्‍त बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जाना प्रतीत होता है। प्रेशर पम्‍प केवल पानी के दबाव को बढ़ाता है और सामान्‍यत: यह ओवर हेड टैंक के पास घर की छत पर लगाया जाता है और टायलेट के Cistern में चार पॉंच लीटर पानी ही आता है जो प्रेशर पम्‍प के चलने पर जल्‍द भर जाता है। प्रेशर पम्‍प को ऑन ऑफ भी किया जा सकता है। यदि Cistern को भरने में Pressure pump में तीब्र आवाज आती थी तो उसे ऑफ भी किया जा सकता था।

14.  यदि परिवादी का परिवार सोते समय प्रेशर पम्‍प को ऑफ कर देता तो रात्रि में टायलेट का इस्‍तेमाल न होने पर सामान्‍य प्रेशर से Cistern का टैंक भर जाता, तथा रात्रि में परिवादी के परिवार को सोते समय तथाकथित अर्लाम जैसी आवाज सुनने को नहीं मिलती। प्रेशर पम्‍प चलता ही तब है जब कहीं किसी नल से पानी चलता है और यदि रात्रि में परिवार के किसी सदस्‍य के द्वारा जब टायलेट का इस्‍तेमाल नहीं किया जा रहा होता है तब प्रेशर पम्‍प के चलने की तकनीकी जरूरत ही नहीं होती है। यह दावा परिवादी का विश्‍वसनीय प्रतीत नहीं होता है तथा तकनीकी रूप से गलत है। इसके अतिरिक्‍त परिवादी का कथन है कि उनके प्रेशर पम्‍प में खतरे की घंटी नुमा आवाज केवल टायलेट के Cistern के भरते समय ही आती थी और शेष नल टोटी के चलने पर प्रेशर पम्‍प सामान्‍य आवाज करता था, भी एक आश्‍चर्यजनक वर्णन प्रतीत होता है जो तकनीकी रूप से सही और औचित्‍यपूर्ण नहीं है। प्रेशर पम्‍प केवल पानी की टंकी से आने वाले पानी का प्रेशर बढ़ाता है चाहे वो पानी जहॉं भी जा रहा हो। प्रेशर पम्‍प में ऐसा कोई तकनीकी यन्‍त्र नहीं होता है जो यह ज्ञात कर सके की पानी कहॉं जा रहा है। पानी जहॉं भी जा रहा हो प्रेशर पम्‍प केवल उसके दबाव/प्रेशर को बढ़ा देता है ताकि पानी का उत्‍प्रवाह बढ़ जाये और जो भी टैंक या स्‍टोरेज करने की वस्‍तु हो वह जल्‍दी भर जाए। उसमें कोई ऐसी दूरदृष्टि नहीं रहती कि अगर पानी टायलेट के Cistern में जा रहा हो तो उसे तीब्र अलार्म देना है।

15.  परिवादी के प्रेशर पम्‍प के तुलनात्‍मक कम और अत्‍यधिक आवाज विभिन्‍न स्रोतो में निकासी में बताया जाना यह स्‍थापित करता है कि उनके प्रेशर पम्‍प में कोई खराबी नहीं थी। यदि उसमें खराबी होती या वह क्षतिग्रसत होता तो उनके घर के समस्‍त उत्‍प्रवाह में समान तेज आवाज होती जो नहीं थी। इसलिये परिवादी का यह दावा कि Cistern की स्विच प्‍लेट के क्षतिग्रस्‍त होने से उनके घर में लगे प्रेशर पम्‍प भी क्षतिग्रस्‍त हो गया सही प्रतीत नहीं होता है।

16.  उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा के लिये गठन/निर्माण किया गया है ताकि उपभोक्‍ताओं का शोषण न हो और यदि ऐसा होता है तो उन्‍हें इसकी भरपायी की जा सके। परन्‍तु दूसरी तरफ कुछ मामलों में यह भी पाया जाता है कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की आड़ में संरक्षण एवं हितों की भरपायी पाये जाने को आधार बनाकर इसका दुरूपयोग भी यदाकदा मामलों में किया जा रहा है। परिवादी के इस मामले में प्रतीत होता है कि परिवादी की फ्लश प्‍लेट के क्षतिग्रस्‍त होने के मामले को अत्‍यधिक बढ़ा चढ़ा कर प्रस्‍तुत किया गया है जबकि उन्‍हें तकनीशिन द्वारा स्‍पस्‍ट रूप से बताया गया था कि स्विच प्‍लेट/फ्लश प्‍लेट की कोई वारन्‍टी नहीं होती है और Cistern के खरीदने की तिथि से लगभग दो वर्ष बाद इसके स्विच प्‍लेट में खराबी आयी थी। वारन्‍टी अवधि के बाहर या किसी वस्‍तु में जिसमें वारन्‍टी नहीं होती है उसके खराब होने पर जिम्‍मेदार उपभोक्‍ता को उसका भुगतान करने का उत्‍तरदायित्‍व होता है।

17.  उपभोक्‍ता संरक्षण को आधार बना कर किसी विक्रेता तथा एजेन्‍सी या दुकानदार का शोषण भी अधिनियम में स्‍वीकार्य नहीं है। यह अधिनियम उपभोक्‍ता को वरीयता प्रदान करते हुए उसके अधिकारों के संरक्षण को दर्शाता है, पर किसी भी तरह किसी पक्ष का शोषण भी प्रावधानित नहीं करता है। अत: उपरोक्‍त विवेचना तथा तथ्‍यों के परिशीलन से परिलक्षित होता है कि परिवादी के परिवाद में पर्याप्‍त बल नहीं है और स्‍वीकार करने योग्‍य नहीं है।

                           आदेश

     परिवादी के परिवाद में बल न पाते हुए स्‍वीकार योग्‍य नहीं पाये जाने पर अस्‍वीकार किया जाता है तथा निरस्‍त किया जाता है।

   (सोनिया सिंह)     (अशोक कुमार सिंह )            (नीलकंठ सहाय)

          सदस्‍य              सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                             लखनऊ।   

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

   (सोनिया सिंह)     (अशोक कुमार सिंह)               (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                   अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

दिनॉंक: 11.08.2022

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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