SOMENDRA MISHRA filed a consumer case on 14 Feb 2022 against HSDS ENTERPRISES in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/63/2020 and the judgment uploaded on 02 Mar 2022.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 63 सन् 2020
प्रस्तुति दिनांक 01.12.2020
निर्णय दिनांक 14.02.2022
सोमेन्द्र मिश्रा उम्र तखo 35 साल पुत्र स्वo शरदचन्द मिश्र साकिन मौजा युसुफपुर, खानपुर परगना माहुल, तहसील- फूलपुर, जिला- आजमगढ़। प्रोपराइटर मेo सान इण्टर प्राइजेज युसुफपुर खानपुर सिकरौर सहबरी मार्टीनगंज आजमगढ़ 09 उoप्रo।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
एच.एस.डी.एस. इण्टरप्राइजेज जे 12/15 6ए नाटी इमली 09 वाराणसी उoप्रo मोoनं. 9125664466 प्रोपराइटर सुधाश सिंह।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह साकिन मौजा युसुफपुर खानपुर परगना माहुल पोस्ट सिकरौर सहबरी तहसील मार्टीनगंज जिला आजमगढ़ का रहने वाला है जो विपक्षी का उपभोक्ता है। परिवादी मेo सान इण्टर प्राइजेज युसुफपुर खानपुर सिकरौर सहबरी मार्टीनगंज 09 आजमगढ़ उoप्रo का प्रोपराइटर है। जिसका जी.एस.टी. नं.09ए.एक्स जे.पी.एम. 9393इ.आ.जेड.वी है। परिवादी विपक्षी के यहाँ से बेफर और चाकलेट पहली बार दिनांक 23.10.2018 को 1,36,268/- रुपए का सामान मंगाया था, जिसका पूरा पैसा उसने अदा किया था। इसके बाद दिनांक 13.11.2018 को 1,01,210/- रुपए का, दिनांक 07.01.2019 को 1,07,302/- रुपए का माल मंगाया था, जिसका पूरा पैसा परिवादी ने अदा किया था। पहली, दूसरी और तीसरी गाड़ी के माल का इक्सपायरी तारीख 02 महीना बाद थी। परिवादी ने डिस्ट्रीब्यूटर के पास सब माल भेज दिया था। इक्सपायरी तारीख नजदीक होने के कारण माल नहीं बिका मजबूर होकर माल डिस्ट्रीब्यूटर से वापस लेना पड़ा। उपरोक्त सभी माल परिवादी के घर पर रखे हुए हैं। परिवादी बार-बार विपक्षी से निवेदन करता रहा और फोन द्वारा एवं व्यक्तिगत रूप से माल वापस लेने को कहा तो विपक्षी ने कहा कि जल्द से जल्द आप का माल वापस ले लेंगे और माल की कीमत चेक के द्वारा वापस कर देंगे। विपक्षी के पास अन्तिम बार 10.01.2020 को माल वापस लेने हेतु परिवादी फोन किया तो विपक्षी माल वापस लेने और माल की कीमत देने से इन्कार कर दिए। जिससे मजबूर होकर परिवादी ने मुकदमा दाखिल किया है। वर्तमान समय में बिगवार 05 रुपया, बाल 53 बॉक्स 02 रुपया वाला 22 बॉक्स, पान कैडिजार 35 डिब्बा, कैडी पाउच 80 पैकेट जिसकी कीमत 1,93,000/- रुपए थी, जो परिवादी के पास रखा हुआ है। इक्सापयरी होने के कारण नहीं बिका। चारों डिस्ट्रीब्यूटर्स से माल वापस लेने का खर्च 6000/- रुपया भाड़ा किराया लगा तथा 1000/- रुपया अमित सिंह जो उसका पैसा बनता था डिस्ट्रीब्यूटर्स से ले लिए। इस तरह परिवादी के पास 2,00,500/- बकाया है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को 2,00,500/- रुपया 12% वार्षिक ब्याज के साथ अदा करे। साथ ही विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को उसका जो माल बचा है उसे वापस अविलम्ब ले ले अथवा उसकी कीमत परिवादी को अदा करे और परिवादी को 2,40,000/- रुपए, उसका धन्धा बन्द होने टेम्पू के लास होने के मद में 2,89,500/- एवं खर्चा मुकदमा 10,000/- रुपए परिवादी को अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 जी.एस.टी. इनवायस एच.एस.डी.एस. इण्टरप्राइजेज की मूल प्रति, कागज संख्या 7/2 जी.एस.टी. इनवायस एच.एस.डी.एस. इण्टरप्राइजेज की मूल प्रति, कागज संख्या 7/3 जी.एस.टी. इनवायस एच.एस.डी.एस. इण्टरप्राइजेज की मूल प्रति, कागज संख्या 7/4 ई-वे बिल की छायाप्रति, कागज संख्या 7/5 जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की छायाप्रति, कागज संख्या 7/6 कम्पनी के विज्ञापन सम्बन्धी प्रपत्र, कागज संख्या 7/7 परिवादी के आधार कार्ड की छायाप्रति तथा कागज संख्या 14/1व2 परिवादी के दुकान में पड़े सामानों की कलर फोटो प्रस्तुत किया है।
चूंकि विपक्षी द्वारा कोई भी जवाबदावा आदि प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसलिए परिवाद दिनांक 23.10.2021 को ही विपक्षी के विरुद्ध एक पक्षीय अग्रसारित किया जा चुका है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपना एक पक्षीय बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
चूंकि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है। इसलिए परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद विपक्षी के विरुद्ध स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मुo 2,00,500/- रुपए (रु.दो लाख पांच सौ मात्र) अन्दर 30 दिन परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज की दर से अदा करे साथ ही विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी से बचा हुआ माल वापस ले और खर्चा मुकदमा मुo 10,000/- रुपया (रु.दस हजार मात्र) परिवादी को अदा करे।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 14.02.2022
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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