(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-438/2009
The New India Assurance Company Ltd Versus Hriday Narayan Singh & other
दिनांक : 18.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-20/2004, हृदय नारायण सिंह बनाम प्रबन्धक दी न्यू इंडिया एश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.02.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री जफर अजीज को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी द्वारा अपने व्यापारिक परिसर का बीमा कराया गया था, जिसमें अग्निकाण्ड के कारण क्षति कारित हुई। बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर नियुक्त किया गया, सर्वेयर द्वारा अंकन 54,508/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है, जबकि परिवादी का कथन है कि अंकन 2,03,360/-रू0 की क्षति कारित हुई है।
बीमा कम्पनी द्वारा अंकन 54,508/-रू0 की क्षति का आंकलन करने के बावजूद केवल 31,628/-रू0 परिवादी की ऋण प्रदाता संस्था को प्रेषित कर दिया गया। यह राशि स्वेच्छा से एवं पूर्ण संतुष्टि के साथ परिवादी द्वारा प्राप्त नहीं की गयी, इसलिए बीमा कम्पनी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क ग्राह्य नही है कि परिवादी को बीमे की राशि प्राप्त करा दी गयी है, चूंकि बीमे की राशि पूर्ण संतुष्टि के साथ प्राप्त नहीं करायी गयी है, इसलिए परिवादी को परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार प्राप्त है। स्वयं सर्वेयर द्वारा अंकन 54,508/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है। अत: परिवादी इसी राशि को प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, जो राशि अदा की जा चुकी है, उस राशि के समायोजन के पश्चात अवशेष राशि अदा की जाए तथा अवशेष राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी प्राप्त करने के लिए अधिकृत है, साथ ही परिवाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 प्राप्त करने के लिए अधिकृत है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी अंकन 1,00,000/-रू0 के स्थान पर अंकन 54,508/-रू0 परिवादी को अदा करें। अपीलार्थी द्वारा पूर्व में जो राशि अंकन 31,628/-रू0 अदा की जा चुकी है, इस धनराशि को समायोजित करते हुए अवशेष राशि परिवादी को अदा की जाए तथा अवशेष राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करे, साथ ही परिवाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 भी परिवादी को अदा करें।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2