Gaurav Khandelwal filed a consumer case on 25 Jun 2015 against Hotspot Mobiles & More in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/129/2014 and the judgment uploaded on 06 Jul 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-129/2014 (पुराना परिवाद संख्या 167/2013)
श्री गौरव खण्डेलवाल पुत्र श्री कृष्ण कुमार खण्डेलवाल, उम्र 21 वर्ष, निवासी- बी-128/बी, विनोबा भावे नगर, वैषाली नगर, जयपुर ।
परिवादी
बनाम
01. हाॅटस्पाॅट मोबाईल्स एण्ड मोर स्पाईस रिटेल लिमिटेड, शाॅप नम्बर 14, त्रिवेणी काॅम्पलैक्स, खातीपुरा रोड, झोटवाड़ा, जयपुर जरिये प्रबन्धक । (काॅर्पोरेट आॅफिस- ग्लोबल नाॅलेज पार्क, 19ए एवं 19बी, सैकण्ड फ्लोर, सैक्टर 125, नोएडा, उत्तर प्रदेष ।
02. रेडिंगटन इण्डिया लिमिटेड (जयपुर), एफ-46 बी, प्रथम तल, रमेष मार्ग, सी-स्कीम, जयपुर जरिये प्रबन्धक ।
03. इनग्राम माइक्रो इण्डिया लिमिटेड, गेट ए-1, गोदरेज इण्डस्ट्रीज काॅम्पलैक्स, फिरोजषाह नगर, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, विकरोली ईस्ट, मुम्बई जरिये मुख्य प्रबन्धक ।
विपक्षीगण
उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री वीरेन्द्र सिंह चैधरी/श्री कैलाष कुमावत, एडवोकेट
विपक्षी संख्या 1 के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही ।
विपक्षी संख्या 2 की ओर से श्री दीपक मालपुरिया
विपक्षी संख्या 3 की ओर से श्री प्रतीक कासलीवाल/श्री राकेष के.रजवानियां, एडवोकेट
निर्णय
दिनांकः-25.06.2015
यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 02.01.2013 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के स्टोर से विपक्षी संख्या 3 द्वारा आयातित बहुविज्ञापित मोबाईल हैण्डसेट भ्ज्ब् म्गचसवतमत ।310म दिनांक 27.05.2012 को 8,950/-रूपये में क्रय किया था । इस मोबाईल हैण्डसेट पर परिवादी ने टाटा डोकोमो से इन्टरनेट कनेक्षन भी प्राप्त किया था । विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी को उक्त मोबाईल हैण्डसेट के अच्छा होने के संबंध में विष्वास दिलाया था । परन्तु विपक्षी संख्या 1 द्वारा दिलाया गया यह विष्वास खरा नहीं उतरा और क्रय करने के कुछ दिन बाद ही यह मोबाईल हैण्डसेट खराब हो गया । मोबाईल हैण्डसेट अपने आप बन्द एवं चालू हो जाता तथा उसकी लाईट भी अपने आप ही चालू हो जाती । इस समस्या को लेकर परिवादी विपक्षी संख्या 1 के पास गया तो उसने परिवादी को कहा कि मोबाईल हैण्डसेट अभी नया हैं, एक माह काम में लेने के बाद यह सही काम करने लगेगा । लेकिन फिर भी इसने सही काम नहीं किया तो विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी को बताया कि इसे कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर से ठीक करवा देंगे । लेकिन जब परिवादी दिनांक 24.08.2012 को हैण्डसेट ठीक कराने के लिए विपक्षी संख्या 1 के पास लेकर गया तो उसने परिवादी को विपक्षी संख्या 2, जो अधिकृत सर्विस सेन्टर हैं, के पास भेज दिया । विपक्षी संख्या 2 ने मोबाईल हैण्डसेट ठीक करने के लिए अपने पास जमा कर लिया और दिनांक 11.09.2012 को हैण्डसेट सही करके परिवादी को वापस लौटा दिया । लेकिन इस हैण्डसेट में क्पेचसंल डंसनिदबजपवदपदह का दोष विद्यमान था । जिसको ठीक कराने के लिए परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 के पास मोबाईल हैण्डसेट पुनः जमा करवाया । इसके बाद उक्त मोबाईल हैण्डसेट में ज्ञमलइवंतक थ्ंपसनतम की समस्या पैदा हो गई । जिसके संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से सम्पर्क किया तो उसने परिवादी से उक्त मोबाईल हैण्डसेट लेने के बाद उसे ठीक करके परिवादी को वापस नहीं लौटाया । इस परिस्थिति से क्षुब्ध होकर परिवादी ने विपक्षीगण को दिनांक 03.11.2012 को कानूनी नोटिस दिया ।
इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी को च्ववत ॅवताउंदेीपच ंदक ैमतपवने डंदनंिबजनतपदह क्ममिबज का मोबाईल हैण्डसेट विक्रय करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 11, 12, 13 एवं 14 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षी संख्या 1 के आरम्भ से ही अनुपस्थित रहने के कारण उसके विरूद्ध दिनांक 13.05.2015 को एकतरफा कार्यवाही अमल में लाने के आदेष दिये गये ।
विपक्षी संख्या 2 की ओर से अंग्रेजी भाषा मंें जवाब दिया गया है जिसका सार संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी के मोबाईल हैण्डसेट में भ्ंदहपदह च्तवइसमउए क्पेचसंल डंसनिदबजपवदपदह एवं ज्ञमलइवंतक थ्ंपसनतम आदि षिकायतें थी । जिन षिकायतों के संबंध मेें परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से सम्पर्क किया था । लेकिन विपक्षी संख्या 2 के इंजीनियर ने मोबाईल को देखकर उसमें भ्ंतकूंतम त्मसंजमक प्ेेनमे विद्यमान होना बताया था और हार्डवेयर के विषय में सर्विस सेन्टर को मोबाईल हैण्डसेट खोलने की अनुमति नहीं थी । वैसे भी विपक्षी संख्या 2 मोबाईल निर्माता कम्पनी का सर्विस सेन्टर हैं जिसका कार्य वारण्टी अवधि में निर्माता कम्पनी को मोबाईलों की सर्विस आदि करना हैं । इसलिए विपक्षी संख्या 2 मोबाईल हैण्डसेट में विद्यमान दोषों के विषय में परिवादी के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं । इसलिए उसके संदर्भ में परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
विपक्षी संख्या 3 की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि उसे प्रकरण में अनावष्यक पक्षकार बनाया गया हैं और मोबाईल निर्माता कम्पनी एचटीसी को प्रकरण में पक्षकार नहीं बनाया गया हैं । इसलिए पक्षकारों के कुसंयोजन के कारण परिवाद, परिवादी चलने योग्य नहीं हैं । विपक्षी संख्या 3 का कार्य केवल मात्र डिफेक्टिव रिप्लेसमेन्ट का है जो केवल मात्र एचटीसी अधिकृत सर्विस सेन्टर के प्रमाणित अप्रूव्ल के बाद ही कार्यवाही करत हैं । इसलिए विपक्षी संख्या 3 का कोई सेवादोष नहीं हैं । अतः उसके संदर्भ में परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री गौरव खण्डेलवाल ने स्वयं के शपथ पत्र के साथ कुल 11 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । जबकि जवाब के तथ्यों की पुष्टि में विपक्षी संख्या 2 की ओर से श्री दीपक मालपुरिया का अंग्रेजी भाषा में शपथ पत्र एवं कुल सात पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । विपक्षी संख्या 3 की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री सुनील जोगलेकर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
परिवादी एवं विपक्षी संख्या 2 की ओर से लिखित बहस प्रस्तुत की गई ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी ने दिनंाक 27.05.2012 को विपक्षी संख्या 1 से एक एचटीसी मोबाईल हैण्डसेट 8,950/-रूपये में क्रय किया था । यह तथ्य परिषिष्ट 1 त्मजंपस प्दअवपबम से प्रमाणित हैं । परिवादी के मोबाईल हैण्डसेट में क्रय करने के बाद वारण्टी अवधि में सर्वप्रथम दिनांक 09.11.2012 को क्पेचसंल डंसनिदबजपवदपदह की षिकायत आईं । यह तथ्य परिषिष्ट-2 डिलेवरी चालान से प्रमाणित हैं । इसके बाद इस मोबाईल हैण्डसेट में दिनांक 21.09.2012 को पुनः क्पेचसंल डंसनिदबजपवदपदह की षिकायत आई । यह तथ्य परिषिष्ट-3 डिलेवरी चालान से साबित हैं । तदुपरान्त परिवादी के इस मोबाईल हैण्डसेट में दिनांक 10.11.2012 को ज्ञमलइवंतक थ्ंपसनतम की षिकायत परिषिष्ट-4 डिलेवरी चालान के अनुसार पाई गई । और अंततः दिनांक 11.10.2012 को परिषिष्ट-5 के अनुसार परिवादी को मोबाईल हैण्डसेट में वदध्विि ेूपजबी ंनजव ूवताए ेवउम जपउम सपहीज ंनजव वद की समस्या के कारण विपक्षी संख्या 2 सर्विस सेन्टर पर यह मोबाईल हैण्डसेट परिवादी द्वारा दिया गया । इस प्रकार परिषिष्ट-2 से परिषिष्ट-5 दस्तावेजात के अवलोकन से यह स्पष्ट हैं कि परिवादी के मोबाईल हैण्डसेट में लगातार कोई न कोई त्रुटि वारण्टी अवधि में विद्यमान रही हैं । और यह तथ्य अपने आप में प्रमाणित हैं कि विपक्षी संख्या 3 द्वारा आयातित जो मोबाईल हैण्डसेट विपक्षी संख्या 1 द्वारा परिवादी को विक्रय किया गया था वह निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त था और इस कारण उसमें वारण्टी अवधि में लगातार समस्या आ रही थी ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर विपक्षी संख्या 3 ने विपक्षी संख्या 1 माध्यम से परिवादी को निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त उक्त मोबाईल हैण्डसेट विक्रय करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षी संख्या 3 से विवादित मोबाईल हैण्डसेट की कीमत 8,950/-रूपये वापस प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी विपक्षी संख्या 3 से विवादित मोबाईल हैण्डसेट की कीमत प्राप्त करते समय विपक्षी संख्या 3 को विवादित मोबाईल हैण्डसेट वापस लौटायेगा । विपक्षी संख्या 3 के इस सेवादोष से परिवादी को हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने के आदेष दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 1 एवं 2 का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होने से परिवादी उनके विरूद्ध कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता हैं कि परिवादी विपक्षी संख्या 3 से विवादित मोबाईल की कीमत 8,950/-रूपये वापस प्राप्त करने का अधिकारी हैं । परिवादी विपक्षी संख्या 3 से विवादित मोबाईल हैण्डसेट की कीमत प्राप्त करते समय विपक्षी संख्या 3 को विवादित मोबाईल हैण्डसेट वापस लौटायेगा । परिवादी को विपक्षी संख्या 3 के उपरोक्त सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 3,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 1 एवं 2 का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होने से परिवादी उनके विरूद्ध कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं हैं ।
विपक्षी संख्या 3 को आदेश दिया जाता है कि वह उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करवायेगा ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 25.06.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.