Rajasthan

Ajmer

CC/315/2014

DEEPAK KOTHARI - Complainant(s)

Versus

HOTEL CHITWAN - Opp.Party(s)

ADV.S.P.GANDHI

03 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/315/2014
 
1. DEEPAK KOTHARI
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. HOTEL CHITWAN
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 03 Aug 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री दीपक कोठारी, निवासी- 16, भागचंद सोनीनगर, फाॅयसागर रोड़, अजमेर-305001
                                                -         प्रार्थी
                            बनाम
होटल चितवन,जयपुर रोड़,आकाषवाणी के पास, पोस्ट गगवाना, जिला-अजमेर -305023
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 315/2014  
                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य
                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्य प्रकाष गांधी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री रमेष चंद जैन , अधिवक्ता अप्रार्थी 
                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-10.08.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि वह  अपने दोस्तों के साथ  फेंण्डषिप डे के दिन दिनंाक 3.8.2014 को अप्रार्थी के रेस्टोरेंट में डिनर के लिए गया था और उसने  अप्रार्थी के रेस्टोरंट के काउण्टर से पानी की दो बोतल क्रय की तथा  डिनर की व्यवस्था करने के लिए कहा ।  डिनर के बाद जब  प्रार्थी ने बिल चेैक किया तो पाया कि अप्रार्थी ने  डिनर के दौरान मंगाई गई कोल्ड ड्रिंक्स के अंकित मूल्य रू. 20/-, 15/- के स्थान पर बिल में रू. 35/- जोड़ रखे है और उस पर अवैध रूप से वेट की राषि भी अलग से जोड़ रखी है । साथ ही डिनर के साथ मंगाए गए 4 मसाला पापड़ एवं 6 रोस्टेड पापड़ की कीमत  भी अप्रार्थी ने एक समान  रू. 40/- जोड़ रखे हैं । प्रार्थी ने जब अप्रार्थी का मैन्यूकार्ड चैक किया तो पाया कि रोस्टेड पापड़ की कीमत तो रू. 25/- ही अंकित कर रखी है । इस संबंध में षिकायत किए जाने पर उसे बताया गया कि मिसप्रिंट हो गया है, दोनों पापड़ की रेट एक ही है ।  काफी बहस के बाद  मैनेजर ने  पापड़ की रेट तो कम कर दी किन्तु मिनरल वाटर व कोल्ड ड्रिंक्स की कीमत कम करने से  यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि यह बड़ी होटल है कोई ढाबा नहीं जो आपको अंकित मूल्य की वस्तु दे दी जावेगी  । तत्पष्चात् प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 8.8.2014 को नोटिस देकर अधिक वसूल की गई राषि के साथ साथ मानसिक क्षतिपूर्ति की राषि भी दिए जाने की मांग की । बावजूद नोटिस प्राप्ति के अप्रार्थी ने कोई कार्यवाही नहीं की । अप्रार्थी का उक्त कृत्य सेवाओं में कमी व  अनुचित व्यापार व्यवहार का द्योतक है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । प्रार्थी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थी द्वारा दिनंाक 3.8.2014 को उनके होटल में डिनर किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि अप्रार्थी रेस्टोरेण्ट में काउण्टर सेल की कोई व्यवस्था नहीं है और ना ही कोई प्रावधान है । पानी की बोतल व कोल्ड ड्रिंक डिनर के साथ मंगवाई गई थी इस कारण उनका बिल डिनर के साथ लगाया गया था ।  कोल्ड  ड्रिंक एवं पानी की बोतल पर अंकित मूल्य काउण्टर सेल के लिए है । रेस्टोरेण्ट पर उक्त अंकित मूल्य लागू नहीं होता है क्योंकि उसमें अप्रार्थी द्वारा दी गई सेवाएं भी ष्षामिल है ।  प्रार्थी द्वारा मंगवाए गए 6 पापड़ के स्थान पर सहवन से 10 पापड़ लिख दिए गए  थे, जिसे बाद में दुरूस्त कर दिया गया । उनके स्तर  पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद  सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।  जवाब  के समर्थन मंे दुर्जेय सिंह, मालिक का ष्षपथपत्र पेष किया है ।   
3.    प्राथी पक्ष का प्रमुख रूप से तर्क रहा है  अप्रार्थी ने पानी की बोतल एवं कोल्ड ड्रिंक  पर अंकित राषि रू. 20/- व 15/- के स्थान पर  बिल में रू 35/- जोड़ रखे थे  तथा उस पर वैट  भी गलत जोडा हुआ था । एमआरपी से अधिक राषि लिया जाना अप्रार्थी की सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी का परिचायक है । उससे वसूली गई अधिक राषि नोटिस प्राप्त  होने के बावजूद भी नहीं लौटाई गई है जिससे प्रार्थी को भारी मानसिक आघात लगा व आर्थिक हानि हुर्ह ।इस हेतु अप्रार्थी पूर्णतया उत्तरदायी है । परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । अपने तर्को के समर्थन में विनिष्चय  भ्पही ब्वनतज क्मसीप  स्।च् छवण् 334ध्2007  न्व्प् - व्ते टे छंजपवदंस त्मेजंनतंदज ।ेेवबपंजपवद व्तकमत क्ंजम  11.2.2015ए  1;2011द्धब्च्श्र 13;छब्द्ध भ्वजमत छलंल डंदकपत टे प्ेीूंत स्ंस श्रपदंइींप क्मेंपए प्प्;2014द्धब्च्श्र 493;छब्द्ध  क्ण्ज्ञण्ब्ीवचतं टे ैछ।ब्ज्ञ ठ।त् में प्रतिपादित न्यायिक दृष्टान्तों की ओर ध्यान आकर्षित किया है । 
4.    अप्रार्थी का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि रेस्टोरेण्ट में काउण्टर सेल की कोई व्यवस्था नहीं है ।  पानी की बोतल व कोल्ड ड्रिंक डीनर के साथ मंगवाई गई थी ।  इसलिए डिनर के साथ  बिल बनाया गया था । कोल्ड ड्रिंक व पानी की बोतल पर अंकित मूल्य काउण्टर सेल के लिए है । रेस्टोरेण्ट पर उक्त अंकित मूल्य लागू नहीं होता है क्येांकि उसमें अप्रार्थी द्वारा दी गई सेवाएं भी षामिल होती है । विनिष्चय भ्पही ब्वनतज क्मसीप  स्।च् छवण् 334ध्2007  न्व्प् - व्ते टे छंजपवदंस त्मेजंनतंदज ।ेेवबपंजपवद व्तकमत क्ंजम  11.2.2015 में पारित सिद्वान्त के आधार पर एमआरपी मूल्य रेस्टोरण्ट एवं खाद्य  पदार्थ पर लागू नहीं होता है । उक्त विनिष्चय में प्रतिपादित सिद्वान्तों के आधार पर भी परिवाद चलने योग्य नहीं है ।  अप्रार्थी की ओर से सेवाओं में कोई कमी नहीं रही है । 
5.    हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ प्रस्तुत विनिष्चयों में प्रतिपादित सिद्वान्तों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    मंच के समक्ष मात्र  विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या किसी उत्पाद में जब एमआरपी कीमत  अंकित है तो उससे अधिक मूल्य राषि  लिया जाना उपभोक्ता के प्रति सेवाओं में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार है ?
7.    स्वीकृत रूप से प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी रेस्टोरेण्ट में दिनंाक 3.8.2014 को लिए गए डिनर में मिनरल वाटर की दो बोतल का रू. 35/-  प्रति बोतल हेतु रू. 70/- की राषि चार्ज की गई । प्रार्थी ने रू. 25/- की बोतल का रू. 35/-  लिया जाना बताया है । अप्रार्थी की ओर से इस बात का कोई खण्डन नहीं किया है । मिनरल वाटर की बोतल की एमआरपी रेट रू. 25/- के स्थान पर रू. 35/- में बेची गई है । यह भी स्वीकृत तथ्य है कि इस बोतल का बिल प्रार्थी ने काउण्टर पर जाकर अलग से खरीदते हुए नहीं  दिया अपितु पूरे डिनर के बाद बिल प्राप्त कर भुगतान किया था ।  हालांकि उसका यह भी कथन है कि उक्त बोतल काउण्टर से अलग प्राप्त की हैं। अतः  तत्समय प्राप्त किसी बिल के अभाव में उसका यह कथन भी स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है । अप्रार्थी की ओर से जो विनिष्चिय माननीय दिल्ली उच्च  न्यायालय का प्रस्तुत हुआ है में   ज्ीम ैजंदकंतक व िॅमपहीज  ंदक डमंेनतमे ।बजण्1976  के प्रावधानों  प्रकाष में यह पाया गया था कि चूंकि मिनरल वाटर होटल के काउण्टर से अलग से क्रय नहीं की  गई थी  अपितु  ग्राहक ने होटल की सेवाओं को ध्यान में रखते हुए प्राप्त कर उपयोग उपभोग की गई हेै इसलिए ऐसे होटल अथवा रेस्टोरेण्ट  अपनी इस सेवाओं को ध्यान में रखते हुए यदि निर्धारित एमआरपी से  अधिक राषि वसूल करती है तो इसको चुनौती नहीं दी जा सकती । जबकि  प्रार्थी की ओर से जो विनिष्चय माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय का प्रस्तुत हुआ है, वह दिनंाक 11.2.2015 को माननीय मुख्य न्यायाधीष व एक अन्य माननीय न्यायाधीष की  डिवीजन बैंच द्वारा तय किया गया है, जिसमें  अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत विनिष्चय पर विचार करते हुए यह अभिनिर्धारित किया गया है कि उक्त विनिष्चय में प्रतिपादित सिद्वान्त ज्ीम ैजंदकंतक व िॅमपहीज  ंदक डमंेनतमे ।बजण्1976    के प्रावधानों के प्रकाष  में था जबकि प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत  दो माननीय न्यायाधीषों की बैंच द्वारा प्रतिपादित सिद्वान्त के अनुसार उक्त ज्ीम ैजंदकंतक व िॅमपहीज  ंदक डमंेनतमे ।बजण्1976   समाप्त किया जाकर नया अधिनियम यथा ज्ीम स्महंस डमजतवसवहल ।बज  के तहत  यदि एमआरपी से अधिक राषि उक्त होटल अथवा रेस्टोरेण्ट में विक्रय किए गए पदार्थो पर ली जाती तो इसको अनुचित माना है ।  हालांकि इस विनिष्चय में माननीय न्यायालय ने अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत पूर्व के निर्णयों को निरस्त नहीं किया हे और ओवररूल भी नहीं किया है व इसका किसी भी ।करनकपबंजपवद में च्तमबमकमदज नहीं मानते हुए उक्त सिद्वान्त प्रतिपादित किया है । जो अन्य विनिष्चिय  प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत हुए है, में भी एमआरपी से अधिक ली गई राषि को अनुचित बातया है ।
8.    सार यह है कि यह जिस प्रकार अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के द्वारा ली गई मिनरल वाटर की बोतल  व उसके साथ कोल्ड ड्रिंक की बोतल में अंकित एमआरपी से अधिक राषि वसूल की गई है व उचित नहीं  है तथा अप्रार्थी का यह कृत्य अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आता है । परिणामस्वरूप परिवाद स्वीकार किए जाने येाग्य है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः- 
9.          (1)       प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.     5000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.5000/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
           (2)    क्रम संख्या  1   में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 10.08.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    


                           

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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