Uttar Pradesh

StateCommission

A/1995/1604

Syndicate Bank - Complainant(s)

Versus

Hori Lal Major - Opp.Party(s)

G. S. Misra

09 Feb 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1995/1604
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Syndicate Bank
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Hori Lal Major
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Jugul Kishor MEMBER
 
For the Appellant:G. S. Misra, Advocate
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                     मौखिक

अपील संख्‍या-1604/1995

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-1046/1993 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 08.08.1995 के विरूद्ध)

 

सिण्‍डीकेट बैंक, चन्‍द्र शेखर आजाद मार्केट, सरदार पटेल मार्ग, सिविल लाइन्‍स, इलाहाबाद द्वारा कंस्‍टीट्यूटेड अटार्नी

      अपीलार्थी/विपक्षी सं0-12

बनाम्~

होरी लाल, मेजर निवासी प्रयागपुर, पोस्‍ट सराय, तहसील मेजा, जिला इलाहाबद एवं अन्‍य।

प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1 त 11

समक्ष:-

1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं

दिनांक 09.02.2016

माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-1046/1993 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 08.08.1995 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार किया है।

पुकार करायी गयी। पुकार कराये जाने के बावजूद उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। यह अपील वर्ष 1995 से निस्‍तारण हेतु विचाराधीन है, अत: पीठ द्वारा स्‍वंय पत्रावली का परिशीलन किया गया।

पत्रावली के परिशीनल से यह प्रकट होता है कि अपीलार्थी को कई तिथियों पर निर्देश दिये गये हैं कि वह प्रत्‍यर्थी सं0-2 लगायत 11 पर पंजीकृत नोटिस की पैरवी करना सुनिश्‍चित करें, परन्‍तु स्‍पष्‍ट निर्देशों के बावजूद भी अपीलार्थी द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0-2 लगायत 11 पर सूचनार्थ पैरवी नहीं की जा रही है और न ही वह उपस्थित  ही  हो  रहे  हैं। इसके अतिरिक्‍त पीठ द्वारा जिला फोरम द्वारा पारित

-2-

निर्णय का परिशीलन परिशीलन किया गया, जो कि विधिसंगत प्रतीत होता है, जिसमें हस्‍तक्षेप करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार यह अपील अपीलार्थी की अनुपस्थिति व सारहीन होने के कारण निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-1046/1993 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 08.08.1995 की पुष्टि की जाती है।

इस अपील के व्‍यय के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।

 

 

(जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                       (जुगुल किशोर)

           पीठासीन सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

  कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Jugul Kishor]
MEMBER

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