HARIHAR filed a consumer case on 22 Oct 2020 against HMT TRACTORS in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/89/2008 and the judgment uploaded on 28 Oct 2020.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 89 सन् 2008
प्रस्तुति दिनांक 19.04.2008
निर्णय दिनांक 23.10.2020
मृतक हरिहर पुत्र पल्टू उम्र लगभग 65 साल साo मौजा- सेमा, पोo- सेमा, थाना- जहानागंज, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादीगण।
बनाम
...........................................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने राजेन्दर यादव एजेन्ट लगभग 2 वर्ष पूर्व परिवादी के घर आए और एच.एम.टी. ट्रैक्टर के बारे में बताए कि इस समय आसानी से लोन पर ट्रैक्टर मिल रहा है आप ले लें। मैं अपने परिचित बैंक जो कि करहा जिला मऊ में है आसान किस्त पर बैंक लोन दिलवा दूंगा तथा आपको दौड़-धूप में कोई परेशानी नहीं होगी। परिवादी एजेन्ट की बात में विश्वास करके सारे कागजातों पर अपना हस्ताक्षर व अंगूठा लगा दिया। राजेन्दर यादव ने यूनियन बैंक शाखा करहा ले जाकर खाता खुलवाया, जिसका नम्बर 1143 है तथा लोन की सारी औपचारिकताएं पूरा कराके कुछ दिन बाद विक्रय शाखा सुहवल आने को कहा। राजेन्दर यादव एजेन्ट ने बताया कि आपका लोन 335000/- रुपया स्वीकार कर लिया गया है। बाद में राजेन्दर यादव ने बताया कि कुछ कागजात में गड़बड़ी है अतः अभी ट्रैक्टर नहीं आया है। परिवादी पुनः विक्रय शाखा सुहवल गया तो बताया गया कि बैंक पर जाइए कागज में कुछ कमी है। परिवादी बैंक गया लेकिन
P.T.O.
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उसको सही-सही बात नहीं बताई गई और कहा गया कि एजेन्ट से बात करो। जब वह एजेन्ट से मिला तो वह हीलाहवाली करने लगा। इस प्रकार तीनों विपक्षी एक राय होकर हीलाहवाली करते रहे। परिवादी को आजतक ट्रैक्टर नहीं मिला। परिवादी का काफी उपहास हो रहा है और उसे मानसिक क्षति भी हो रही है। इसलिए मजबूर होकर उसने नोटिस दिया है। अतः परिवादी को विपक्षीगण से एच.एम.टी. ट्रैक्टर तथा 100000/- रुपया आर्थिक व मानसिक क्षति के लिए भी दिलवाया जाए।
परिवाद पत्र के समर्थन में परिवादी द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 11/1 विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादीगण हरिहर व कमला यादव ने बैंक से लोन प्राप्त कर लिया है और आवश्यक कागजात बैंक में जमा किया। बैंक पर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं। अतः परिवाद पत्र निरस्त किया जाए।
परिवादी अनुपस्थित। विपक्षी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी ने कागज संख्या 27/30 इस आशय का प्रस्तुत किया है कि दोनों भाइयों ने ऋण स्वीकार करने हेतु बैंक को धन्यवाद देते हैं। ट्रैक्टर एजेन्सी से उन्होंने ट्रैक्टर प्राप्त कर लिया है और ट्रैक्टर चालू हालत में है और हम पूरी तरह से संतुष्ट हैं। चूंकि ट्रैक्टर से परिवादीगण पूरी तरह से संतुष्ट हैं और उन्होंने ऋण प्राप्त करना भी स्वीकार किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवादीगण कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 23.10.2020
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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