(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :- 1521/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, पीलीभीत द्वारा प्रकीर्ण वाद सं0-12/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07/07/2015 के विरूद्ध)
Pawan Kumar Mishra, S/O Sri Ram Aasrey Mishra, R/O Mohalla Nakhasa, Opp. P.S. Sungari, Distt. Pilibhit.
- Appellant
Versus
- Hitachi Home and life solutions (India) Ltd. Reg. office 9th Floor, Abhijeet Mithakhali six Road, Ahmadabad-380006 through its Chairman.
- Era Radios branch office, Deen dayal puram, stadium road, Bareilly, through its proprietor.
- Sri Ganesh Electronics, Near Madhvan complex, main market, distt pilibhit through its proprietor (Authorized dealer of O.P/respondent no. 1 in Pilibhit)
- Respondents
समक्ष
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
- मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री विपुल गुप्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- कोई नहीं
दिनांक:-16.06.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- यह अपील जिला उपभोक्ता आयोग, पीलीभीत द्वारा प्रकीर्ण वाद सं 12 सन 2015 पवन कुमार मिश्रा बनाम हिटाची होम एण्ड लाइफ सलूशन लिमिटेड तथा अन्य में पारित आदेश दिनांक 07.07.2015 के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके माध्यम से अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद स्थानीय क्षेत्राधिकारिता के प्रश्न पर पीलीभीत में वाद का क्षेत्राधिकार न होने के आधार पर निरस्त किया गया है। अपीलार्थी/परिवादी पवन कुमार मिश्रा द्वारा इन तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया है कि हिटाची कम्पनी का एक एअर कन्डीशनर ईरा रेडियोज, बरेली से रूपये 35,800/- में खरीदा था। जिसके निर्माता परिवाद के विपक्षी सं0 1 हिटाची होम एण्ड लाइफ सोल्यूशन थे। गैस लीकेज होने के कारण एअर कन्डीशनर ने उचित काम नहीं किया। अपीलार्थी/परिवादी ने पीलीभीत के स्थानीय अधिकृत डीलर गनेश इलेक्ट्रिकल्स पीलीभीत में शिकायत दर्ज करायी, जिन्होंने टोल फ्री नम्बर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा। विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा इस आधार पर परिवाद निरस्त किया गया कि प्रश्नगत एअर कन्डीशनर बरेली में खरीदा गया है, जो विपक्षी सं0 1 द्वारा निर्मित है। उक्त कम्पनी की शाखा कार्यालय पीलीभीत में होने के आधार पर परिवाद पीलीभीत में योजित नहीं किया जा सकता है। विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय से व्यथित होकर यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
- अपील में मुख्य रूप से यह आधार लिये गये हैं कि धारा 2(1)(aa) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार शाखा कार्यालय का तात्पर्य ऐसे स्थान से है, जहां पर विपक्षी की शाखा कार्यालय हो अथवा ऐसी स्थापना जहां पर विपक्षी का क्रियाकलाप उसके मुख्य कार्यालय द्वारा किया जाता हो। अपीलकर्ता के अनुसार उक्त परिभाषा को विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम पीलीभीत द्वारा नजरअंदाज किया गया है। इस प्रकार सही विधिक स्थिति के विरूद्ध प्रश्नगत निर्णय व आदेश पारित किया गया है। अपीलार्थी/परिवादी के परिवाद को मनमाने तौर पर खारिज किया गया है जो विधिक दृष्टि से सही नहीं है। इसके आधार पर प्रश्नगत आदेश को अपास्त किये जाने एवं परिवाद को स्थापित करके सुने जाने के आदेश पारित करने की प्रार्थना अपील में की गयी है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री विपुल गुप्ता को विस्तार से सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
- प्रस्तुत मामले में अपीलार्थी/परिवादी ने यह स्वीकार किया है कि उसने प्रश्नगत एअर कन्डीशनर बरेली से क्रय किया था एवं उस आधार पर पीलीभीत में परिवाद योजित किया है कि हिटाची कम्पनी जिसका ए0सी0 क्रय किया गया है उसका शाखा कार्यालय पीलीभीत में भी है। अत: पीलीभीत उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय (फोरम) को परिवाद के श्रवण एवं निस्तारण का क्षेत्राधिकार है। धारा 11 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 यह प्रदान करता है-
‘’परिवाद ऐसे जिला पीठ में संस्थित किया जाएगा, जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर...
- विरोधी पक्षकार, या जहां एक से अधिक विरोधी पक्षकार है, वहॉ विरोधी पक्षकारों में से हर एक परिवाद के संस्थित किये जाने के समय वास्तव में और स्वेच्छा से निवास करता है या (कारबार करता है या उसकी शाखा कार्यालय है) या अभिलाभ के लिए स्वयं काम करता है, अथवा
- जहॉ एक से अधिक विरोधी पक्षकार है वहां विरोधी पक्षकारों में से कोई भी विरोधी पक्षकार परिवाद के संस्थित किए जाने के समय वास्तव में और स्वेच्छा से निवास करता है या (कारबार करता है या उसका शाखा कार्यालय है) या अभिलाभ के लिए स्वयं काम करता है, परंतु यह जब जबकि ऐसी अवस्था में या तो जिला पीठ की इजाजत दें दी गयी है या जो विरोधी पक्षकार पूर्वोक्त रूप में निवास नहीं करतेया(कारबार नहीं करते या उसका शाखा कार्यालय नहीं है) या अभिलाभ के लिए स्वयं काम नहीं करते, वे ऐसे संस्थित किए जाने के लिए उपमत हो गए हैं, अथवा
- वाद हेतुक पूर्णत: या भागत: पैदा होता है।‘’
- उपरोक्त प्रावधान के अंतर्गत धारा 11 (क) (ख) विपक्षी के शाखा कार्यालय होने वाले स्थान एवं विपक्षी द्वारा अभिलाभ के लिए कारोबार करने वाले स्थान पर स्थानीय क्षेत्राधिकारिता प्रदान करता है, किन्तु शाखा कार्यालय कौन सा माना जाये। इस बिन्दु को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय सोनी सर्जिकल बनाम नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी प्रकाशित 2009 सीपीजे पृष्ठ 40 (एस.सी.) में स्पष्ट किया गया है, जिसमें मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णीत किया गया है कि धारा 11 (क) तथा 11(ख) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में यह प्रदान किया गया कि प्रत्यर्थी/विपक्षी का शाखा कार्यालय का तात्पर्य उस शाखा कार्यालय से है जहां वाद हेतु उत्पन्न होता है । विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उपरोक्त निर्णय पर आधारित करते हुए उक्त निर्णय दिया है। मा0 सर्वोच्च न्यायालय के समस्त मामले में बीमा की पॉलिसी स्थान अम्बाला से ली गयी थी। उक्त बीमाकर्ता का शाखा कार्यालय चंडीगढ़ में भी था। मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह अवधारित किया गया है कि मात्र इस आधार पर कि विपक्षी का एक शाखा कार्यालय चंड़ीगढ़ में भी है। वाद का कारण चंडीगढ़ में उत्पन्न होना नहीं माना जा सकता है और परिवाद चंडीगढ़ में पोषणीय नहीं है।
- मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय प्रस्तुत मामले पर लागू होता है। यह पीठ मा0 सर्वोच्च न्यायालय के उपरोक्त निर्णय के प्रकाश में इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि स्थान पीलीभीत में वाद का कारण उत्पन्न होना नहीं माना जा सकता है एवं मा0 सर्वोच्च न्यायालय के उपरोक्त निर्णय के अनुसार स्थान पीलीभीत जहां वाद का कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। जिला उपभोक्ता फोरम को स्थानीय क्षेत्राधिकारिता नहीं है। विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा उचित प्रकार से उक्त बिन्दु को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अवधारित करते हुए क्षेत्राधिकार पीलीभीत में नहीं माना है, जो उचित है। निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई अवसर व आधार नहीं है। अत: निर्णय पुष्ट किये जाने योग्य है एवं अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
-
अपील निरस्त की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय)(विकास सक्सेना)
संदीप आशु0कोर्ट नं0 2