Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/518/2017

Nirupma Gautam - Complainant(s)

Versus

Hitachi Home And Home Solution - Opp.Party(s)

Alok Mishra

26 Sep 2017

ORDER

 
 
 
                                                      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
 
                                               अध्यासीनः  डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
                                                                 श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
 
 
                                                                          उपभोक्ता वाद संख्या-518/2017
 
श्रीमती निरूपमा गौतम पत्नी श्री रवीन्द्र कुमार निवासिनी फ्लैट नं0-204, श्रीराम वाटिका इन्द्रप्रस्थ अपार्टमेन्ट, रतनलाल नगर, कानपुर नगर।
                                                                                                                                                                                            ................परिवादिनी
                                                                                                 बनाम
 
1. हिताची होम एण्ड लाईफ साल्यूसन इण्डिया लि0, हिताची काम्प्लेक्स करन नगर काही जिला मढ़याना गुजरात, इण्डिया।
2. रामा इलेक्ट्रानिक्स 127/609/ए ब्लाक-एस, विनोबा नगर (नियर जूही बस स्टैण्ड कानपुर-14
                                                                                                                                                                                                ...........विपक्षीगण
                                                                                                                                                                       परिवाद दाखिला तिथिः 11.08.2017
                                                                                                                                                                       निर्णय तिथिः 14.03.2018
 
                                                                         डा0 आर0एन0 सिंह, अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
                                                                                              ःःः निर्णयःःः
1.  परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादिनी को, विपक्षीगण से, ए0सी0 की कीमत रू0 29,500.00 मय 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दिनांक 25.06.17 से तायूम वसूली दिलाया जाये, मानसिक, षारीरिक एवं आर्थिक क्षति के रूप में रू0 25,000.00 तथा रू0 8000.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये।
​           
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादिनी का कथन यह है कि परिवादिनी ने विपक्षी सं0-2 से एक नया विन्डो ए0सी0, 1.5 टन टी.आर. हिताची काजा प्लस त्410।.त्।ॅ318ज्ञग्क्।प् व एक स्टैब्लइजर दिनांक 25.06.17 को मु0 29,500.00 में नगद क्रय किया था। (जिसमें से रू0 10000.00 एडवांस में तथा षेश धनराषि रू0 19500.00 व भाड़ा रू0 250.00 ए0सी0 डिलीवर करने के पष्चात अदा किया गया।) परिवादिनी द्वारा क्रय किये गये उपरोक्त ए0सी0 को उसी दिन दिनांक 25.06.17 को विपक्षी संख्या-2 द्वारा  इंजीरियर को भेजकर परिवादिनी  के घर में इंस्टाल कराया 
                                                                                                                                                                                                     ...........2
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गया। प्रष्नगत ए0सी0 इंस्टाल करने के पष्चात जब चालू किया गया, तो उसमें डिस्प्ले नहीं आ रहा था तथा ए0सी0 की ग्रिल भी टूटी हुई थी और ए0सी0 से तेज-तेज आवाज आने तथा ए0सी0 का पानी, पानी निकास से न होकर नीचे से गिर रहा था। जिसे परिवादिनी द्वारा इंजीनियर से कहा गया तो इंजीनियर ने उसी समय तुरन्त विपक्षी सं0-2 को जरिये फोन सूचित किया कि प्रष्नगत ए0सी0 में डिस्प्ले नहीं आ रही है और ग्रिल भी टूटी हुई है, तो विपक्षी सं0-2 ने इंजीनियर से कहा कि आप लोग चले आओ, ए0सी0 1-2 दिन में बदलकर नया व त्रुटिरहित ए0सी0 भेजकर इंस्टाल करा दिया जायेगा। जब 1-2 दिन में विपक्षी सं0-2 द्वारा ए0सी0 नहीं बदला गया, तो परिवादिनी द्वारा पुनः विपक्षी सं0-2 को षिकायत की गयी। जिस पर विपक्षी सं0-2 ने विपक्षी सं0-1 से षिकायत की। दिनांक 29.06.17 को षिकायत निवारण हेतु विपक्षी सं0-2 के जरिये, विपक्षी सं0-1 के इंजीनियर सूरज नारायण आये। उपरोक्त इंजीनियर द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को चेक कर बताया गया कि आपके ए0सी0 का डिस्पले प्राब्लम कर रहा है और ग्रिल डैमेज है, जिसकी वजह से आपका रूम ठण्डा नहीं हो पा रहा है। यह डिस्पले ए0सी0 के साथ अटैच होता है, जिसके लिए हम ए0सी0 को रिप्लेस करा देंगे। किन्तु तब से आज तक परिवादिनी, विपक्षीगण से मोबाइल से लगातार संपर्क कर रही है, पर कोई संतोशजनक उत्तर नहीं दिया जा रहा है और न ही ए0सी0 काम कर रहा है। जिसके कारण परिवादिनी ए0सी0 का लाभ नहीं ले पा रही है। परिवादिनी ने दिनांक 25.06.17 को उक्त ए0सी0 गर्मी से बचने के लिए लगवाया था। विपक्षी सं0-2 को कई बार फोन से एवं स्वयं उपस्थित होकर भी प्रष्नगत ए0सी0 सही करने का आग्रह किया गया, परन्तु विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादिनी की समस्या का कोई निस्तारण नहीं किया गया। विपक्षीगण द्वारा यह कथन किया गया था कि ए0सी0 में किसी भी प्रकार की कोई षिकायत नहीं आयेगी। यदि षिकायत आती भी है, तो षिकायत का निस्तारण तत्काल किया जायेगा। परिवादिनी को खराब ए0सी0 प्रदान कर विपक्षीगण द्वारा सेवा में घोर कमी की गयी है, जिससे उपभोक्ता के अधिकारों का हनन हुआ है।  षिकायत  करने के बावजूद  षिकायत का 
                                                                                                                                                                                                          ............3
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निस्तारण न करना विपक्षीगण द्वारा पूर्ण रूप से त्रुटिपूर्ण सेवा प्रदान करना है। प्रष्नगत ए0सी0, वारंटी अवधि में होने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को न बदलना, त्रुटिपूर्ण ए0सी0 का विक्रीत करना विपक्षीगण की सेवा में घोर कमी को दर्षाता है। विपक्षीगण की लापरवाही के कारण परिवादिनी को मानसिक, षारीरिक एवं आर्थिक क्षति कारित हुई है। अतः विवष होकर परिवादिनी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रारम्भिक आपत्ति के रूप में प्रस्तुत करके संक्षेप में यह कथन किया गया है कि विपक्षी सं0-1 के द्वारा निर्मित वस्तुओं के विक्रय तथा विक्रीत वस्तुओं की सर्विसिंग के लिए एक अत्यंत सुंदर, प्रतिश्ठित प्रतिश्ठान है, जिनका प्रबन्धन प्रषिक्षित एवं अनुभवी कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। विपक्षी सं0-1 निर्माता कंपनी का समर्पित हेल्प लाइन नम्बर 24×7 घंटे कार्य करता है। विपक्षी सं0-1 के द्वारा निर्मित वस्तुओं की सेवाओं व मरम्मत मानक के अनुसार की जाती है। परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विधि के बेजा इस्तेमाल के लिए अस्पश्ट, आधारहीन एवं दूशित मंषा से प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि बताकर अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। इसके बावजूद विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादिनी से विवाद आगे न बढ़े, इस मंषा से तथा समय एवं ऊर्जा की बचत करने की मंषा से परिवादिनी से संपर्क किया गया। किन्तु परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को बदलने के साथ- साथ अतिरिक्त क्षतिपूर्ति देने के लिए विपक्षी सं0-1 को बाध्य किया गया। परिवादिनी द्वारा विवादित ए0सी0 के सम्बन्ध में निर्माणी त्रुटि अथवा विपक्षी के विरूद्ध सेवा में किसी कमी को प्रमाणित नहीं किया जा सका है। परिवादिनी द्वारा वारंटी षर्तों के विपरीत अनुतोश याचित किया गया है। मा0 राश्ट्रीय आयेाग द्वारा विधि निर्णय 3 ;2010द्ध ब्च्श्र 130 ;छब्द्ध सुषीला आॅटोमोबाइल्स लि0 बनाम डा0 बिरेन्द्र नारायण एवं अन्य में निर्माणी त्रुटि साबित करने के लिए विषेशज्ञ की राय प्रस्तुत करना आवष्यक बताया गया है। मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा ैजमतमवबतंजि टेण् डवदवजलचम प्दकपं स्जकण् छमू क्मसीप ;2000ए छब्श्र ;ैब्द्ध 59  में यह कहा गया है कि यदि वारंटी की 
                                                                                                                                                                                                     ...........4
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षर्तों में अभिकथित धन वापसी अथवा अभिकथित वस्तु के बदले जाने का उल्लेख नहीं किया गया है, तो परिवादिनी उक्त अनुतोश क्लेम नहीं कर सकती है। वास्तविकता यह है कि अन्वेशण के उपरांत विपक्षी सं0-2 से विपक्षी सं0-1 को यह जानकारी हुई है कि परिवादिनी द्वारा विपक्षी सं0-2 को प्रष्नगत ए0सी0 की संपूर्ण कीमत अदा नहीं की गयी है, जिससे परिवादिनी व विपक्षी सं0-2 के मध्य वाद-विवाद उत्पन्न हुआ है। विपक्षी सं0-2 विक्रेता है और विपक्षी सं0-1 प्रष्नगत ए0सी0 की निर्माता कंपनी है। विपक्षी सं0-2 का डिलीवरी ब्वाय जब ए0सी0 पहुॅचाने के लिए परिवादिनी के यहां गया, तो परिवादिनी द्वारा अवषेश धनराषि देने से मना कर दिया गया और यह कहा गया कि ए0सी0 इंस्टाल होने के बाद ही वह अवषेश धनराषि देगी। विपक्षी सं0-2 के द्वारा कुछ धनराषि लगभग रू0 2000.00 रोककर षेश धनराषि देने के लिए कहा और यह कहा गया कि ए0सी0 इंस्टाल करने की टीम रास्ते में है। किन्तु परिवादिनी द्वारा अवषेश धनराषि देने से मना कर दिया गया। जब ए0सी0 इंस्टाल करने की विपक्षी सं0-2 की टीम परिवादिनी के घर पहुॅची तब ए0सी0 इंस्टाल करने के दौरान विपक्षी सं0-2 के टेक्नीषियन के द्वारा यह पाया गया कि प्रष्नगत ए0सी0 का ग्रिल, कुछ अंष तक क्षतिग्रस्त हो गया है, इसके बावजूद विपक्षी सं0-2 की टीम द्वारा ए0सी0 इंस्टाल किया गया और यह पाया गया कि ए0सी0 इंस्टाल करने के बाद ए0सी0 का डिस्प्ले कार्य नहीं कर रहा था और ए0सी0 से पानी बूंद-बंूद करके गिर रहा था। विपक्षी सं0-2 के टेक्नीषियन को यह आभास हुआ कि प्रष्नगत ए0सी0 के साथ डिलीवरी करने के दौरान छेड़- छाड़ की गयी है। इसके तुरंत बाद विपक्षी सं0-2 की टीम/टेक्नीषयन द्वारा विपक्षी सं0-2 के डिलीवरी ब्वाय से संपर्क करके, डिलीवरी करने के दौरान प्रष्नगत ए0सी0 में छेड़छाड़ किये जाने की सूचना प्राप्त की गयी। जिस पर डिलीवरी ब्वाय के द्वारा टेक्नीषियन को यह बताया गया कि उसके द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 परिवादिनी के दरवाजे पर छोड़ दिया गया था। क्योंकि परिवादिनी और विपक्षी संख्या-2 के  मध्य आपस में बहस चल रही थी।  परिवादिनी द्वारा विपक्षी  संख्या-2 के 
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टेक्नीषियन को यह बताया गया कि परिवादिनी व उसके परिवार के लोगों के द्वारा ही घर के बाहर से कमरे के अंदर तक प्रष्नगत ए0सी0 लाया गया। इस पर विपक्षी के टेक्नीषियन द्वारा परिवादिनी को यह सूचित किया गया कि प्रष्नगत ए0सी0 में जो क्षति कारित हुई है, वह परिवादिनी के द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 में छेड़-छाड़ करने के कारण हुई है। इससे परिवादिनी एकदम नाराज हो गयी और विपक्षी के टेक्नीषियन को भी अवषेश धनराषि देने से मना कर दिया। इसके पष्चात परिवादिनी द्वारा विपक्षी सं0-1 के सर्विस सेंटर में सर्विस के लिए निवेदन किया गया, जिस पर विपक्षी सं0-1 के द्वारा अपने टेक्नीषियन को तुरंत निरीक्षण के लिए भेजा गया। विपक्षी सं0-1 के टेक्नीषियन द्वारा यह पाया गया कि प्रष्नगत ए0सी0 का ग्रिल क्षतिग्रस्त था और डिस्प्ले कार्य नहीं कर रहा था। क्योंकि डिस्प्ले बाहर से टूट गया। विपक्षी के द्वारा उक्त क्षति वारंटी के अंदर कवर न होना बताया गया और यह कहा गया कि उक्त क्षति की मरम्मत के लिए कीमत देकर मरम्मत करायी जा सकती है। इस पर परिवादिनी द्वारा विपक्षी के टेक्नीषियन को यह बताया गया कि प्रष्नगत ए0सी0 इसी हालत में उसे दिया गया है। इसके बाद विपक्षी सं0-1 के टेक्नीषियन द्वारा विपक्षी सं0-2 से वार्ता की गयी, जिससे उसे यह ज्ञात हुआ कि परिवादिनी और विपक्षी सं0-2 के मध्य प्रष्नगत ए0सी0 का संपूर्ण भुगतान से सम्बन्धित विवाद है। यह जानकारी होने पर विपक्षी सं0-1 के टेक्नीषियन द्वारा परिवादिनी के प्रष्नगत ए0सी0 की मरम्मत करने के बजाय वापस लौट आया। परिवादिनी की सर्विस प्रार्थना के प्रति उदारतापूर्वक दृश्टिकोण रखते हुए विपक्षी सं0-1 प्रष्नगत ग्रिल व डिस्प्ले निःषुल्क वारंटी षर्तों के विपरीत भी बदलने के लिए तैयार हो गया। इसके बावजूद परिवादिनी द्वारा मनमाने ढंग से प्रष्नगत ए0सी0 को बदलकर नया ए0सी0 देने पर दबाव डाला गया। जिसे विपक्षी सं0-1 द्वारा इंकार कर दिया गया। विपक्षी सं0-1 उपरोक्त परिस्थितियों के बावजूद वारंटी षर्तों के अनुसार विवाद का समाधान करने के लिए तैयार है। विपक्षीगण के द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है और न ही 
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परिवादिनी के साथ कोई अनुचित व्यापार-व्यवहार किया गया है। अतः विपक्षी/उत्तरदाता के विरूद्ध परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
4. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-2 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी सं0-2  पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 18.01.18 को विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादिनी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 27.01.18 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्नक कागज सं0-3/2 लगायत् 3/3 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में रूपेष जैन का षपथपत्र दिनांकित 16.10.17 तथा वारंटी कार्ड की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
8. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
9. उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5 व 6 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
10. उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादिनी का प्रमुख तर्क यह है कि प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि है। इसलिए प्रष्नगत ए0सी0 में, इंस्टाल करने के बाद ही डिस्प्ले कार्य नहीं कर रहा था व ए0सी0 से बूंद-बूंद करके पानी टपक रहा था तथा ए0सी0 की ग्रिल भी क्षतिग्रस्त थी। विपक्षी के टेक्नीषियन के 
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द्वारा भी प्रष्नगत ए0सी0 के इंस्टाल करने के पष्चात उक्त त्रुटि का होना बताया गया है- जैसाकि स्वयं विपक्षी सं0-1 के द्वारा अपने जवाब दावा में उल्लेख किया गया है। अब विवाद इस विशय का है कि विपक्षी सं0-1 जो कि प्रष्नगत ए0सी0 की निर्माणी कंपनी है, का कहना है कि प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि नहीं है। जबकि परिवादिनी का यह कहना है कि प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि थी। प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि थी, यह बात विपक्षी सं0-1 के इस कथन से ही सिद्ध होती है कि स्वयं उसके टेक्नीषियन द्वारा उसे यह बताया गया कि प्रष्नगत ए0सी0 के इंस्टाल करने पर ही, तुरन्त देखने पर ज्ञात हुआ कि प्रष्नगत ए0सी0 का डिस्प्ले काम नहीं कर रहा था और प्रष्नगत ए0सी0 से पानी, बूंद-बूंद करके टपक रहा था तथा ए0सी0 की ग्रिल भी क्षतिग्रस्त थी। यद्यपि विपक्षी सं0-1 के द्वारा अपने टेक्नीषियन के द्वारा दी गयी उक्त रिपोर्ट को अपने हित में अनुवादित करते हुए यह कहा गया है कि विपक्षी सं0-2 प्रष्नगत ए0सी0 के विक्रेता द्वारा विपक्षी सं0-1 को यह बताया गया कि उसके डिलीवरी ब्वाय से परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 की अवषेश धनराषि न देने के लिए बहस की गयी और विपक्षी सं0-2 विक्रेता से भी बहस की गयी। फलस्वरूप विपक्षी सं0-2 के डिलीवरी ब्वाय द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 परिवादिनी के घर के दरवाजे पर छोड़ दिया गया और डिलीवरी ब्वाय वापस विपक्षी सं0-2 की दुकान पर आ गया। इसके बाद परिवादिनी के परिवार के लोग स्वयं ए0सी0 को दरवाजे से प्रष्नगत कक्ष तक ले जाया गया। उन लोगों के द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को घर के दरवाजे से ही जिस कक्ष में ए0सी0 लगाया जाना था, उस कक्ष में ले जाने पर ए0सी0 के साथ छेड़छाड़ की गयी है, जिससे उपरोक्त त्रुटि कारित की गयी है। किन्तु विपक्षी सं0-1 निर्माणी कंपनी/उत्तरदाता के द्वारा अपने उपरोक्त कथन के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
11. उपरोक्त के अतिरिक्त विपक्षी सं0-1 के द्वारा स्वयं परिवादिनी पर विभिन्न आरोप लगाते हुए यह कहा गया है कि परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 की संपूर्ण धनराषि विपक्षी सं0-2 को अदा नहीं की गयी- 
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इसी विवाद के कारण विपक्षी सं0-2 का डिलीवरी ब्वाय द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को परिवादिनी के दरवाजे पर छोड़ दिया गया। प्रष्नगत ए0सी0 में परिवादिनी के घर के लोगों के द्वारा छेड़छाड़ की गयी। परिवादिनी के घर के लोगों के द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 में छेड़छाड़ किये जाने के कारण ए0सी0 का डिस्प्ले खराब हो गया और ग्रिल क्षतिग्रस्त हो गयी। इस सम्बन्ध में फोरम का यह मत है कि यदि प्रष्नगत ए0सी0 की ग्रिल क्षतिग्रस्त थी, तो विपक्षी सं0-2 के, प्रष्नगत ए0सी0 इंस्टाल करने की टीम के टेक्नीषियन के द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को इंस्टाल करने से पहले क्यों नहीं देखा गया और क्षतिग्रस्त डिस्प्ले तथा क्षतिग्रस्त ग्रिल के कारण उसे प्रष्नगत ए0सी0 को इंस्टाल करने से मना क्यों नहीं कर दिया गया। इससे यह अवधारणा बनती है कि उपरोक्त त्रुटि पहले से ही थी, जिन्हें नजरअंदाज करके, विपक्षी सं0-2 के टेक्नीषियन के द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को इंस्टाल करके चलाये जाने का प्रयास किया गया और न चलने पर परिवादिनी की ओर से प्रष्नगत ए0सी0 को बदलने की मांग की उपेक्षा करने के उद्देष्य से सारी कहानी गढ़ी गयी। विपक्षी सं0-1 उत्तरदाता के द्वारा स्वयं के और विपक्षी सं0-2 के मध्य हुई उपरोक्त वार्ता को सिद्ध करने के लिए कोई सम्यक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जहां तक विपक्षी सं0-1 की ओर से षपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने का प्रष्न है, उसके विपरीत परिवादिनी की ओर से भी षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है।
उपरोक्त समस्त तथ्यों, परिस्थितियों से व उपरोक्तानुसार समस्त साक्ष्यों के विष्लेशणोपरांत फोरम का यह मत है कि प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि है, जिसे बदलकर, देने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं0-1 निर्माणी कंपनी पर है और विपक्षी सं0-2 द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 को विपक्षी सं0-1 से बदलवाकर नया ए0सी0 न देने अथवा ए0सी0 की धनराषि तत्काल वापस न करने से, कारित की गयी सेवा में कमी के लिए विपक्षी सं0-2 भी उत्तरदायी है।
विपक्षी सं0-1 द्वारा अपने जवाब दावा में विधि निर्णय 3 ;2010द्ध ब्च्श्र 130 ;छब्द्ध सुषीला आॅटोमोबाइल्स लि0 बनाम डा0 बिरेन्द्र नारायण एवं 
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अन्य, विधि निर्णय ैजमतमवबतंजि टेण् डवदवजलचम प्दकपं स्जकण् छमू क्मसीप ;2000ए छब्श्र ;ैब्द्ध 59  का उल्लेख किया गया है। मा0 उच्चतम न्यायालय एवं मा0 राश्ट्रीय आयोग का संपूर्ण सम्मान रखते हुए स्पश्ट करना है कि विपक्षी सं0-1 द्वारा उक्त विधि निर्णयों की प्रतियां फोरम के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गयी हैं। इसके अतिरिक्त प्रस्तुत मामले में निर्णय के प्रस्तर-10 में यह निश्कर्श आ चुका है कि परिवादिनी द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि साबित की जा चुकी है- अतः उपरोक्त विधि निर्णयों का लाभ विपक्षी सं0-1 को प्राप्त नहीं होता है।
12. उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादिनी का, प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण संयुक्त रूप से अथवा पृथक-पृथक रूप से परिवादिनी का प्रष्नगत ए0सी0, उसी माॅडल का बदलकर देवे, अन्यथा स्थिति में प्रष्नगत ए0सी0 को प्राप्त करके, प्रष्नगत ए0सी0 की कीमत रू0 29,500.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से उक्त धनराषि अदा करने की तिथि 25.06.17 से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें। जहां तक परिवादिनी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है-उक्त याचित उपषम के लिए परिवादिनी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। निष्चित रूप से विपक्षीगण के द्वारा किये गये उपरोक्त कृत्य से परिवादिनी को मानसिक व आर्थिक क्षति कारित हुई। किन्तु परिवादिनी द्वारा उक्त क्षति के लिये कोई आंकलन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसलिए फोरम का यह मत है कि परिवादिनी को मानसिक क्षति के रूप में एकमुष्त रू0 10,000.00 विपक्षीगण से दिलाये जाने योग्य है।
ःःःआदेषःःः
13. परिवादिनी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 
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30 दिन के अंदर, विपक्षीगण, संयुक्त रूप से अथवा पृथक-पृथक रूप से परिवादिनी का प्रष्नगत ए0सी0, उसी माॅडल का बदलकर देवे, अन्यथा स्थिति में प्रष्नगत ए0सी0 को प्राप्त करके, प्रष्नगत ए0सी0 की कीमत रू0 29,500.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से उक्त धनराषि अदा करने की तिथि 25.06.17 से तायूम वसूली अदा करें। विपक्षीगण उपरोक्त समय के अंदर परिवादिनी को मानसिक क्षति के रूप में एकमुष्त रू0 10,000.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
 
                                                                             ( सुधा यादव )                     (डा0 आर0एन0 सिंह)
                                                                                    सदस्या                               अध्यक्ष
                                                            जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
                                                                         फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
 
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
 
        ( सुधा यादव )                     (डा0 आर0एन0 सिंह)
           सदस्या                               अध्यक्ष

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