राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
विविध वाद संख्या-251/2024
(परिवाद संख्या-03/2020)
श्रीमती मीरा देवी
बनाम
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि0 व दो अन्य
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
परिवादिनी की ओर से उपस्थित : श्री आनन्द भार्गव,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी संख्या-1 की ओर से उपस्थित : सुश्री अपराजिता बंसल एवं
सुश्री गुरू सिमरन कौर,
विद्वान अधिवक्तागण।
विपक्षी संख्या-2 की ओर से उपस्थित : श्री संजय जायसवाल,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी संख्या-3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 23.09.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते परिवाद संख्या-03/2020 श्रीमती मीरा देवी बनाम हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 27.08.2024 के पृष्ठ संख्या-6 में उल्लिखित निम्न तथ्य को पुनर्विचारित किए जाने हेतु योजित किया गया:-
“During the course of final hearing learned Counsel for the complainant has pointed out that the written statement has been filed by the opposite party No.01 after three years and its copy has been provided to the parties after long time and it should not be read as the part of the instant complaint.
I have perused the written statement of the opposite party No.01 and have found that it has been filed after long delay and beyond the prescribed time therefore it should not be read.”
-2-
विपक्षी संख्या-1 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि0 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वय सुश्री अपराजिता बंसल एवं सुश्री गुरू सिमरन कौर को सुना।
विपक्षी संख्या-1 की विद्वान अधिवक्ता द्वय द्वारा न्यायालय को अवगत कराया गया कि वास्तव में विपक्षी संख्या-1 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि0 की ओर से पूर्व में नियुक्त अधिवक्ता श्री करन अग्रवाल इस न्यायालय के सम्मुख उपस्थित हो रहे थे, परन्तु चूँकि परिवाद की निश्चित तिथि पर कोविड 19 के कारण हुए व्यवधान को दृष्टिगत रखते हुए उपरोक्त कनिष्ठ अधिवक्ता श्री करन अग्रवाल न्यायालय के सम्मुख उपस्थित नहीं हो सके, जिस कारण से न्यायालय द्वारा विभिन्न तिथियों पर उपरोक्त अधिवक्ता की अनुपस्थिति का उल्लेख किया गया, साथ ही यह भी कथन किया गया कि विपक्षी संख्या-1 द्वारा उत्तर शपथ पत्र वर्ष 2020 में ही तैयार किया गया था, परन्तु परिवादिनी के अधिवक्ता की अनुपस्थिति व कोविड 19 के व्यवधान के कारण उपरोक्त उत्तर शपथ पत्र की प्रति समयानुसार अपेक्षित समयावधि में प्राप्त नहीं करायी जा सकी, जिसे विपक्षी संख्या-1 के अधिवक्ता द्वारा परिवादिनी के अधिवक्ता को बाद में प्राप्त करायी गयी।
प्रार्थना की कि उपरोक्त परिस्थितियों को क्षमा करते हुए विलम्ब से उत्तर शपथ पत्र प्राप्त कराए जाने में वास्तव में विपक्षी संख्या-1 के अधिवक्ता की ओर से कोई कमी नहीं थी, वरन् परिस्थितिवश उपरोक्त विलम्ब से उत्तर शपथ पत्र प्राप्त कराया जाना उल्लिखित किया गया।
परिवादिनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव एवं विपक्षी संख्या-2 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री संजय जायसवाल को सुना।
-3-
प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में मात्र निर्णय में ऊपर उल्लिखित तथ्य को अपास्त किए जाने हेतु प्रार्थना की गयी, जिसके उत्तर में परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव द्वारा विपक्षी संख्या-1 द्वारा की गयी प्रार्थना को समुचित नहीं उल्लिखित किए जाने का कथन किया।
विपक्षी संख्या-2 के विद्वान अधिवक्ता श्री संजय जायसवाल द्वारा किसी प्रकार का कोई विरोध मोडिफिकेशन/संशोधन प्रार्थना पत्र को स्वीकृत किए जाने हेतु नहीं किया गया।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद संख्या-03/2020 श्रीमती मीरा देवी बनाम हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 27.08.2024 के पृष्ठ संख्या-6 में ऊपर उल्लिखित अंग्रेजी भाषा में निर्णय के तथ्यों को समाप्त किया जाता है।
तदनुसार परिवाद संख्या-03/2020 श्रीमती मीरा देवी बनाम हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 27.08.2024 के पृष्ठ संख्या-6 में ऊपर उल्लिखित अंग्रेजी भाषा में निर्णय में तथ्यों को हस्तलिपि में लाल इंक से समाप्त करते हुए संशोधन किया गया।
तदनुसार प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अंतिम रूप से निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1