(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2882/2006
मोहम्मद आसिफ पुत्र मोहम्मद आमीन तथा तीन अन्य
बनाम
हिन्दुस्तान मोटर एण्ड जनरल फाइनेंस कंपनी तथा पांच अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0-3 की ओर से उपस्थित : श्री संजय कुमार वर्मा।
शेष प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 15.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-4/1999, मोहम्मद आसिफ व अन्य बनाम हिन्दुस्तान मोटर एंड जनरल फाइनेंस कंपनी व अन्य में विद्वान जिला आयोग, पीलीभीत द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 17.10.2006 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर प्रत्यर्थी सं0-3 के विद्वान अधिवक्ता श्री संजय कुमार वर्मा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। अपीलार्थीगण तथा शेष प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि जिस दस्तावेज के द्वारा एफडीआर में अंकन 49,000/-रू0 की रकम जमा करना कहा जाता है, वह मात्र फोटो कापी है, जो साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है और इसी आधार पर परिवाद को खारिज कर
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दिया गया, यह निर्णय/आदेश विद्वान जिला आयोग के दो सदस्यों द्वारा पारित किया गया है, जबकि विद्वान जिला आयोग के अध्यक्ष द्वारा अलग निर्णय/आदेश पारित किया गया है, इस निर्णय के अनुसार परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी फाइनेंस कंपनी को आदेशित किया है कि परिवादी को अंकन 52,000/-रू0 उपलब्ध कराए जाए, जो उनके द्वारा जमा की गई राशि पर देय बनते हैं।
3. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला आयोग के दो सदस्यों द्वारा साक्ष्य के विपरीत निर्णय/आदेश पारित किया गया है। विपक्षी ऋण देने का कार्य करते हैं, जिसके माध्यम से वाहन क्रय किए जाते हैं और अपने ग्राहकों से धनराशि भी जमा करायी जाती है। विपक्षी एक फाइनेंस कंपनी है, उनके अनुरोध पर परिवादी मोहम्मद आसिफ द्वारा दिनांक 3.6.1992 को अंकन 10,000/-रू0 एवं दिनांक 23.1.1995 को अंकन 10,000/-रू0 जमा किए गए हैं। परिवादी के पिता द्वारा उपरोक्त तिथियों पर क्रमश: 10 एवं 12 हजार रूपये जमा किए गए हैं। विपक्षी द्वारा 18 प्रतिशत की दर से यह राशि वापस लौटाए जाने का आश्वासन दिया गया था, परन्तु यह राशि अदा नहीं की गई और मांगने पर धमकी दी गई। विपक्षी द्वारा किसी भी राशि की जमा से इंकार किया गया है।
4. प्रश्नगत निर्णय/आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादीगण द्वारा धनराशि जमा करने की कोई रसीद विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई है, इसी आधार पर परिवाद खारिज किया गया है। इस निर्णय/आदेश को परिवर्तित करने के लिए
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कोई सामग्री पत्रावली पर मौजूद नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2