Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/846

Ansal Housing - Complainant(s)

Versus

Himanshu Gupta - Opp.Party(s)

Rajesh Chaddha & V.S. Bisaria

20 Oct 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/846
( Date of Filing : 24 Apr 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ansal Housing
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Himanshu Gupta
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Oct 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-846/2014

अंसल हाउसिंग एण्‍ड कांस्‍ट्रक्‍शन लि0 15 यूजीएफ इन्‍द्रप्रकाश 21

बाराखंभा रोड न्‍यू दिल्‍ली-110001               .....अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम

 

हिमांशु गुप्‍ता एच-74, पटेल नगर 3, गाजियाबाद।  .......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया, विद्वान

                           अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री पी0के0 सिंह, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 20.10.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   जिला उपभोक्‍ता गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 361/11 हिमान्‍शु गुप्‍ता बनाम अंसल हाउसिंग एण्‍ड कन्‍स्‍ट्रक्‍शन लि0 में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 25.03.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न लिखित आदेश पारित किए हैं।

(ए).  विपक्षी परिवादी को एक माह के अंदर प्‍लाट संख्‍या सी/ई 297 अवंतिका अंसल योजना गाजियाबाद का भौतिक अध्‍यासन शेष धनराशि प्राप्‍त करने के उपरांत उपलब्‍ध कराए। इस आदेश का अनुपालन करने में परिवादी को कोई आपत्ति नहीं है, क्‍योंकि उन्‍हें यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादी को विक्रय भूखंड आवंटित किया गया है, इसलिए शेष राशि प्राप्‍त करने पर वह भौतिक कब्‍जा प्रदान करने के लिए तत्‍पर एवं उत्‍सुक है।

(बी). दूसरा आदेश निम्‍न प्रकार पारित किया गया है कि इसी दर पर इतने क्षेत्रफल का भूखंड किसी अन्‍य योजना के अंतर्गत उपलब्‍ध कराए, परन्‍तु

-2-

चूंकि विपक्षी प्रथम आदेश का अनुपालन करने के लिए तत्‍पर है, इसलिए वैकल्पिक आदेश का पालन करने का कोई औचित्‍य नहीं है, अत: वैकल्पिक आदेश को परिवर्तित किया जाना उचित होगा।

(सी). तीसरा आदेश रू. 6000/- क्षतिपूर्ति के रूप में पारित किया गया है। इसी आदेश पर 6 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने का भी आदेश दिया गया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि इस आदेश के संबंध में यह तर्क है कि अपीलार्थी के स्‍तर से भूखंड का कब्‍जा प्राप्‍त करने में देरी नहीं हुई है, क्‍योंकि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग उत्‍तर प्रदेश द्वारा ले आउट प्‍लान जी.डी.ए. में पुन: प्रेषित करने के लिए कहा गया था। दस्‍तावेज संख्‍या 31 के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि यद्यपि स्‍वयं अपीलार्थी द्वारा प्राधिकरण के समक्ष नियत अवधि के अंतर्गत प्रस्‍तुत आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया है, इसलिए मानचित्र निरस्‍त कर दिया गया था, अत: अपीलार्थी के स्‍तर से ही देरी कारित की गई है।

आदेश

2.   अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित आदेश केवल वैकल्पिक प्‍लाट दिए जाने के संबंध में अपास्‍त किया जाता है। यद्यपि क्षतिपूर्ति के आदेश पर कोई ब्‍याज देय नहीं होगा। शेष निर्णय पुष्‍ट किया जाता है।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की

वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (विकास सक्‍सेना)                       (सुशील कुमार)                                                                                                                                                   सदस्‍य                                सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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