Rajasthan

Kota

CC/225/2011

Rahil khan - Complainant(s)

Versus

High Fly Authorized Mobile Handset Shop - Opp.Party(s)

Arun Singh Solanki

21 Jan 2016

ORDER

राहिल खाॅंन आदि बनाम  हाई-फ्लाई आदि
परिवाद संख्या 225/2011


21.01.2016        दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादीगण ने विपक्षीगण का यह दोष बताया है कि परिवादी राहिल ने विपक्षी हाई-फ्लाई कोटा (विक्रेता)से नोकिया मोबाईल हैण्ड सेट-6700 दिनांक 08.07.10 को 9550/- रूपये में खरीदा व मित्र संदीप पंवार को दिया। उसका की-पेड खराब हो गया जिसकी जगह अधिकृत सर्विस सेन्टर(सुप्रीम इलैक्ट्रोनिक्स कोटा) ने नया आई.एम.आई.  नम्बर दिया। उसके पश्चात पुनः की-पेड को सही किया लेकिन केमरा खराब कर दिया व ठीक करने के बावजूद उससे वीडीयो बनना बन्द हो गया। उसके बाद पुनः की-पेड व केमरा में शिकायत आई तब अन्य सर्विस सेन्टर (टेक्नो केयर कोटा) को दिखाया जिसने लगभग एक माह बाद बताया कि ठीक नहीं होगा। इस प्रकार खराब मोबाईल दिया गया जिसे ठीक भी नहीं किया गया। इससे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक पीड़ा हुई। 
विपक्षी विक्रेता के जवाब का सार है कि परिवादी राहिल को शील्ड-पेकेट में से सही सेट दिया गया जिससे वह संतुष्ट था। उसके बाद कभी कोई शिकायत नहीं की गई। संदीप पंवार उपभोक्ता नहीं है उसने मिस यूज किया है जिसके लिये विक्रेता उत्तरदायी नहीं है। सेट की मशीन भी बदल दी गई, इसलिये सेवा में कोई कमी नहीं की गई। 
विपक्षी सर्विस सेन्टर(टेक्नो केयर व सुप्रीम इलेक्ट्रोनिक्स) बावजूद विधिवत तामील-नोटिस उपस्थित नहीं हुऐ इसलिये उनके विरूद्ध एक-पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये। 
विपक्षी निर्माता को परिवादी ने तलब नहीं कराया।
परिवादी ने साक्ष्य मंे कोई शपथ-पत्र नहीं दिया है। केवल परिवाद के साथ संदीप पंवार ने शपथ-पत्र दिया है। मोबाईल खरीद बिल, जोब शीट दिनांक 23.04.11 व 11.06.11 की प्रति प्रस्तुत की गई है। विक्रेता ने साक्ष्य में प्रोपराईटर विमल कुमार का शपथ-पत्र दिया है। 
हमने विचार किया।
विपक्षी विक्रेता मोबाईल में यदि निर्माण दोष है व उसकी रिपेयर में कमी की गई है तो इसके लिये उत्तरदायी नहीं है।
परिवादी ने निर्माता को तलब ही नहीं कराया है। निर्माण-दोष की कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की है।
परिवाद में ही स्वीकार किया है कि अधिकृत सर्विस सेन्टर ने आई.एम.आई.ई बदल दिया, की-पेड ठीक कर दिया, केमरा भी ठीक किया। उसके पश्चात आने वाले किसी दोष के बारे मेें कोई जोब-शीट नहीं हैं। सर्विस सेन्टर को भी निर्माण-दोष  के लिऐ उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।
उपरोक्त कारणों से परिवाद खारिज होने योग्य हेै। अतः खारिज किया जाता है। 
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।

 

(हेमलता भार्गव)               (महावीर तॅंवर)            (भगवान दास)
   सदस्य                     सदस्य            अध्यक्ष

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