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Ajay soni filed a consumer case on 18 Jan 2016 against High Fly Authorized Mobile Handset Shop in the Kota Consumer Court. The case no is CC/179/2013 and the judgment uploaded on 20 Jan 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या- 179 /13
अजय सोनी पुत्र के.के. सोनी जाति सुनार निवासी 6-जी-9 महावीर नगर विस्तार योजना, बसन्त बिहार, कोटा-राजस्थान। - परिवादी
बनाम
01. हाई फ्लाई आॅथोराईज्ड मोबाईल हैंड सेट शाॅप जरिये प्रोपराइटर, 20-डी शोपिंग सेन्टर, कोटा।
02. सोनी एरीक्शन मोबाईल कम्यूनिकेशन्स, प्राईवेट लिमिटेड, जरिये प्रबंधक,ए-31, मोहन काॅपरेटिव, इण्डस्ट्रीयल एस्टेट, मथुरा रोड, न्यू देहली 110044
03. सोनी एरीक्शन मोबाईल कम्यूनिकेशन्स, प्राईवेट लिमिटेड, जरिये रीजनल प्रबधंक सी-7, सुल्तान आस, फस्र्ट फ्लोर, सवाई जयसिंह हाईवे, बनीपार्क, जयपुर -302016
04. कपिल चाहर, रीजनल एच0आर0 नोट एट सोनी इण्डिया, न्यू देहली एरिया, इण्डिया कन्ज्यूमर इलेक्ट्रोनिक ए-31, मोहन काॅपरेटिव, इण्डस्ट्रीयल एस्टेट, मथुरा रोड, न्यू देहली-110044 -विपक्षीगण
समक्ष
भगवान दास - अध्यक्ष
महावीर तंवर - सदस्य
हेमलता भार्गव - सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 श्री दीपक शर्मा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 श्री सत्य प्रकाश गौतम, अधिवक्ता, विपक्षी सं. 1 की ओर से।
3. श्री एन0के0 नागर, अधिवक्ता, विपक्षी सं. 2,3 व 4 की ओर से।
निर्णय दिनांक 18.01.16
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह दोष बताया है कि विपक्षी सं. 2 द्वारा निर्मित मोबाईल सेट ( सोनी एरीक्शन माॅडल नं. ग्.च्मतपं ैज् 25 प )दिनांक 01.09.12 को जरिये बिल सं. 10240 विपक्षी सं. 1 से रोहित नामक व्यक्ति ने खरीदा था, जिससे परिवादी ने 05.01.13 को 15,500/- रूपये में खरीदा, उसके पश्चात् से मोबाईल सेट में सिम व मेमोरी कार्ड नही लग पा रहा था, न चल पा रहा था क्योंकि मोबाईल सेट में निर्माणदोष है जिसे बदलकर नया देने के लिये विपक्षी सं. 1 से सम्पर्क किया तो उसने इंकार कर दिया, रिपेयर भी नहीं कराया। परिवादी ने विपक्षीगण को अभिभाषक के जरिये दिनांक 27.04.13 को रजिस्टर्ड डाक से कानूनी नोटिस भेजा गया उसके बावजूद भी मोबाईल सेट बदलकर नहीं दिया। इससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ शारीरिक कष्ट व मानसिक संताप हुआ।
विपक्षीगण की ओर से संयुक्त रूप से प्रस्तुत जवाब का सार है कि परिवादी उनका उपभोक्ता नहीं है। मोबाईल सेट में कोई उत्पादकीय दोष नहीं है। दिनांक 22.03.13 को सेट की शिकायत अधिकृत सर्विस सेन्टर (मैसर्स सुधा इलेक्ट्रो सर्विससेज , कोटा) को की गई थी। जिसकी जांच इंजीनियर द्वारा करने पर पाया गया था कि सेट की सिम शाकिट बाह्य एजेन्सी अथवा बल के द्वारा क्षतिग्रस्त की गई थी, अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा उसमें छेड-छाड की गई थी। जिसकी सूचना परिवादी को देकर स्पष्ट किया गया था कि सिम की शाकिट किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा छेड-छाड करने से क्षतिग्रस्त हुई जिसके फलस्वरूप वारंटी समाप्त हो गई है। इसकी मरम्मत में जो खर्चा होगा वह अदा करना होगा, लेकिन परिवादी ने खर्चा अदा करने से मना कर दिया। उक्त सर्विस सेन्टर को पक्षकार भी नहीं बनाया गया है। परिवादी स्वयं की लापरवाही से ही सेट में क्षति हुई है जिसके लिये वह स्वयं उत्तरदायी है। विपक्षीगण का कोई सेवादोष नहीं है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा मोबाईल खरीद बिल,रोहित नामक व्यक्ति से प्राप्त लिखित, विपक्षी को प्रेषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीद आदि की प्रतियां प्रस्तुत की है।
विपक्षीगण की ओर से साक्ष्य में सरबजीत सिंह व विमल कुमार के शपथ-पत्र के अलावा परिवादी को प्रेषित जवाब नोटिस व वारंटी दस्तावेज की प्रति पेश की है।
हमने दोनों पक्षांें की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी ने स्वयं विपक्षी सं. 2 द्वारा निर्मित मोबाईल सेट उनके अधिकृत विक्रेता विपक्षी सं. 1 से नहीं खरीदा, बल्कि रोहित नामक व्यक्ति ने खरीदा था, इसलिये परिवादी उनका उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने सेट रोहित से खरीदना बताया है, लेकिन रोहित को औपचारिक पक्षकार नहीं बनाया, उसका कोई शपथ-पत्र भी पेश नहीं किया है। चूंकि परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं है, इसी आधार पर परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवादी स्वच्छ हाथों से नहीं आया है। उसने विपक्षीगण को नोटिस भेजा जिनका जवाब विपक्षीगण ने उसे दिया, लेकिन इस तथ्य को परिवादी ने छिपाया है। जवाब में विपक्षीगण ने स्पष्ट किया है कि मोबाईल की शिकायत उनके तथाकथित अधिकृत सर्विस सेन्टर पर होने के उपरान्त इंजीनियर द्वारा मोबाईल सेट की जांच की गई थी, जिसमें पाया गया था कि सेट की क्षति अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा छेड-छाड करने से हुई है उसकी सिम शाकिट को क्षति पहुंचाई गई है जिससे वारंटी समाप्त हो गई उसकी मरम्मत में जो खर्चा होगा वह परिवादी को ही वहन करना होगा, लेकिन परिवादी ने खर्चा देने से इंकार किया। इससे स्पष्ट है कि विपक्षीगण ने सेट के रिपेयर करने में भी कोई कमी नहीं की है बल्कि स्वयं परिवादी ही लापरवाह रहा है। उसकी लापरवाही से ही सेट में क्षति हुई है जिसकी मरम्मत का खर्चा वहन करने का उसी का दायित्व था। परिवादी ने अधिकृत सर्विस सेन्टर (मैसर्स सुधा इलेक्ट्रो सर्विस सेन्टर, कोटा) को भी पक्षकार नहीं बनाया जो कि आवश्यक पक्षकार था तथा उसने मोबाईल उसे दिखाने के तथ्य को भी परिवाद में प्रकट नहीं किया है। मोबाईल सेट में कोई उत्पादकीय दोष होने के बाबत् किसी विशेषज्ञ की कोई जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की है।
उपरोक्त सभी कारणों से हम पाते है कि परिवादी, विपक्षीगण का दोष/ सेवादोष सिद्ध करने में पूरी तरह विफल रहा है। परिणामतः परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 18.01.16 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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