Uttar Pradesh

Barabanki

CC/33/2019

Rani alias Beena Bajpayi - Complainant(s)

Versus

Health Claim team etc. - Opp.Party(s)

V.K. Singh etc.

15 Mar 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।

परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि       06.02.2021

अंतिम सुनवाई की तिथि            21.02.2023

निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि  15.03.2023

परिवाद संख्याः 33/2019

रानी उर्फ बीना बाजपेई उम्र लगभग 32 साल पत्नी स्व0 अशोक कुमार निवासिनी ग्राम मरौचा मिश्री सिंह, परगना व तहसील राम नगर जिला-बाराबंकी।

द्वारा-श्री बी0 के 0 सिंह, अधिवक्ता

 

बनाम

 

1. प्रबंधक हेल्थ क्लेम टीम, एस0 बी0 आई0 जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लि0 1011, 201, 301 नटराज जंक्शन  

     आफ वेस्टर्न हाइवे, कुर्ला रोड अन्धेरी ईस्ट मुम्बई 400069

2. शाखा प्रबंधक, स्टेट बैंक आफ इंडिया, शाखा रामनगर जिला-बाराबंकी।

द्वारा-श्री अशोक श्रीवास्तव, अधिवक्ता विपक्षी संख्या-01

 

समक्षः-

माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष

माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य

माननीय डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य

उपस्थितः परिवादी की ओर से -श्री हेमन्त कुमार जैन, अधिवक्ता

        विपक्षी सं0-01 की ओर से-श्री अशोक श्रीवास्तव, अधिवक्ता

                 विपक्षी सं0-02 की ओर से- कोई नहीं

 

द्वारा-श्रीमती मीना सिंह, सदस्य

निर्णय

                प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 की धारा-12 के अंतर्गत है। परिवादिनी ने यह परिवाद विपक्षीजन से बीमित धनराशि रू0 2,00,000/- 18% ब्याज सहित, दौड़ धूप हेतु रू0 5,000/-तथा वाद व्यय हेतु रू0 5,000/- दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।

                परिवादिनी का अपने परिवाद में मुख्य रूप से अभिकथन है कि परिवादिनी के पति स्व0 अशोक कुमार पुत्र जगत नरायन ने विपक्षी सं0-02 के माध्यम से प्रधानमंत्री बीमा योजना के अंतर्गत विपक्षी नं.-01 से बीमा कराया था जिसकी पालिसी संख्या-175007-0000-00 है। परिवादिनी के पति स्व0 अशोक कुमार की मोटर सायकिल दुर्घटना में अज्ञात वाहन से दिनांक 02.09.2017 को मृत्यु हो गई जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट राम नगर थाने में अज्ञात के रूप में दर्ज कराई गई जिसमे अंतिम रिपोर्ट भी लगायी जा चुकी है। स्व0 अशोक कुमार का पोस्टमार्टम भी किया गया। परिवादिनी ने अपने पति स्व0 अशोक कुमार की मृत्यु की सूचना विपक्षीजन को दी। परिवादिनी से क्लेम फार्म भी भरवाया गया, जिसका नं0-448762 है। आवश्यक कागजात भी परिवादिनी ने विपक्षीगण को मुहैया कराया था। परिवादिनी क्लेम फार्म भरने के उपरान्त लगातार विपक्षी संख्या-02 के चक्कर लगा रही है किन्तु विपक्षीजन द्वारा आज तक उसे बीमित धनराशि रू0 2,00,000/-का भुगतान नहीं किया गया। विपक्षीजन ने अंतिम बार माह दिसम्बर-2018 में बीमित धनराशि अदा करने से इन्कार कर दिया। परिवादिनी बहुत गरीब महिला है। विपक्षीगण के उक्त कृत्य से परिवादिनी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः परिवादिनी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।

                परिवादिनी ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में सूची दिनांक 04.02.2021 से आधार कार्ड, ई-के वाई सी प्रमाण पत्र, पत्र दिनांक 27.08.2018, मृत्यु प्रमाण पत्र, के. जी. एम. सी. द्वारा जारी मेडिकल सार्टिफिकेट आफ डेथ काज आफ डेथ, बैंक पासबुक, प्रथम सूचना रिपोर्ट दो वर्क, अंतिम रिपोर्ट दो वर्क, स्व0 अशोक कुमार के बैंक खाते का स्टेटमेन्ट, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट सात वर्क, परिवार रजिस्टर दो वर्क, पत्र दिनांक 05.07.2018 की छाया प्रति दाखिल की है।

                 विपक्षी संख्या-01 द्वारा वादोत्तर दाखिल करते हुए कहा है कि परिवाद की धारा-1 में अंकित तथ्य सही है कि विपक्षी संख्या-02 ने अशोक कुमार पुत्र जगत नारायन का बीमा प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत गु्रप पर्सनल दुर्घटना इन्श्योरेन्स के अंतर्गत मु0 2,00,000/-का, रू0 100/-प्रीमियम देकर पालिसी संख्या-143820-0000-02 पर दिनांक 09.09.2016 को कराया था, जो दिनांक 08.09.2017 तक वैध था। उक्त बीमा गु्रप पर्सनल एक्सीडेन्ट पालिसी की शर्तो के अधीन स्वीकार करते है। वाद पत्र की धारा-2,3,4,5,6,7 में अंकित तथ्य गलत है। परिवादिनी ने अत्यधिक विलम्ब से घटना की सूचना दी तथा अत्यधिक विलम्ब से क्लेम फार्म व कागजात प्रेषित किये। पत्र दिनांक 30.04.2018 के माध्यम से जिन कागजातों को माँगा गया उसे आज तक नहीं उपलब्ध कराया। विशेष कथन में यह भी कहा है कि गु्रप पर्सनल एक्सीडेंट बीमा पालिसी के दौरान यदि बीमा धारक के साथ कोई घटना घटित होती है तो बैंक तथा परिवादी का यह दायित्व है कि वह घटना की सूचना अविलम्ब बीमा कम्पनी को लिखित रूप से दें। क्लेम फार्म के साथ बीमा दावा प्रपत्र दावाकर्ता द्वारा हस्ताक्षरित, प्रथम सूचना रिपोर्ट, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बीमा पालिसी, मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर एवं वरासत प्रमाण पत्र तथा अस्पताल में भर्ती एवं दवा इलाज के पर्चे व इन्वेस्टिीगेशन रिपोर्ट मय ट्रान्सफर नोट एवं इनडोर केस पेपर भेजे जाने चाहिये। दिनांक 25.08.2017 को समय 6-7 बजे सायं सदनापुर के पास अज्ञान वाहन अशोक कुमार को जोरदार ठोकर मारकर भाग गया। उन्हें बाराबंकी लाया गया। स्थिति नाजुक होने के कारण ट्रामा सेन्टर लखनऊ को रिफर किया गया, जहाँ दिनांक 02.09.2017 को मृत्यु हो गई। घटना की रिपोर्ट अत्यधिक विलम्ब से दिनांक 06.10.2017 को दर्ज कराई गई। 24 घंटे के अंदर सूचना प्राप्त न होने से बीमा पालिसी की शर्तो के अधीन घटना स्थल व मृतक बीमा धारक का निरीक्षण नहीं हो सका। विपक्षी संख्या-02 ने दावा प्रपत्र दिनांक 31.01.2018 को अत्यधिक विलम्ब से प्रेषित किया जो घटना के छह माह पश्चात दिनांक 15.02.2018 को प्राप्त हुए जो मुख्य शर्त का घोर उल्लघंन है। परिवादी के बीमा दावा की जांच एजेन्सी प्रभू एसोसियेट से कराई गई, जिन्होंने स्थल पर जाकर मौके पर निरीक्षण कर आख्या दिनांक 29.03.2018 को प्रेषित किया। परिवादिनी ने वांछित कागजात नामिनी का पैन कार्ड, इन्डोर केश पेपर एडमिशन नोट्स सहित, जाँच रिपोर्ट, ट्रान्सफर नोट्स सभी हास्पिटल का हास्पिटल अथारिटी द्वारा जारी दुर्घटना के बाद का पत्र उपलब्ध नहीं कराया। उक्त के संबंध में पत्र दिनांक 30.04.2018 व 20.06.2018 प्रेषित करने के बाद भी आज तक परिवादिनी अथवा बैंक द्वारा उपरोक्त कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया। बीमा दावा प्री-मेच्योर है अतः निरस्त होने योग्य है। जांच मेसर्स प्रभू ऐसोसियेट अधिकृत सर्वेयर से करायी और बाद जाँच परिवादी के बीमा दावा में बीमा शर्तो के अन्तर्गत वांछित डाक्यूमेन्ट न पाकर बीमा दावा का भुगतान नहीं किया, जिसमे प्रतिवादी उत्तरदाता ने कोई गलती व उपेक्षा नहीं किया इसलिये परिवादी का बीमा दावा  पोषणीय नहीं है। अतः परिवाद निरस्त किये जाने की याचना की है। विपक्षी संख्या-01 ने वादोत्तर के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया है।

               विपक्षी सं0-02 अनुपस्थित है। अतः उनके विरूद्ध परिवाद एकपक्षीय अग्रसर हुआ।

               परिवादिनी ने साक्ष्य दाखिल किया है।

               विपक्षी संख्या-01 ने सूची दिनांक 10.01.2022 से पत्र दिनांक 30.04.2018, 20.06.2018, प्रभू एसोसियेट की जांच रिपोर्ट चार वर्क, प्रथम सूचना रिपोर्ट दो वर्क, अंतिम रिपोर्ट, पत्र दिनांक 12.02.2018 तथा बीमा पालिसी की नियम व शर्तो की छाया प्रति दाखिल किया है।

                परिवाद सुनवाई हेतु पेश हुआ। परिवादिनी अपने विद्वान अधिवक्ता के साथ उपस्थित है। विपक्षी संख्या-01 की ओर से विद्वान अधिवक्ता उपस्थित है। परिवादिनी तथा विपक्षी संख्या-01 के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी एवं अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

                प्रस्तुत परिवाद में परिवादिनी के पति का विपक्षी संख्या-02 के बैंक में बचत खाता संख्या-33792284767 था। प्रधानमंत्री बीमा योजना के अंतर्गत बैंक के माध्यम से दुर्घटना बीमा पालिसी संख्या-175007000000 कराया गया था। इस बीमा का प्रीमियम रू0 100/-दिनांक 09.09.2016 को विपक्षी संख्या-01 के पक्ष में डेबिट हुआ है तथा बीमा दिनांक 09.09.2016 से 08.09.2017 तक प्रभावी था। दिनांक 25.08.2017 को परिवादिनी के पति की मोटर साइकिल दुर्घटना में घायल होने के उपरान्त इलाज हेतु बाराबंकी ले जाया गया, हालत नाजुक होने के कारण जिला चिकित्सालय द्वारा ट्रामा सेन्टर, लखनऊ भेजा गया जहाँ पर दिनांक 02.09.2017 को उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के उपरान्त मृतक श्री अशोक कुमार का पुलिस प्रपत्र सं0-211 पर पंचनामा किया गया तथा शव विच्छेदन आख्या सं0-3377/2017 द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। जिसके अवलोकन पर मृत्यु का तात्कालिक कारण कोमा/ एंटीमार्टम हेड इंजरी पाया गया है। परिवादिनी द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है। परिवादिनी ने पति की दुर्घटना में मृत्यु के उपरान्त प्रथम सूचना रिपोर्ट केस क्राइम नं0-0363 दिनांक 06.10.2017 दर्ज कराई जिसकी अंतिम आख्या 111/2017 दिनांक 22.12.2017 प्रस्तुत की गई। अंतिम आख्या में अज्ञात वाहन से दुर्घटना होना पाया गया व वाहन का पता न चल पाना बताया गया।

                विपक्षी संख्या-02 बैंक द्वारा परिवाद के संबंध में कोई प्रतिउत्तर/साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षी संख्या-01 ने वादोत्तर दिनांक 08.12.2020 प्रस्तुत किया है जिसमे मुख्य रूप से कथन है कि विपक्षी संख्या-02 ने प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना (ग्रुप पर्सनल दुर्घटना इंश्योरेन्स) के अंतर्गत रू0 2,00,000/-का बीमा रू0 100/-प्रीमियम देकर दिनांक 09.09.2016 को कराया था। बीमा दिनांक 08.09.2017 तक प्रभावी था। विपक्षी संख्या-01 का कथन है कि ‘‘दुर्घटना की सूचना बिल्कुल नहीं दिया और सूचना एवं क्लेम फार्म अत्यधिक विलम्ब से प्रस्तुत किया जो कि पर्सनल एक्सीडेन्ट बीमा पालिसी की शर्तो का उल्लघंन है और दुर्घटना से संबंधित वाकयात प्रथम सूचना रिपोर्ट से स्पष्ट एवं जाहिर होगें।‘‘ इसके अतिरिक्त यदि बीमा धारक के साथ कोई घटना घटित होती है तो घटना की सूचना अविलम्ब लिखित रूप से देना अनिवार्य होता है क्योंकि घटना की सत्यता जानने के लिये घटना स्थल व बीमा धारक का निरीक्षण जांच एजेन्सी के द्वारा करा सके। बीमाधारी की मृत्यु की सूचना प्राप्त होते ही क्लेम फार्म बैंक के पास इस आशय के साथ प्रेषित किया जाता है कि बैंक क्लेम फार्म पूर्ण रूप से दावाकर्ता अथवा विधिक वारिसान से भरवाकर वापस प्रेषित करें। दावा प्रपत्रों की जांच सक्षम अधिकारी से कराई गई तो पाया गया कि परिवादिनी ने निम्नलिखित डाक्यूमेन्ट उपलब्ध नहीं कराया है।

1. Copy of pan card of nominee.

2. Copy of indoor case papers with Admission notes.

3. Investigation reports

4. Transfer notes for all Hospitalization after accident attested by same issuing Hospital authority.           

         प्रस्तुत परिवाद में परिवादिनी ने लिखित बहस दिनांक 21.11.2022 व विपक्षी संख्या-01 द्वारा लिखित बहस दिनांक 10.01.2023 प्रस्तुत किया है। लिखित बहस में परिवादिनी का मुख्य कथन है कि ‘‘पति की मृत्यु बीमित अवधि में मोटर दुर्घटना के फलस्वरूप  दिनांक 02.09.2017 को होने के उपरान्त परिवादिनी ने फोन द्वारा बीमा कम्पनी को सूचना दिया।‘‘ विपक्षी संख्या-01 ने लिखित बहस में मुख्य रूप से यह कहा है कि ‘‘ विपक्षी संख्या-02 ने दावा प्रपत्र दिनांक 31.01.2018 अत्यधिक विलम्ब से विपक्षी उत्तरदाता को प्रेषित किया जो दिनांक 15.02.2018 को अर्थात घटना से लगभग छः माह पश्चात प्राप्त हुए। सर्वप्रथम घटना की जानकारी प्रतिवादी उत्तरदाता को दावा प्राप्त होने से हुई, जिसे प्रतिवादी उत्तरदाता ने परिवादी का बीमा संदिग्ध माना और गहन जांच हेतु अपनी जांच एजेन्सी प्रभू एसोसियेट को नियुक्त किया जिन्होंने बिल्कुल जांच करके, स्थल निरीक्षण करके एवं मौके पर जाकर परिवादिनी व गवाहों के बयान लेकर अपनी आख्या दिनांक 29.03.2018 प्रतिवादी उत्तरदाता को दिया।‘‘ इसके अतिरिक्त कथन है कि परिवादी का बीमा दावा प्रीमेच्योर है तथा कहा गया है कि परिवादी का बीमा दावा भली भाॅति जांच करा कर वांछित डाक्यूमेन्ट के प्राप्त न होने पर भुगतान नहीं किया जा सका।

          उपरोक्त विवेचन के आधार पर पाया गया कि बीमा धारक मृतक का विपक्षी संख्या-02 के बैंक में खुलवाये गये बचत खाता संख्या-33792284767 के माध्यम से प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत पर्सनल एक्सीडेन्ट इंश्योरेन्स पालिसी ली गई थी, जो बीमा धारक की मृत्यु के समय प्रभावी थी। परिवादिनी ने पति की मृत्यु की सूचना दूरभाष द्वारा विपक्षी संख्या-01 को देना कहा है। उल्लेखनीय है कि विपक्षी संख्या-01 द्वारा नियुक्त जांच एजेन्सी की रिपोर्ट में निम्न आख्या प्रस्तुत की हैः-

S no.

Observation/ Finding/enclosures

1

We have visited to insured’s Residence & collected the statement of claimant, as per the statement, on 25-08-2017 insured was coming back to his home via motorcycle, on the way near Barabanki an unknown truck came from behind and collided with him motorcycle, Insured was admitted to nearest hospital by police & referred to Lucknow and he died there during treatment.

2

Spot visited done, photo taken & attached with IR.

3

FIR verified copy attached with IR.

4

Final report copy attached with IR.

5

Verified post mortem attached with IR.

6

Copy of ID proof of Claimant is collected & attached with IR.

7

Eye witness AVR attached with IR.

8

Neighbour Statement collected & attached with IR.

9

ID proof of insured collected & attached with IR.

10

CHC, Ramnagar emergency register photo.

11

KGMU visit photo attached with IR.

                Recommendation:-

                As per above findings case is payable.

               जांच एजेन्सी द्वारा प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट के अवलोकन से स्पष्ट है कि बीमा दावा भुगतान योग्य पाये जाने के बावजूद बीमा कम्पनी द्वारा बीमा दावे का निस्तारण नहीं किया गया। विपक्षी संख्या-01 की जांच एजेन्सी की रिपोर्ट में उल्लेख है कि दुर्घटना के बाद पुलिस द्वारा निकटतम अस्पताल में उसे इलाज के लिये एडमिट कराया गया, लखनऊ रिफर किया गया जहाॅ इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। पुलिस के ही समक्ष पुलिस प्रपत्र-211 पर पंचनामा किया गया तथा पुलिस द्वारा ही मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया था। अतः पुलिस को दुर्घटना की प्राथमिकी तत्काल दर्ज करनी चाहिये थी, जो नहीं की गयी जिसमें परिवादिनी का कोई दोष नहीं है। इसी प्रकार विपक्षी संख्या-01 के पास बीमा दावा का भुगतान करने हेतु जांच एजेन्सी की आख्या व संलग्न अभिलेख उपलब्ध थे। बीमा कम्पनी (विपक्षी संख्या-01) को निर्धारित अवधि में परिवादिनी का बीमा क्लेम निस्तारित कर देना चाहिए था। बीमा क्लेम अनिश्चित काल तक लम्बित रखकर निश्चित रूप से विपक्षी संख्या-01 ने सेवा में कमी की है। परिवादिनी का बीमा क्लेम विपक्षी संख्या-01 के समक्ष अभी अनिस्तारित लम्बित है। अतः विपक्षी संख्या-01 के समक्ष परिवादिनी के लम्बित बीमा क्लेम को एक निश्चित अवधि में निस्तारित करने का आदेश देते हुये वर्तमान परिवाद का निस्तारण करना उचित है।

                परिवादिनी का परिवाद उपरोक्त विवेचन के आलोक में उपरोक्तानुसार निस्तारित किये जाने योग्य है।

आदेश

                परिवाद संख्या-33/2019 इस आशय से निस्तारित किया जाता है कि विपक्षी संख्या-01 एस0 बी0 आई0 जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी परिवादिनी का बीमा क्लेम तीन माह में, परिवादिनी को सुनवाई का अवसर देते हुये नियमानुसार निस्तारित करें। विपक्षी संख्या-01 एस0 बी0 आई0 जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी के उक्त निस्तारण आदेश के संबंध में, यदि आवश्यक हो, तो परिवादिनी विधि अनुसार अग्रेतर कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगी।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)         (संजय खरे)

    सदस्य                 सदस्य             अध्यक्ष

                                    यह निर्णय आज दिनांक को  आयोग  के  अध्यक्ष  एंव  सदस्य द्वारा  खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।

      (डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)         (संजय खरे)

     सदस्य                 सदस्य             अध्यक्ष

 

दिनांक 15.03.2023

 

 

 

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