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Anshu Parik filed a consumer case on 30 Nov 2015 against Head Manager, Kota Telecom District(B.S.N.L.) in the Kota Consumer Court. The case no is CC/295/2010 and the judgment uploaded on 02 Dec 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-295/10
अंशु पारीक पत्नी अनिल कुमार पारीक उम्र 38 साल जाति ब्राह्मण निवासी मकान नं. -1-त-18, जगनेश स्कूल के पास, दादाबाडी विस्तार योजना, कोटा, राजस्थान।
-परिवादिया।
बनाम
महाप्रबंधक, कोटा टेलीकोम डिस्ट्रक्ट (बी0एस0एन0एल0) कोटा, नयापुरा, कोटा, राजस्थान। -विपक्षी
समक्ष :
अध्यक्ष : भगवान दास
सदस्य : हेमलता भार्गव
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 अंशु पारीक, परिवादिया स्वयं
2 श्री पी0एस0 चैहान, अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से।
निर्णय दिनांक 30.11.15
परिवादिया ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि विपक्षी से लिया गया ब्रोडबेण्ड कनेक्शन 28.10.10 से खराब है, बार-बार शिकायत करने पर भी उसे ठीक नहीं किया गया, इससे परिवारजन को काफी परेशानी हुई, आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि परिवादिया का ब्रोडबेण्ड कनेक्शन कभी भी बाधित नहीं रहा। यंत्र एवं उपकरणों में कोई खराबी आने व शिकायत आने पर शीघ्र सुनवाई की गई, जिसमें अधिकतर कम्प्यूटर के स्थान परिवर्तन से कनेक्शन ढीले होने तथा यूजर आई.डी. के गलत प्रयोग होने की कमियां पाई गई। ब्रोडबेण्ड सुविधा सही पाई गई, इसलिये उसका कोई सेवा-दोष नहीं है।
परिवादिया ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा बिल दिनांक 05.08.10 व 25.10.10 की प्रतियां प्रस्तुत की है।
विपक्षी ने साक्ष्य में उप-मंडी अभियन्ता शिवकुमार शर्मा के शपथ-पत्र के अलावा परिवादिया द्वारा ब्रोडबेण्ड कनेक्शन माह सितम्बर 10 से माह नवम्बर 10 तक उपयोग करने का विवरण प्रस्तुत किया है।
हमने दोनों पक्षांें की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादिया ने ब्रोडबेण्ड कनेक्शन में खराबी होने की शिकायत का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। जबकि विपक्षी ने परिवादिया द्वारा ब्रोडबेण्ड कनेक्शन का माह सितम्बर 10 से नवम्बर 10 तक उपयोग करने का पूरा विवरण पेश किया है, इससे स्पष्ट होता है कि ब्रोडबेण्ड कनेक्शन का उपयोग किया गया था, इस प्रकार हम पाते है कि परिवादिया विपक्षी का सेवा-दोष सिद्ध करने में विफल रही है।
अतः परिवादिया का परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादिया का परिवाद विपक्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 30.11.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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