Lalaram parihar filed a consumer case on 28 Apr 2015 against Head Manager, Haariyana Rajya Parivahan in the Kota Consumer Court. The case no is CC/54/2010 and the judgment uploaded on 06 May 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
पीठासीन:श्रीएम अनवर आलम,अध्यक्ष,श्रीमति हेमलता भार्गव सदस्या।
प्रकरण संख्या-54/2010
लाला राम पुत्र नन्दा लाल परिहार आयु 53 वर्ष जाति परिहार निवासी 83, बजरंग नगर, नयापुरा, कोटा, जिला कोटा, राजस्थान। -परिवादी।
बनाम
01. महा प्रबंधक, हरियाणा राज्य परिवहन, रोहतक।
02. जयदेव सिंह, परिचालक संख्या 320 पुत्र श्री ज्वाला सिंह गांव डा. सुनारिया कला, जिला रोहतक (हरियाणा) -विपक्षीगण।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1 श्री जमील अहमद, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 श्री महेन्द्र भारद्वाज, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 28.04.2015
(1) प्रस्तुत परिवाद दिनांक 21-12-2009 को परिवादी ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि वह हरियाणा रोडवेज की बस से दिनांक 19.12.07 को कोटा से विपक्षी संख्या 2 से टिकिट लेकर टोंक के लिये रवाना हुआ था। विपक्षी संख्या -2 ने उससे दर्शित राशि 70/- रूपये से अधिक 75/- रूपये ले लिये, परिवादी ने विपक्षी से अधिक राशि की मांग की, जिस पर विपक्षी सं. 2 ने टिकिट वापस लेकर कोटा से बूंदी का टिकिट बना दिया और बूंदी बस स्टेण्ड पर उतार दिया, उसके कारण परिवादी ने दूसरी बस से 2 घंटे विलम्ब से टोंक पहुंचा और सेवा में कमी की । परिवादी ने यह अभिकथन किया कि विलम्ब से टोंक पहुंचने के कारण उसे टेक्सी से समारोह में शामिल होने हेतु ग्वालियर जाना पडा और असुविधा हुई ।
(2) अतः परिवादी को विपक्षी से 26,500/- रूपये मानसिक प्रतिकर, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
(3) विपक्षीगण ने जवाब पेश कर परिवादी द्वारा बस में बैठना और 20/- रूपये का टिकिट लेना स्वीकार किया तथा शेष सभी तथ्यों को अस्वीकार करते हुये स्पष्ट किया कि परिवादी ने केवल बूंदी का 20/- रूपये का टिकिट लिया जो उसे दिया था, शेष सभी कथन असत्य मनगढंत है यह अस्वभाविक है कि टिकिट काटे जाने के उपरान्त उसे वापस ले लिया गया हो। परिवादी ने दुर्भावनावश असत्य परिवाद पेश किया है एवं साथ ही में प्रस्तुत परिवाद कालातीत समय अवधी के उपरान्त पेश किया गया है। अतः सव्यय खारिज किया जावे।
(4) परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में दस्तावेज प्रदर्ष-1 लगायत प्रदर्ष-8 पेष किये गये है। विपक्षीगण ने जवाब के समर्थन में विपक्षी-2 का शपथ-पत्र एवं रामवीर चालक का शपथ-पत्र पेश किया।
(5) उभय पक्षोें की बहस सुनी गई, प्रस्तुत तर्को, शपथ-पत्रों, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। मामले में निम्न विचारणीय बिन्दु है:-
(अ) क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
(ब) क्या परिवाद मियाद बाहर है ?
(स) क्या विपक्षीगण ने सेवा दोष किया है ?
(द) अनुतोष ?
(6) बहस सुनी जाकर परिवादी द्वारा प्रस्तुत तर्को, शपथ-पत्र, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामलें में विपक्षी सं. 2, परिवादी द्वारा कोटा से बूंदी का 20/- रूपये का टिकिट लेना स्वीकार करता है,जो प्रदर्श-8 है। अतः परिवादी, विपक्षीगण का उपभोक्ता है।
(7) प्रस्तुत प्रकरण दिनांक 19.12.07 की घटना पर आधारित है। परन्तु परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद दिनांक 21.12.09 को जिला मंच कोटा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जो कि घटना के 2 वर्ष की अवधि के उपरान्त पेश किया गया है। परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद को विलम्ब से पेश करने का कारण एवं विलम्ब को क्षमा किये जाने के संबंध में कोई आवेदन-पत्र एवं स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया है।
(8) अतः उपरोक्त विवेचन को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अधीन 2 वर्ष की अवधि समाप्त होने के पश्चात कालातीत अवधि में पेश किया गया है, जो पोषनीय नहीं है और चलने योग्य नहीं है। अतः अन्य बिन्दुओं पर विचार किया जाना आवष्यक नहीं है।
(9) परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
(10) परिणामतः परिवादी लालराम का परिवाद खारिज किया जाता है। खर्चा मुकदमा पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश्
मंच,कोटा। मंच, कोटा।
(11) निर्णय आज दिनंाक 28.04.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
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