Rajasthan

Kota

CC/145/2008

Laxmanlal ahir - Complainant(s)

Versus

Head Manager, BSNL - Opp.Party(s)

Ramesh Rathor

23 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- 

01.    नंदलाल शर्मा    ः    अध्यक्ष  
02.    महावीर तंवर    ः    सदस्य

परिवाद संख्या:-145/08

लक्षमण लाल पुत्र लालूराम अहीर आयु 48 साल   निवासी सर्वोदय बिहार कालोनी मंगलम सीमेन्ट लि0 मोडक जिला कोटा।                               ........... परिवादी

                    बनाम

लेखाधिकारी राजस्व, कार्यालय महा प्रबंधक दूर संचार, कोटा।     ............    अप्रार्थी

    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री रमेश राठौर, अधिवक्ता,परिवादी की ओर से ं।
02.    श्री पुष्पेन्द्र सिंह, अधिवक्ता, अप्रार्थी की ओर से। 

            निर्णय             दिनांक 23.07.2015

    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि परिवादी ने अप्रार्थी से एक फोन नं. 232021 ले रखा है। बिलों का भुगतान परिवादी द्वारा नियमानुसार किया जाता है। परिवादी का फोन दिनांक 01.04.07 से दिनांक 31.05.07 तक की अवधि में अधिकतर बंद रहा। उक्त क्षैत्र में केबल कट जाने, केबल चोरी जाने, फोन सेवाए ठप्प रहने, परिवादी के अधिकांश समय घर से बाहर रहने, घर पर ताला लगे रहने, परिवादी के अकेले घर पर रहने के कारण फोन का कम से कम उपयोग किया गया। अप्रार्थी द्वारा परिवादी को दिनांक 01.04.07 से 31.05.07 की अवधि का 1910 काल का उपयोग दिखाते हुये 2,141/- रूपये की मांग की। परिवादी के अधिक राशि का बिल आ जाने पर उसने अप्राथी के एस डी ओ टी से दिनांक 18.06.07को शिकायत की तथा दिनांक 02.07.07 को स्मरण-पत्र दिया, परन्तु उक्त पत्रों पर ध्यान नही दिये जाने के कारण, टेलीफोन कट जाने के भय से परिवादी ने दिनांक 15.06.07 को अधिक राशि का बिल जमा कर दिया।  अप्रार्थी ने परिवादी को अधिक राशि का बिल भेज कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये अप्रार्थी परिवादी की उक्त राशि को आगामी बिलों में समायोजित करे, मानसिक कष्ट, परिवाद खर्च दिलवाया जावे। 

    अप्रार्थी ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये  जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी ने टेलीफोन खराब रहने की अवधि का स्पष्ट अंकन नहीं किया। परिवादी ने टेलीफोन का नियमित उपयोग-उपभोग किया है। परिवादी का टेलीफोन, केवल कट जाने या चोरी जाने के कारण बाधित रहा है जो अप्रार्थी के नियंत्रण के परे है। ऐसी स्थिति में टेलीफोन सेवाए बाधित रहती है तो इसमें अप्रार्थी का सेवा दोष नही है। परिवादी के टेलीफोन पर डायनेमिक लाक कोड सुविधा उपलब्ध है, उक्त सुविधा का उपयोग नहीं करने से होने वाली हानि हेतु परिवादी स्वयं उत्तरदायी है। परिवादी का बिल उसके द्वारा टेलीफोन के उपयोग, उपभोग के आधार पर ही अप्रार्थी ने जारी किया। परिवादी की शिकायत पर उसकी जांच करके परिणामों में कोई दोष नहीं पाया गया है। परिवादी ने अधिक राशि के बिल के भुगतान से बचने के लिये यह मिथ्या परिवाद पेश किया है। उक्त परिवाद यंत्र, उपकरण मीटर से संबंधित है जो कि टेलीग्राफ एक्ट की धारा 7 बी से नियंत्रित होने से मााननीय मंच को क्षैत्राधिकार प्राप्त नहीं है। अप्रार्थी ने परिवादी की सेवा में कोई कमी नही की है। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।    

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादी अप्रार्थी का उपभोक्ता है ?

    परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, से परिवादी,टेलीफोन के बिल से, अप्रार्थी का उपभोक्ता है। 

02.    आया अप्रार्थी ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी ने अपने परिवाद की मद सं. 5 में अप्रार्थी द्वारा मांगी गई 2,141/- रूपये की राशि टेलीफोन कटने के भय से जमा करा दी। परन्तु परिवादी ने अपने परिवाद में कही भी यह तथ्य अंकित नहीं किया कि अप्रार्थी ने परिवादी को अधिक राशि का बिल जमा नही करने पर वह उसका टेलीफोन संबंध विच्छेद कर देगा और उस धमकी के कारण परिवादी ने उक्त अधिक राशि को जमा करवाया हो। इसका मतलब है कि परिवादी ने उक्त राशि अपनी स्वेच्छा से जमा करना प्रतीत होता है, अप्रार्थी का भी जवाब में यह कथन है कि परिवादी ने जितना उपयोग उपभोग किया उतने ही काल की राशि का बिल भेजा है। परिवादी ने उसका टेलीफोन कितने समय की अवधि तक बंद रहा ऐसी अवधि का उल्लेख नहीं किया केवल मात्र टेलीफान बाधित रहा यह अंकित कर देने मात्र से टेलीफोन कितने समय बाधित रहा यह संदेहास्पद प्रतीत होता है। उपरोक्त विवेचन, विश्लेषण से परिवादी, अप्रार्थी का सेवा दोष साबित नही कर पाया है।  

03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद, अप्रार्थी के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 
 
                     आदेश 

     परिवादी लक्ष्मण लाल का परिवाद, अप्रार्थी के खिलाफ खारिज किया जाता है।  परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 23.07.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।

   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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