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ANUBHAWATI DEVI filed a consumer case on 24 Dec 2022 against HDFC STANDARD LIFE INSURANCE in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/50/2020 and the judgment uploaded on 13 Jan 2023.
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परिवाद संo मामले का शीर्षक- उद्घोषणा की तिथि 50 सन् 2020 “परिवादिनी के बीमा क्लेम का भुगतान 24.12.2022 विपक्षीगण द्वारा न करने के कारण क्षतिपूर्ति व बीमित धनराशि दिलाए जाने सम्बन्धी वाद” |
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संस्थित करने की तिथि 03.12.2020
अंतिम सुनवाई की तिथि 17.12.2022
उद्घोषणा की तिथि 24.12.2022
परिवाद संख्या 50 सन् 2020
अनुभावती देवी पत्नी स्वo विजय शंकर प्रसाद ग्राम व पोस्ट- रसूलपुर नन्दलाल सरदहां, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
(जरिएः परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता
श्री जितेन्द्र कुमार पाण्डेय एवं श्री पारसनाथ तिवारी)
बनाम
(जरिएः विपक्षी संख्या 01 के विद्वान अधिवक्ता
श्री जय प्रकाश यादव)
कोरमः-
भगवती प्रसाद सक्सेना “अध्यक्ष”, गगन कुमार गुप्ता “सदस्य” तथा सुश्री प्रतिष्ठा वर्मा “सदस्या”
सुनवाई की अंतिम तिथि पर उपस्थितः- परिवादिनी स्वयं तथा परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता तथा विपक्षी संख्या 01 के विद्वान अधिवक्ता।
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माo अध्यक्ष, श्री भगवती प्रसाद सक्सेना द्वारा उद्घोषित
निर्णय
श्री विजय शंकर प्रसाद, शिक्षक ने अपने कार्यकाल के दौरान एच.डी.एफ.सी. बैंक शाखा शहाबुद्दीनपुर बिलरियागंज, आजमगढ़ से पर्सनल लोन के अन्तर्गत 5,00,000/- (पांच लाख रुपए मात्र) दिनांक 29.10.2016 को लिया। जो खाता संख्या 50100158250347 में बैंक द्वारा भेजा गया। उक्त खाते का एच.डी.एफ.सी. ई.आर.जी.ओ. सर्व सुरक्षा प्लान के अन्तर्गत बीमा कराया गया। जिसका सर्टिफिकेट नं. 2950201543843700000 दिनांकित 31.10.2016 को लिया गया। इस बीमा के अन्तर्गत हेल्थ व पर्सनल लोन (जो कि एच.डी.एफ.सी. बैंक द्वारा लिया गया पर्सनल लोन) भी कवर्ड था। परिवादिनी के पति ने इस बीमा की किश्त एक मुश्त एक बार में ही जमा कर दी जो कि दिनांक 31.10.2019 तक वैध थी। बीमा लेने के समय परिवादिनी के पति बिल्कुल स्वस्थ थे। उन्हें कोई गम्भीर बीमारी नहीं थी। इसी बीच उनकी तबियत खराब होने के कारण स्वरूप रानी हॉस्पिटल प्रयागराज में इलाज हेतु दिनांक 28.06.2019 को भर्ती कराया गया और उपचार के पश्चात् दिनांक 01.07.2019 को उन्हें स्वस्थ डिस्चार्ज किया गया। दौरान इलाज दिनांक 11.10.2019 को परिवादिनी के पति की मृत्यु हो गयी। परिवादिनी के पति की मृत्यु के पश्चात् विपक्षी बैंक शाखा शहाबुद्दीनपुर बिलरियागंज आजमगढ़ द्वारा अपने पर्सनल लोन की वसूली हेतु दबाव डाला जा रहा है और कहा जा रहा है कि आप लोन का धन वापस करें।
जब परिवादिनी ने कम्पनी से इस सम्बन्ध में यह अनुरोध किया कि आप अपनी सेवा शर्तों के अनुसार इसका भुगतान करें। तब उन्होंने भुगतान करने से मना कर दिया।
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परिवादिनी के पति ने इसी ऋण सुरक्षा हेतु एच.डी.एफ.सी. ई.आर.जी.ओ. जनरल इन्श्योरेन्स से बीमा पॉलिसी ली थी। उक्त बीमा पॉलिसी के अन्तर्गत हेल्थ व पर्सनल लोन भी कवर्ड था। परिवादिनी के अनुरोध करने के बाद भी जब बीमा कम्पनी द्वारा इसका भुगतान नहीं किया गया तो परिवादिनी ने मजबूर होकर उपभोक्ता आयोग में यह वाद योजित किया।
परिवादिनी द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी से बीमित धनराशि 5,50,000/- (पांच लाख पचास हजार रुपए मात्र) एवं परिवादिनी के पति के दवा इलाज में किया गया खर्च 50,000/- (पचास हजार रुपए मात्र) तथा वाद व्यय एवं ब्याज सहित प्रतिकर धनराशि की मांग की गयी है।
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अन्तर्गत बीमा कम्पनी की पॉलिसी के शर्तों के अन्तर्गत 10 (दस) बीमारियां हैं। जो निम्नवत हैं-
उपरोक्त वर्णित कारणों के आधार पर विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किए गए प्रतिवाद पत्र में याचिनी के बीमा क्लेम का निरस्त करने हेतु प्रतिवाद किया गया है।
उपरोक्त वर्णित प्रकरण में मुख्य विवाद का बिन्दु निम्नवत हैः-
विपक्षी की ओर से मुख्य प्रतिवाद लिखित बहस में किया गया है कि क्रिटिकल इलनेस में 10 (दस) बीमारियां 1. First heart attack of specified severity (The following are
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excluded: Non-ST-segment elevation myocardial infarction (NSTEMI) with only elevation of Troponin I or T, Other acute Coronary Syndromes, and type of angina pectoris) 2. Open chest CABG 3. Stroke resulting in Permanent symptoms. 4. Cancer of specified Severity. 5. Kidney Failure Requiring Regular Dialysis. 6. Major Organ/Bone Marrow Transplant. 7. Multiple Sclerosis with persistent symptoms. 8. Surgery of aorta. 9. Primary pulmonary Arterial Hypertension. 10. Permanent Paralysis of limbs. शामिल हैं।
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उभय पक्ष अपना-अपना हर्जा व खर्चा मुकदमा स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक/डी.एम.ए. से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की कन्फोनेट प्रक्रिया के अन्तर्गत बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
भगवती प्रसाद सक्सेना, “अध्यक्ष”
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।
गगन कुमार गुप्ता, “सदस्य”
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।
सुश्री प्रतिष्ठा वर्मा, “सदस्या”
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।
उद्घोषणा की तिथिः- 24.12.2022
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