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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 102 सन् 2015
प्रस्तुति दिनांक 03.06.2015
निर्णय दिनांक 12.10.2018
मुहम्मद फैसल आयु लगभग 35 वर्ष पुत्र मुo यहिया पता ग्राम- रसूलपुर अमिलो, पोस्ट- पाही, थाना- मुबारकपुर, जनपद- आजमगढ़।. ..........................................................................................याची।
बनाम
- एच.डी.एफ.सी. स्टैण्डर्ड लाईफ इंoकंoलिo पता 17वां फ्लोर, लोधा इक्सेलस अपोलो मिल्स कम्पाउण्ड, एन.एम.जोशी रोड महालक्ष्मी, मुम्बई 400011 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर एण्ड चीफ इक्सक्यूटिव ऑफिसर।
- शाखा आजमगढ़ सिविल लाईन, एच.डी.एफ.सी. स्टैण्डर्ड लाइफ इंoकंoलिo पता प्रथम तल प्लाट नं. 384 एवं 386/1, सिविल लाईन्स निकट कोर्ट पोस्ट- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़। द्वारा शाखा प्रबन्धक।........................................................................
..................................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
निर्णय
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षीगण से एक से अधिक प्लान में अपना निवेश किया है। जिसमें से प्लान “यूनिट लिकिड यंग स्टार प्लस 2” प्लान में हम वादी दिनांक 27.10.2009 को 15000/- रुपया, 15.10.2010 को 15000/- रुपया, 03.02.2012 को 15000/- रुपया, 11.11.2014 को 45000/- रुपया कुल 90000/- रुपया निवेश किया। अगली किश्त 15463/- रुपये की थी। दिनांक 09.03.2015 को विपक्षी संख्या 02 के शाखा में जमा किया। तदुपरान्त अपनी “यूनिट लिकिड यंग स्टार प्लस 2” सरेण्डर करने हेतु आवश्यक फॉर्म भी हस्ताक्षरित करके विपक्षी संख्या 02 को दिया। सरेण्डर मूल्य 87250/- रुपया था। जो कि यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया में दिनांक 25.03.2015 को अन्तरित हुआ। परिवादी
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15463/- रुपया दिनांक 09.03.2015 को विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी के प्लान उपरोक्त में अन्तरित कर जमा नहीं किया बल्कि अपने नाजायज प्रयोग में रख लिया। दिनांक 17.04.2015 को परिवादी को अचानक एक पॉलिसी संख्या 17491301 प्राप्त हुआ। जिससे यह ज्ञात हुआ कि विपक्षी संख्या 02 ने बिना उसके अनुमति के दिनांक 09.03.2015 को 15463/- रुपया मनमाने तौर पर नई पॉलिसी “एच.डी.एफ.सी. लाइफ क्लासिक एश्योर प्लस” स्कीम में जमा करके बीमा कर दिया। सूचना मिलने पर परिवादी ने दिनांक 17.04.2015 को कैन्सिलेशन इन दी फ्री लुक पीरियड 15 दिनों के अन्दर दिनांक 23.04.2015 को लिखित रूप से आवेदन किया कि उसकी पॉलिसी को निरस्त कर जमा प्रीमियम को वापस कर दिया जाए और उसके लिए लिखित आवेदन ई-मेल से भी दिनांक 27.04.2015 को भेजा, लेकिन उन्होंने उसका पैसा वापस नहीं किया। अतः परिवादी विपक्षीगण से 15463/- रुपये किश्त व वाद व्यय के सन्दर्भ में 55000/- रुपये मय 18% वार्षिक ब्याज की दर से अदा करें। परिवाद के समर्थन में परिवादी ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 रिसिप्ट (डुप्लीकेट कॉपी), 6/2 रीन्यूवल प्रीमियम रिसिप्ट, 6/3 कैश चालान, 6/4 यूनियन बैंक खाते की छायाप्रति, 6/6 एच.डी.एफ.सी. लाइफ क्लासिक एश्योर प्लस की छायाप्रति, 6/9 प्रथम प्रीमियम की रसीद, 6/10 योर पॉलिसी ऐट ए ग्लांस की छायाप्रति, 6/12 एच.डी.एफ.सी. लाइफ इन्श्योरेन्स द्वारा जारी छायाप्रति, 6/13 छायाप्रति, 6/14 छायाप्रति, 6/15 छायाप्रति, 6/16 छायाप्रति प्रस्तुत किया है। परिवादी द्वारा परिवाद पत्र प्रस्तुत करने के पूर्व कोई नोटिस नहीं दी गयी है। 6/17 पॉलिसी संख्या 17491301 को निरस्त करने हेतु लिखा हुआ पत्र की छायाप्रति, 6/18 मुहम्मद फैसल द्वारा बैंक को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, 6/20 छायाप्रति, 6/21 छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
12क² जवाबदावा द्वारा प्रतिवादीगण प्रस्तुत कर यह कहा है कि परिवादी को प्रस्तुत करने का कोई हक हासिल नहीं था। उसका
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बीमा नम्बर 17491301 किया गया था। जिस पर परिवादी ने अपना हस्ताक्षर बनाया था। जिसकी प्रतिलिपि परिवादी को भेजी गयी थी। परिवादी ने उस पर अपना हस्ताक्षर भी बनाया था। सेक्सन 6(2) IRDA रेग्यूलेशन 2002 के अनुसार परिवादी 15/30 दिन में अपना बीमा निरस्त करा सकता था। पॉलिसी बॉण्ड परिवादी द्वारा प्राप्त किया गया था। जिसे उसने पढ़ा था। परिवादी ने गलत ढंग से परिवाद प्रस्तुत किया है। उसने IRDA के गाइड लाइन का अनुपालन नहीं किया।
विपक्षीगण की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षीगण ने परिवादी द्वारा कथित बीमा की छायाप्रति ओटर लिस्ट की छायाप्रति, पासपोर्ट की छायाप्रति, यूनियन बैंक खाता की छायाप्रति, प्रस्तुत किया है।
उभय पक्षों द्वारा अपनी कोई लिखित बहस प्रस्तुत नहीं की गयी है। उभय पक्षों के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण द्वारा जो बीमा किया गया था उसकी छायाप्रति पत्रावली में संलग्न है। जिस पर परिवादी का हस्ताक्षर है। यह बीमा दिनांक 09.03.2015 को किया गया था। इस प्रकार यदि परिवादी अपने बीमा को नहीं चलाना चाहता था तो उसे 15/30 दिन के अन्दर विपक्षी को आवेदन करना चाहिए था। अर्थात् विपक्षी को दिनांक 09.04.2015 तक पॉलिसी के निरस्तीकरण हेतु आवेदन पत्र कर देना चाहिए था। पत्रावली में बीमा के निरस्तीकरण हेतु जो प्रार्थना पत्र दिया गया है वह दिनांक 23.04.2015 का तथा कागज संख्या 6/17 के रूप में है। इस प्रकार फ्री लुक आउट पीरियड के पश्चात् परिवादी ने विपक्षीगण को सूचना दिया था जो कि नियम के विरूद्ध है।
उपरोक्त विवेचन से मेरे विचार से परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।
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आदेश
परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)