''राष्ट्रीय लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-543/2014
न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लि0 बनाम हाजी इरफान पुत्र अब्दुल वहाब
दिनांक: 14.09.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' के सम्मुख प्रस्तुत की गयी, जो इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, सहारनपुर द्वारा परिवाद संख्या-122/2009 हाजी इरफान बनाम न्यू इंडिया इंश्योरेंस कं0लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.02.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है। प्रस्तुत अपील विगत लगभग 10 वर्षों से लम्बित है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री जफर अजीज एवं प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा के सहयोगी श्री अतुल कुमार को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
''परिवाद विपक्षी बीमा कंपनी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी बीमा कंपनी को आदेश दिया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथी से एक माह के अन्दर परिवादी को बीमा क्लेम के रूप में अंकन 2,77,029/-रू0 व इस पर परिवाद दायर करने की तिथी से इस निर्णय की तिथी तक 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित अदा करें। इसके अतिरिक्त विपक्षी बीमा कंपनी परिवादी को उपरोक्त अवधि में ही सेवा में कमी व आर्थिक व मानसिक क्षति के लिये अंकन 50,000/-रू0 एवं वाद व्यय के लिये अंकन 5000/-रू0 भी अदा करें। उपरोक्त अवधि में
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अदायगी न करने पर इस निर्णय की तिथी से अंतिम अदायगी की तिथी तक विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादी को अंकन 3,27,029/-रू0 की राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देय होगा।''
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त तथा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वय की सहमति से मैं इस मत का हूँ कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो समयावधि में आदेशित/देय धनराशि का भुगतान न करने पर आदेशित/देय धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो सेवा में कमी व आर्थिक व मानसिक क्षति के लिए अंकन 50,000/-रू0 की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में 10,000/-रू0 किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो वाद व्यय के लिए अंकन 5000/-रू0 की देयता निर्धारित की गयी है, उसे न्यायहित में 2000/-रू0 किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, सहारनपुर द्वारा परिवाद संख्या-122/2009 हाजी इरफान बनाम न्यू इंडिया इंश्योरेंस कं0लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.02.2014 को संशोधित करते हुए आदेशित/देय धनराशि पर 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की देयता निर्धारित की जाती है। इसके साथ ही सेवा में कमी व आर्थिक व मानसिक क्षति के लिए 10,000/-रू0 एवं वाद व्यय के लिए 2000/-रू0 की देयता निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की
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जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1