Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/2765

U. P. State Electricity Board - Complainant(s)

Versus

Harveer Singh - Opp.Party(s)

Isar Husain

05 Jan 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/2765
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. U. P. State Electricity Board
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Harveer Singh
Bulandshahar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 05 Jan 2017
Final Order / Judgement

मौखिक

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

अपील संख्‍या-2765/2001

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद संख्‍या-54/1998 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.06.2001 के विरूद्ध)

 

1. यू0पी0 स्‍टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (नाउ यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0) द्वारा चेयरमैन, लखनउ।

2. एग्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीइजन प्रथम, यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0, बुलन्‍दशहर।

अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम्~

हरवीर सिंह पुत्र श्‍योरतन सिंह, निवासी ग्राम अहमद नगर, पोस्‍ट आफिस खास, जिला बुलन्‍दशहर।

                                         प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित  : श्री इसार हुसैन, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     : कोई नहीं।

दिनांक 05.01.2017

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रकरण पुकारा गया। वर्तमान अपील, विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से परिवाद संख्‍या-54/1998, हरवीर सिंह बनाम उत्‍तर प्रदेश राज्‍य विद्युत परिषद में जिला फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.06.2001 के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया है :-

‘’ परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किया जाता है तथा परिवादी को आदेश दिया जाता है कि वह 247/- रू0 (दो सौ सैतालिस रूपये) 15 दिन के अन्‍दर विपक्षीगण के यहां पर जमा करे और विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह जुलाई 1985 के

 

-2-

बाद का उपरोक्‍त 247/- रू0 के अलावा और कोई भी धनराशि परिवादी से वसूल नहीं करेंगे। ‘’

उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से वर्तमान अपील योजित की गयी है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। आदेश दिनांक 13.07.2016 को प्रत्‍यर्थी पर सूचना पर्याप्‍त स्‍वीकार की जा चुकी है। पत्रावली के परिशीलन से यह भी प्रकट होता है कि प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 07.06.2001 का है, जिसकी प्रमाणित प्रतिलिपि दिनांक 08.06.2001 को प्राप्‍त की गयी और वर्तमान अपील दिनांक 07.11.2001 को विलम्‍ब से योजित की गयी है। उक्‍त विलम्‍ब को क्षमा करने हेतु अपीलार्थीगण की ओर से जो प्रार्थना पत्र मय शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया है, उसका खण्‍डन भी प्रत्‍यर्थी की ओर से नहीं किया गया है, अत: विलम्‍ब का पर्याप्‍त आधार पाया जाता है। तदनुसार विलम्‍ब क्षमा किया जाता है। यह अपील वर्ष 2001 से निस्‍तारण हेतु विचाराधीन है, अत: पीठ द्वारा समीचीन पाया गया कि वर्तमान अपील का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर दिया जाये। तदनुसार विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी को विस्‍तार से सुना गया एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश तथा उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

परिवाद पत्र का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने अपने खेतों की सिंचाई हेतु 10 हार्सपावर का ट्यूबवेल कनेक्‍शन लिया था और विद्युत बिलों का नियमानुसार भुगतान समय पर करता था। वर्ष 1985 के शुरू में परिवादी/प्रत्‍यर्थी के ट्यूबबेल की बोरिंग फेल हो गयी, जिसकी सूचना विपक्षी संख्‍या-2 को दी गयी, इस पर विपक्षी संख्‍या-2 ने अस्‍थाई कनेक्‍शन काटने के लिए परिवादी/प्रत्‍यर्थी से बकाया बिल धनराशि को जमा करने का निर्देश दिया, उस समय रू0 3228/- बकाया बताया  गया,  जिसे परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने जमा कर दिया और विपक्षी के कर्मचारियों ने

 

-3-

कनेक्‍शन काटकर अपना सामान वहां से उठा ले गये। इस प्रकार वर्ष 1985 के बाद से परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने विद्युत का उपभोग नहीं किया है, परन्‍तु उसके बाद भी उसे बिल भेजे जाते रहे हैं, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।

विपक्षीगण/अपीलार्थी ने जिला फोरम के समक्ष प्रतिवाद पत्र योजित करते हुए परिवाद पत्र का खण्‍डन किया गया। जिला फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों के आधार पर उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मुख्‍य रूप से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि जिला फोरम द्वारा प्रश्‍नगत परिवाद का कालबाधित होने के सन्‍दर्भ में विपक्षीगण/अपीलार्थीगण द्वारा किये गये अभिवचन पर कोई निष्‍कर्ष नहीं दिया गया है। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मुख्‍य रूप से यह तर्क भी         प्रस्‍तुत किया गया कि वर्तमान प्रकरण में सन 1985 के बाद परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने बिजली का उपभोग नहीं किया है और परिवाद अविवादित रूप से वर्ष 1998 में योजित किया गया है, अत: परिवाद प्रथम दृष्‍टया कालाबाधित है। इस सन्‍दर्भ में विपक्षीगण/अपीलार्थीगण द्वारा जिला फोरम के समक्ष स्‍पष्‍ट अभिवचन भी किया गया था, परन्‍तु जिला फोरम द्वारा इस पर कोई निष्‍कर्ष नहीं दिया गया है। अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी तर्क किया गया कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी लगातार बिजली का उपभोग करता आ रहा है और गलत तथ्‍यों के आधार पर परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया था, अत: मुकदमें की सम्‍पूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त होने एवं वर्तमान प्रकरण जिला फोरम को पुन: निस्‍तारण हेतु प्रतिप्रेषित किये जाने योग्‍य है।

 

 

-4-

आदेश

वर्तमान अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद संख्‍या-54/1998, हरवीर सिंह बनाम उत्‍तर प्रदेश राज्‍य विद्युत परिषद में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.06.2001 अपास्‍त किया जाता है।

जिला फोरम को प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समयक अवसर प्रदान करते हुए मामलें का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर यथाशीघ्र 03 माह में करना सुनिश्‍चित करें।

     पक्षकारान अपना-अपना अपीलीय व्‍ययभार स्‍वंय वहन करेंगे।

इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये।

 

 

            (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                      (संजय कुमार)

               पीठासीन सदस्‍य                               सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,  कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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