Rajasthan

Jaipur-I

1392/2013

IMRAN KHAN - Complainant(s)

Versus

HARSH COMPUTER & TELECOM - Opp.Party(s)

IMRAN KHAN & OTHER

14 Mar 2014

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 1392/2013
इमरान खान पुत्र श्री शाहिद खान, उम्र 26 साल, निवासी खान मोहल्ला, कुचामन सिटी, तहसील नावा सिटी, जिला नागौर Û

                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    हर्ष कम्प्यूटर एण्ड टेलीकोम जरिए प्रोपराईटर, पता कांटा सर्किल, कालवाड़ रोड़, झोटवाड़ा, जयपुर Û
2.    मैसर्स तिरूपति इन्फोटेक जरिए प्रबंधक, पता जी-72, बी-ब्लाॅक, गणपति प्लाजा, पिज्जा हट के पास, एम.आई.रोड़, जयपुर Û
3.    माईक्रोमेक्स इन्फोरमेटिक्स लिमिटेड जरिए जोनल अधिकारी(क्षेत्रीय अधिकारी) पता जारिना इण्डस्ट्रीयल एरिया, न्यू देहली 110028

              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री इमरान खान - परिवादी
श्री प्रकाश ठाकुरिया - विपक्षी
                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 16.12.13

                      आदेश     दिनांक:05.01.2015

यह परिवाद इमरान ने विपक्षीगण के विरूद्ध अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पेश किया है । परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 22.08.2012 को विपक्षी सॅंख्या 1 से एक मोबाईल माइक्रोमेक्स कम्पनी का माॅडल नंबर ए-73 रूपए 7001/- में क्रय किया था जिसका ई एम आई नं. 911156950291391 है । मोबाईल पर एक वर्ष की गांरटी दी गई थी । परिवादी का कथन है कि मोबाईल खरीद किया तब से ही उसमें कुछ ना कुछ परेशानियां निरन्तर चलती रही। कई बार मोबाईल काम करना बंद कर देता, दोनों सिमंे भी काम नहीं करती, टच स्क्रीन में प्रोबलम आती थी, हैडफोन का निशान आता था लेकिन आवाज नहीं आती, नेट चलते समय हैंग हो जाता था, मोबाईल की स्क्रीन व्हाईट हो जाती थी । विपक्षी सॅंख्या 1 से सम्पर्क करने पर उसने विपक्षी सॅंख्या 2 के पास ले जाने के लिए कहा और विपक्षी सॅंख्या 2 को दिखाया तो उनके द्वारा परिवादी को 2 घंटे बैठाकर मोबाईल यह कहते हुए लौटा दिया कि ठीक हो गया है परन्तु कुछ दिन पश्चात उसमें पुन: ज्यों की त्यों समस्या उत्पन्न हो गई । इस पर पुन: विपक्षी सॅंख्या 2 को दिखाने पर मोबाईल 2 घंटे पश्चात यह कहते हुए लौटा दिया कि ठीक हो गया है परन्तु दो-तीन दिन ही मोबाईल ठीक रहा और फिर उसमें समस्यांए उत्पन्न हो गई । दिनांक 17.08.2013 को मोबाईल विपक्षी सॅंख्या 2 को दिखाने पर उसने मोबाईल हैण्डसेट के दोष स्वीकार करते हुए हैण्डसेट ले लिया और 15 दिन पश्चात आने के लिए कहा परन्तु इसकेे पश्चात परिवादी कई मर्तबा विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां गया तब भी उसका मोबाईल हैण्डसेट नहीं लौटाया गया जो आज भी विपक्षी सॅंख्या 2 के पास ही है । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवादोष कारित किया है जिससे उसे मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा । दिनांक 31.10.2013 को विपक्षीगण को नोटिस दिया गया जिसका कोई जवाब विपक्षीगण ने नहीं दिया । परिवादी ने मोबाईल हैण्डसेट की कीमत 7001/- रूपए अथवा उसकी कीमत का नया मोबाईल हैण्डसेट वांरटी सहित, मानसिक, शारीरिक व आर्थिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए 50,000/- रूपए, बार-बार चक्कर लगाने में हुए खर्च व समय की क्षतिपूर्ति के लिए 25000/- रूपए, नोटिस व्यय, परिवाद व्यय व अधिवक्ता फीस के 15000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही कोई बहस मौखिक रूप से की गई है।
मंच द्वारा परिवादी के अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादी ने परिवाद के कथन के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, दिनांक 22.08.2012 को मोबाईल खरीदने का बिल, विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां 17.08.2013 को मोबाईल सही करने के लिए दिया गया वह मेटेरियल रिसिव्ड नोट, अधिवक्ता के द्वारा दिए गए नोटिस की काॅपी प्रस्तुत की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का कोई आधार मंच के समक्ष उपलब्ध नहीं है।
इस प्रकार परिवादी के सशपथ कथन व प्रस्तुत साक्ष्य से खण्डन के अभाव में यह प्रमाणित है कि परिवादी द्वारा दिनांक 22.08.2012 को एक मोबाईल हैण्डसेट विपक्षी कम्पनी का 7001/- रूपए में खरीद किया गया जिसमें खरीदने के तुरन्त पश्चात से ही कुछ ना कुछ परेशानियां निरन्तर चलती रहीं और विपक्षीगण ने मोबाईल हैण्डसेट को ना तो ठीक करके दिया ना ही बदला ना ही उसकी कीमत अदा की है। इस प्रकार से विपक्षीगण का यह कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस के अन्तर्गत आता है परिणामस्वरूप यह परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है ।
    आदेश
 परिवादी का यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह संयुक्त अथवा पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए परिवादी को नया मोबाईल उसी प्रकार का दंेगे और यदि यह सम्भव नहीं हो तो मोबाईल की कीमत 7001/- रूपए अक्षरे सात हजार एक रूपए एक माह की अवधि में अदा करेंगे अन्यथा परिवादी इस राशि पर मोबाईल खरीद करने की तिथी से रकम वसूल होने तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अलावा विपक्षीगण परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5000/- रूपए अक्षरे पाॅच हजार पाॅंच सौ रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करंेेेगे। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 05.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)  (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 

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