सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बरेली द्वारा परिवाद संख्या 47 सन 2017 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.01.2018 के विरूद्ध)
अपील संख्या 1638 सन 2018
1. मै0 श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 तृतीय तल, मुकाम्बिका काम्प्लेक्स नं0-10-4, लेडी देसिका रोड, मीलापुर, चेन्नई ।
2. मै0 श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 ब्रांच आफिस, पीलीभीत वाईपास रोड रूहेलखण्ड यूनीवर्सिटी एवं तहसील सदर के सामने, जिला बरेली ।
.......अपीलार्थी/प्रत्यर्थी
-बनाम-
1. हरपाल सिंह पुत्र कोमिल प्रसाद निवासी ग्राम पिंदारी अशोक, पोस्ट आफिस-खास, तहसील बहेडी, जिला बरेली ।
2. डिवीजनल मैनेजर, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0, सिविल लाइन्स, स्टेशन रोड, बरेली ।
. .........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री यतीश गुप्ता ।
प्रत्यर्थी सं01 की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री उमेश शर्मा।
प्रत्यर्थी सं02 की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री दिनेश कुमार।
दिनांक:-28-01-20
श्री गोवर्धन यादव, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बरेली द्वारा परिवाद संख्या 47 सन 2017 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31.01.2018 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है ।
संक्षेप में, प्रकरण के आवश्यक तथ्य इस प्रकार हैं परिवादी ने अपने ट्रक संख्या एच0आर0 38 जी 9415 का बीमा, पालिसी संख्या 10003/31/16/458078 के अन्तर्गत कराया । बीमित ट्रक दिनांक 15.12.2016 को थाना बहेडी, जिला बरेली में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उक्त ट्रक के संबंध में क्लेम प्रस्तुत करने पर 98000.00 रू0 की क्षतिपूर्ति स्वीकृत की गयी, जिसे परिवादी ने स्वीकार कर लिया । परिवादी का कथन है कि प्रश्नगत ट्रक के संबंध में उसने मै0 श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 से ऋण लिया था और ऋण से संबंधित समस्त धनराशि अदा करके अदेय प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया था और आर0टी0ओ0 आफिस से हायर परचेज की प्रविष्टि को निरस्त करवा दिया था फिर भी उसे बीमा कम्पनी द्वारा मात्र 44064.00 रू0 का चेक दिया गया और 53,936.00 रू0 की धनराशि यह कहते हुए रोक ली कि प्रार्थी के ट्रक पर उक्त धनराशि ऋण की शेष रह गयी है जबकि परिवादी का कथन है कि यदि कोई धनराशि ऋण की शेष रह गयी होती तो उसे फाइनेंस कम्पनी द्वारा अदेय प्रमाण पत्र एक वर्ष पहले कैसे जारी किया जा सकता है। अत: परिवादी ने 53,936.00 रू0 की धनराशि मय ब्याज एवं क्षतिपूर्ति सहित दिलाए जाने हेतु जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया।
विपक्षी की ओर से जिला मंच के समक्ष अपना वादोत्तर प्रस्तुत कर उल्लिखित किया गया कि परिवादी की बीमा पालिसी पर श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 से ऋण लिया जाना अंकित था अतएव बीमा धनराशि पर उसका प्रथम प्रभार मानते हुए भुगतान हेतु चेक श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 के खाते में जमा करा दिया गया था । परिवादी ने उस समय तक इस तथ्य से अवगत नहीं कराया था कि पंजीयन प्रमाण पत्र से हायर परचेज की प्रविष्टि को समाप्त करा दिया गया है।
जिला मंच ने उभय पक्ष के साक्ष्य एवं अभिवचनों के आधार पर निम्न आदेश पारित किया :-
'' परिवाद इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि परिवादी प्रतिपक्षी संख्या 2 से रू0 53,936.00 प्राप्त करने का अधिकारी है। उपरोक्त धनराशि का भुगतान एक माह के अन्तर्गत न होने पर परिवादी प्रतिपक्षी संख्या 2 से उक्त धनराशि पर परिवाद संस्थित किए जाने की तिथि से उक्त धनराशि का भुगतान होने तक 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा। वाद व्यय के रूप में परिवादी प्रतिपक्षी संख्या 02 से रू0 5000.00 प्राप्त करने का अधिकारी है।''
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 द्वारा योजित की गयी है।
अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा सम्पूर्ण तथ्यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्नगत निर्णय पारित किया गया है। परिवादी ने हायर परचेज एग्रीमेंट के तहत प्रश्नगत वाहन क्रय किया था और एन0ओ0सी0 जारी की गयी थी । प्रकरण आर्वीट्रेशन क्लास का है जिसका निपटारा फोरम द्वारा नहीं किया जा सकता है। जिला फोरम द्वारा माना गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा देयकों का भुगतान किया जा चुका है। परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय अपास्त किए जाने योग्य है।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क विस्तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक अवलोकन किया।
पत्रावली का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि परिवादी का बीमित ट्रक दिनांक 15.12.2016 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसका क्लेम 98000.00 रू0 स्वीकृत किया गया। प्रश्नगत ट्रक के संबंध में परिवादी ने मै0 श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कं0लि0 बरेली से ऋण लिया था और ऋण से संबंधित समस्त धनराशि अदा करके फाइनेंस कम्पनी से अदेय प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया था और आर0टी0ओ0 आफिस से हायर परचेज की प्रविष्टि को निरस्त करवा दिया था फिर भी उसे बीमा कम्पनी द्वारा मात्र 44064.00 रू0 का चेक दिया गया और 53,936.00 रू0 की धनराशि फाइनेंस कम्पनी को उपलब्ध करा दी जबकि फाइनेंस कम्पनी द्वारा उसे ''अदेय प्रमाणपत्र'' जारी किया जा चुका था।
पत्रावली का सम्यक अवलोकन करने तथा अधिवक्तागण की बहस सुनने के उपरांत हमारे विचार से हायर परचेज से क्रय किए गए ट्रक से संबंधित ऋण की अदायगी परिवादी/प्रत्यर्थी द्वारा की जा चुकी है और इस संबंध में आर0टी0ओ0 आफिस से हायर परचेज की प्रविष्टि को उसके द्वारा निरस्त करवा दिया था इसके बाद भी बीमा कम्पनी द्वारा द्वारा उसे मात्र 44064.00 रू0 का चेक दिया गया और 53,936.00 रू0 की धनराशि यह कहते हुए रोक ली कि परिवादी/प्रत्यर्थी के ट्रक पर उक्त धनराशि ऋण की शेष रह गयी है जबकि प्रश्नगत ऋण से संबंधित कोई धनराशि परिवादी/प्रत्यर्थी पर शेष नहीं रह गयी थी और उसे ऋण प्रदाता कम्पनी द्वारा ''नो- डयूज'' भी प्रदान किया जा चुका है। अपीलार्थी द्वारा ''नो- डयूज'' जारी करने के बाद भी प्रश्नगत धनराशि अपने पास रोककर सेवा में कमी की गयी है।
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्चात हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा साक्ष्यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्नगत परिवाद में विवेच्य निर्णय पारित किया है, जो कि विधिसम्मत है एवं उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
तद्नुसार प्रस्तुत अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष इस अपील का अपना अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट-1
(S.K.Srivastav,PA)