Uttar Pradesh

StateCommission

A/1125/2016

Zila Gramodyog Adhikari - Complainant(s)

Versus

Harjinder Singh - Opp.Party(s)

Ashok Kumar Pandey

26 Nov 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1125/2016
( Date of Filing : 03 Jun 2016 )
(Arisen out of Order Dated 15/03/2016 in Case No. C/186/2012 of District Shahjahanpur)
 
1. Zila Gramodyog Adhikari
Shahjahanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Harjinder Singh
Shahjahanpur
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/808/2016
( Date of Filing : 20 Apr 2016 )
(Arisen out of Order Dated 15/03/2016 in Case No. C/186/2012 of District Shahjahanpur)
 
1. Baroda U.P. Gramin Bank
Shahjahanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Harjindra Singh
Shahjahanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 26 Nov 2019
Final Order / Judgement

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1125/2016

(जिला फोरम, शाहजहॉपुर द्धारा परिवाद सं0-186/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.3.2016 के विरूद्ध)

Zila Gramodyog Adhikari, Zila Gramodyog Office, Tehsil Sadar, District-Shahjahanpur.

                                        ........... Appellant/ Opp. Party No.1

Versus    

1-    Harjinder Singh, S/o Shri Balwant Singh, R/o Village-Daulatpur Maholiya, Block Banda, Tehsil Puwawan, District Shahjahanpur.

…….. Respondent/Complainant

2-    Baroda Uttar Pradesh Gramin Bank, Branch Dharmapur Block- Banda, Tehsil Puwayan, District Shahjahanpur.

3-    District Magistrate, District- Shahjahanpur.

 

       …….. Respondents/ Opp. Parties

 

अपील संख्‍या:-808/2016

Baroda Uttar Pradesh Gramin Bank, Branch Dharmapur, Block- Banda, Tehsil Puwayan, District Shahjahanpur through its Branch Manager.                                       

  ........... Appellant/ Opp. Party No.2 

Versus

1-    Harjinder Singh, S/o Shri Balwant Singh, R/o Gram-Daulatpur Maholia, Block Banda, Tehsil Puwayan, District Shahjahanpur.

…….. Respondent/Complainant

 

2-    District Gram Udyog Adhikari, Tehsil Sadar, District-Shahjahanpur.

       …….. Respondents/ Opp. Parties

 

-2-

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष 

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        : श्री अशोक कुमार पाण्‍डेय एवं

  श्री अवधेश शुक्‍ला

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की अधिवक्‍ता   : सुश्री तारा गुप्‍ता

दिनांक :-09/01/2020       

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय   

परिवाद संख्‍या-186/2012 हरजिन्‍दर सिंह बनाम जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला ग्रामोद्योग कार्यालय तहसील सदर शाहजहॉपुर व दो अन्‍य में जिला फोरम, शाहजहॉपुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 15.3.2016 के विरूद्ध उपरोक्‍त अपील सं0-808/2016 बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक बनाम हरजिन्‍दर सिंह व एक अन्‍य परिवाद के विपक्षी सं0-2 ने और उपरोक्‍त अपील सं0-1125/2016 जिला ग्रामोद्योग अधिकारी बनाम हरजिन्‍दर सिंह आदि परिवाद के विपक्षी सं0-1 ने धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की हैं।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

 “परिवाद सं0-186/2012 हरजिन्‍दर सिंह बनाम जिला ग्रामोद्योग अधिकारी आदि स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 व 2 को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी के स्‍वीकृत ऋण

-3-

की शेष धनराशि 60 दिन में प्रदान करे तदोपरांत ऋण अनुदान राशि/ सब्सिडी व अल्‍पसंख्‍यक वर्ग हेतु प्रदत्‍त छूट तथा परिवादी द्वारा जमा राशि का समायोजन नियमानुसार करते हुए ऋण अदायगी की नियमानुसार कार्यवाही करें। परिवादी शारीरिक, मानसिक क्षति तथा वाद व्‍यय के एवज में अंकन 5,000.00 रू0 का भुगतान उक्‍त अवधि में विपक्षी सं0-1 व 2 से प्राप्‍त करने का अधिकारी है।

विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध यह परिवाद खारिज किया जाता है।”

जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षीगण सं0-1 और 2 ने उपरोक्‍त दोनों अपीलें अलग-अलग प्रस्‍तुत की हैं।

अपील सं0-808/2016 में अपीलार्थी बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अवधेश शुक्‍ला उपस्थित आये और उपरोक्‍त अपील सं0-1125/2016 में अपीलार्थी‍ जिला ग्रामोद्योग अधिकारी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ताश्री अशोक कुमार पाण्‍डेय उपस्थित आये है। दोनों अपीलों में प्रत्‍यर्थी सं0-1 जो परिवादी है की ओर से विद्वान अधिवक्‍त सुश्री तारा गुप्‍ता उपस्थित आयीं है। उपरोक्‍त अपील सं0-1125/2016 में प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अवधेश शुक्‍ला उपस्थित आये है और उपरोक्‍त अपील सं0-808/2016 में प्रत्‍यर्थी सं0-2 की

-4-

ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक कुमार पाण्‍डेय उपस्थित आये है। प्रत्‍यर्थी सं0-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

मैंने दोनों अपीलों में उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

दोनों अपीलों में प्रत्‍यर्थी की ओर से लिखित लिखित तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया है। मैंने प्रत्‍यर्थी की ओर से प्रस्‍तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि दोनों अपीलों के प्रत्‍यर्थी सं0-1 अर्थात परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष दोनों अपील के अपीलार्थीगण और जिलाधिकारी शाहजहॉपुर, जो अपील में प्रत्‍यर्थी सं0-3 है, के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने परिवाद के विपक्षी सं0-1 जिला ग्रामोद्योग अधिकारी द्वारा विज्ञापित स्‍वरोजगार योजना पी0एम0ई0जी0पी0 के अन्‍तर्गत लौहकला उद्योग हेतु 5,00,000.00 रू0 के ऋण हेतु आवेदन पत्र विपक्षी सं0-2 बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक शाखा धर्मापुर में प्रस्‍तुत किया जिसे बैंक के माध्‍यम से उपरोक्‍त विपक्षी सं0-1 जिला ग्रामोद्योग अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत प्रदान की गई और काफी भागदौड़ के बाद उपरोक्‍त विपक्षी सं0-2 बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक शाखा धर्मापुर ने

-5-

1,94,950.00 रू0 की ऋण धनराशि उसे अवमुक्‍त की। परिवाद पत्र के अनुसार ऋण स्‍वीकृत होने के उपरांत प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने कच्‍चा माल एवं अन्‍य सामान हेतु आर्डर दिया और उससे ऋण हेतु मार्जिन मनी 25,000.00 रू0 उपरोक्‍त विपक्षीगण द्वारा प्राप्‍त की गयी। परिवाद पत्र के अनुसार उसने 27,000.00 रू0 जमा कर शेष किश्‍तों को अवमुक्‍त किये जाने का अनुरोध किया, परन्‍तु उपरोक्‍त दोनों अपील के अपीलार्थीगण जो परिवाद में विपक्षीगण हैं अपनी मॉगों की पूर्ति हेतु दबाव बनाकर उसे परेशान करते रहे हैं और जानबूझकर ऋण की शेष किश्‍तों को अवमुक्‍त नहीं किया।  जिससे प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अन्‍यंत्र प्रकार से ऋण लेकर अपना कार्य सम्‍पादित करना पड़ा जिससे उसे काफी क्षति हुई है। उसने उपरोक्‍त दोनों विपक्षीगण से सम्‍पर्क कर शेष ऋण की किश्‍तों को अवमुक्‍त करने की प्रार्थना की, परन्‍तु कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके विपरीत विपक्षीगण ने परिवादी को जबरदस्‍ती 5,00,000.00 रू0 के ऋण की वसूली की धमकी दी। दोनों विपक्षीगण ने अगली किश्‍तें प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अवमुक्‍त न कर अनुदान धनराशि भी वापस कर दी और प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अल्‍पसंख्‍यक वर्ग को प्राप्‍त होने वाली छूट से भी वंचित कर दिया अत: दोनों विपक्षीगण की सेवा से क्षुब्‍ध होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

-6-

जिला फोरम के समक्ष परिवाद के विपक्षीगण सं0-1 और 3 अर्थात जिला ग्रामोद्योग अधिकारी और जिलाधिकारी शाहजहॉपुर ने संयुक्‍त रूप से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी पी0एम0ई0जी0पी0 योजना में वर्ष 2009-10 में 5,00,000.00 रू0 ऋण हेतु आवेदन किया था। उसे लौहकला उद्योग हेतु ऋण स्‍वीकृत किया गया था। जिसमें 4.75 लाख रू0 बैंक द्वारा तथा 0.25 लाख रू0 उद्यमी द्वारा निवेश किया जाना था। बैंक द्वारा परिवादी को दिनांक 25.3.2010 को मशीन मद में 94,950.00 रू0 एवं कार्यशील पूंजी मद में 1,00,000.00 रू0 वितरित किया गया। दिनांक 05.01.2011 को तत्‍कालीन जिला ग्रामोद्योग अधिकारी व बैंक शाखा प्रबन्‍धक व क्षेत्रतीय अधिकारी द्वारा इकाई का संयुक्‍त रूप से निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि कार्यस्‍थल पर कोई भी मशीन/अर्द्ध निर्मित/ कच्‍चा माल उपलब्‍ध नहीं था।

विपक्षीगण सं0-1 व 3 ने लिखित कथन में कहा है कि परिवादी को दिनांक 25.3.2010 को मशीन/उपकरण मद में 94,950.00 रू0 वितरित किये गये परन्‍तु इसके द्वारा सरब मशीन टूल्‍स गनेश मार्केट के सामने वटाला पंजाब से मशीन खरीदने का जो बिल प्रस्‍तुत किया गया है वह दिनांक 20.3.2010 का है जबकि प्रत्‍यर्थी/परिवादी दिनांक 05.3.2010 से 20.3.2010

-7-

तक प्रशिक्षण कार्यक्रम में था। अत: दिनांक 20.3.2010 को मशीन उसके द्वारा क्रय किया जाना सम्‍भव नहीं है। लिखित कथन में आगे कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अवमुक्‍त धनराशि के व्‍यय प्रमाण स्‍वरूप कोई वाउचर प्रस्‍तुत नहीं किये गये और न ही निरीक्षण के समय कोई कच्‍चा या निर्मित माल कार्यशाला में पाया गया। दिनांक 01.3.2012 को जिला ग्रामोद्योग अधिकारी और स0उ0 अधीक्षक जिला ग्रामोद्योग, शाहजहॉपुर द्वारा संयुक्‍त निरीक्षण किया गया, तो निरीक्षण के दौरान कार्यस्‍थल पर जंग लगी पुरानी ड्रिल व खराद व बेल्डिंग मशीन बिना फाउन्‍डेशन की पाई गई। कार्यशाला इकाई पर कोई बोर्ड भी नहीं पाया गया। कच्‍चा माल व अभिलेख भी नहीं पाये गये। उसके पश्‍चात दिनांक 04.4.2012 को पुन: सहायक उप-अधीक्षक जिला ग्रामोद्योग शाहजहापुर द्वारा निरीक्षण किया गया उस समय भी पूर्व की स्थिति मिली। तत्‍पश्‍चात विपक्षी सं0-1 अर्थात जिला ग्रामोद्योग अधिकारी के पत्रांक 2124-26 दिनांकित 14.3.2012 द्वारा विपक्षी सं0-2 बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक शाखा धर्मापुर को निर्देशित किया गया कि मार्जिन मनी 1,75,000.00 रू0 नोडल ब्रॉच लखनऊ को वापस कर दी जाये और उद्यमी के विरूद्ध वितरित ऋण वसूली की कार्यवाही की जाये।

 

-8-

जिला फोरम के समक्ष परिवाद के अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक शाखा धर्मापुर की ओर से भी लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है जिसमें कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को पत्र दिनांक 16.9.2009 द्वारा 5,00,000.00 रू0 का ऋण लौहकला उद्योग स्‍थापना हेतु स्‍वीकृत किया गया जिसमें 4.75 लाख रू0 बैंक से ऋण था व 0.25 लाख रू0 उद्यमी द्वारा निवेश किया जाना था। लिखित कथन में कहा गया है कि विपक्षी बैंक द्वारा परिवादी को 94,950.00 रू0 मशीन खरीदने हेतु तथा 1,00,000.00 रू0 कच्‍चा माल हेतु ऋणधन वितरति किया गया, परन्‍तु दिनांक 05.01.2011 को परिवादी की उपस्थिति में तत्‍कालीन ग्रामोद्योग अधिकारी व बैंक शाखा प्रबंधक व क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा जब इकाई का संयुक्‍त रूप से निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि कार्यस्‍थल पर कोई मशीन एवं अर्द्धनिर्मित/निर्मित/कच्‍चा माल उपलब्‍ध नहीं था और कोई संतोषजनक उत्‍तर परिवादी नहीं दे सका। लिखित कथन में कहा गया है कि जिला ग्रामोद्योग अधिकारी शाहजहॉपुर के पत्रांक 605-06 दिनांकित 18.8.2012 के द्वारा परिवादी से 1,94,950.00 रू0 ऋणधन वसूल करने और मार्जिन मनी वापस करने हेतु कहा गया। तब दिनांक 25.8.2012 एवं 15.10.2012 को विपक्षी बैंक ने परिवादी से बकाया ऋण धनराशि 1,69,276.00 रू0 + दिनांक

-9-

01.04.2011 से देय ब्‍याज की धनराशि की अदायगी हेतु कहा। परन्‍तु प्रत्‍यर्थी/परिवादी यह धनराशि अदा नहीं कर रहा है।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन और उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह माना है कि विपक्षीगण ने परिवादी को स्‍वीकृत ऋण की शेष धनराशि अवमुक्‍त न किये जाने का जो कारण उल्लिखित किया है वह किसी भी समर्थित साक्ष्‍य के अभाव में स्‍वीकार किये जाने योग्‍य नहीं है। भूमि संरक्षण अधिकारी की संस्‍तुति के बावजूद भी परिवादी को स्‍वीकृत ऋण की शेष किश्‍तें विपक्षीगण सं0-1 व 2 ने अवमुक्‍त न कर सेवा में गम्‍भीर त्रुटि की है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए आदेश पारित किया है जो ऊपर अंकित है।

    दोनों अपीलों के अपीलार्थीगण जो परिवाद में विपक्षी सं0-1 व 3 है के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है और अधिकाररहित है।

दोनों अपीलों में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को स्‍वीकृत ऋण धनराशि 5,00,000.00 रू0 से जो 1,94,950.00 रू0 अवमुक्‍त की गई है उसके अनुसार उसने स्‍वीकृत लौहकला उद्योग हेतु मशीनरी स्‍थापित नहीं की है और माल क्रय नहीं किया है। उद्योग विभाग व बैंक के अधिकारियों द्वारा संयुक्‍त निरीक्षण किये जाने पर यह पाया गया

-10-

है कि प्राप्‍त धनराशि से लौहकला उद्योग प्रारम्‍भ नहीं किया गया है और कोई मशीन अर्द्ध निर्मित/निर्मित कच्‍चा माल निरीक्षण के समय नहीं पाया गया है। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अवमुक्‍त धनराशि व उस पर देय ब्‍याज की वसूली की कार्यवाही किया जाना विधि सम्‍मत है। बैंक अथवा जिला ग्रामोद्योग अधिकारी की सेवा में कोई कमी नहीं की है। दोनो अपीलों के अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है कि अवमुक्‍त धनराशि का उपयोग स्‍वीकृत ऋण के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने नहीं किया है। अत: ऋण की शेष किश्‍तों को अवमुक्‍त किये जाने हेतु उचित आधार नहीं है। दोनों अपीलों के अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय दोषपूर्ण है और निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय उचित और विधि अनुकूल है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने स्‍वीकृत ऋण की अवमुक्‍त धनराशि से मशीन क्रय किया है और अपना लौहकला उद्योग स्‍थापित किया है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के प्रार्थना पत्र पर जिलाधिकारी के आदेश से भूमि संरक्षण अधिकारी (गो) शाहजहॉपुर ने निरीक्षण कर अपनी निरीक्षण आख्‍या प्रस्‍तुत किया है, जिससे स्‍पष्‍ट है कि

-11-

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की प्रश्‍नगत इकाई में खरीद मशीन, वर्मा मशीन तथा जनरेटर पाया गया है और भूमि संरक्षण अधिकारी ने अगली किश्‍त बैंक द्वारा दिये जाने की संस्‍तुति की है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने अपने निर्णय में भूमि संरक्षण अधिकारी शाहजहॉपुर की निरीक्षण आख्‍या का उल्‍लेख किया है और भूमि संरक्षण अधिकारी की आख्‍या पर विश्‍वास करते हुए आक्षेपित आदेश पारित किया है।

मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

जिला फोरम ने माना है कि भूमि संरक्षण अधिकारी की संस्‍तुति के बावजूद भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को स्‍वीकृत ऋण की शेष किस्‍तें अवमुक्‍त न करके अपीलार्थी/विपक्षीगण सं0-1 व 2 ने सेवा में गम्‍भीर त्रुटि की है और इसी आधार पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को स्‍वीकृत ऋण की किस्‍तें प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देने हेतु अपीलार्थी/विपक्षीगण को आदेशित किया है। भूमि संरक्षण अधिकारी की आख्‍या से स्‍पष्‍ट है कि उन्‍होंने जिलाधिकारी के निर्देश पर जॉच कर यह आख्‍या जिलाधिकारी को प्रेषित किया है। जिलाधिकारी ने भूमि संरक्षण अधिकारी की आख्‍या पर क्‍या आदेश पारित किया है यह स्‍पष्‍ट नहीं है। जिलाधिकारी ने भूमि संर‍क्षण अधिकारी की आख्‍या स्‍वीकार किया है यह भी स्‍पष्‍ट नहीं है। अत: भूमि संरक्षण अधिकारी की उपरोक्‍त आख्‍या के आधार पर जिला

-12-

फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में जो कमी माना है और प्रत्‍यर्थी/परिवादी को स्‍वीकृत ऋण की अवशेष धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देने हेतु अपीलार्थी/विपक्षीगण को आदेशित किया है वह विधि के अनुकूल नहीं है। अत: जिला फोरम द्वारा पारित निर्णण व आदेश अपास्‍त करते हुए प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-3 जिलाधिकारी शाहजहॉपुर को आदेशित किया जाना उचित है कि वह भूमि संरक्षण अधिकारी की आख्‍या दिनांक 18.7.2012 जो जिलाधिकारी शाहजहॉपुर को सम्‍बोधित है एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी के प्रतिवेदन पर विचार कर विधि के अनुसार उचित आदेश प्रत्‍यर्थी/परिवादी के ऋण के सम्‍बन्‍ध में दो मास के अन्‍दर पारित करें।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अपील सं0-1125/2016 जिला ग्रामोद्योग अधिकारी बनाम हरजिन्‍द्रर सिंह व दो अन्‍य एवं अपील सं0-808/2016 बड़ौदा उत्‍तर प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा धर्मापुर बनाम हरजिन्‍द्रर सिंह व एक अन्‍य आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम का आदेश अपास्‍त करते हुए प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-3 जिलाधिकारी शाहजहॉपुर को आदेशित किया जाता है कि वह भूमि संरक्षण अधिकारी शाहजहॉपुर की आख्‍या दिनांक 18.7.2012 जो जिलाधिकारी शाहजहॉपुर को सम्‍बोधित है एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी के प्रतिवेदन पर विचार कर

 

-13-

विधि के अनुसार उचित आदेश प्रत्‍यर्थी/परिवादी के प्रश्‍नगत ऋण के सम्‍बन्‍ध में दो मास के अन्‍दर पारित करें।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी अपना प्रतिवेदन भूमि संरक्षण अधिकारी की उपरोक्‍त आख्‍या की प्रति एवं इस निर्णय की प्रति के साथ जिलाधिकारी शाहजहॉपुर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-3 के समक्ष प्रस्‍तुत करेगा।

दोनों अपीलों में उभय पक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं बहन करेगें।

दोनों अपीलों में धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनिमय, 1986 के अन्‍तर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज के साथ सम्‍बन्धित अपील में अपीलार्थी को वापस की जायेगी।

इस निर्णय की मूल प्रति अपील सं0-1125/2016 में रखी जाये। इस निर्णय की प्रतिलिपि अपील सं0-808/2016 में भी रखी जाये।

 

                        (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)               

                                 अध्‍यक्ष                           

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 

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