Uttar Pradesh

Bareilly-II

MA/22/2024

SATENDRA PAL SINGH - Complainant(s)

Versus

HARISH GANGWAR - Opp.Party(s)

HARISH KUMAR AZAD

08 Oct 2024

ORDER

 परिवादी द्वारा अधिवक्ता श्री हरीश कुमार आजाद।
          प्रकरण परिवादी द्वारा प्रस्तुत आवेदनपत्र अंतर्गत  धारा 69(2) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 पर आदेश हेतु नियत है। 
          प्रस्तुत आवेदनपत्र में परिवादी ने पूर्व में कारोना काल के दौरान लॉकडाउन होना, लॉकडाउन के पश्चात् विपक्षगण द्वारा बुकिंग राशि वापस किए जाने का वायदा किया जाना तथा परिवादी के सरकारी पुलिस विभाग में नौकरी से छुट्टी न मिलने के कारण परिवाद विलम्ब से प्रस्तुत किया जाना व्यक्त करते हुए परिवाद विनिर्दिष्ट सीमा अवधि के पश्चात् स्वीकार किए जाने का निवेदन किया है।
         परिवादपत्र में उल्लिखित अभिवचन के अनुसार परिवादी ने विपक्षीगण के यहॉं मैरिज लॉन दिनांक 20.04.2020 को विवाह के लिए दिनांक 20.02.2020 को रू. 80,000/- में बुक किया जाना तथा बतौर एडवांस रू. 25,000/- जमा किया जाना दर्शित किया है। किन्तु विवाह हेतु नियत तिथि दिनांक   20.04.2020 के पहले महामारी कारोना (लॉकडाउन) हो जाने के कारण नियत तिथि पर विवाह न कर सकना तथा बुकिंग निरस्त किए जाने की विपक्षीगण को सूचना दिए जाने पर विपक्षीगण द्वारा बुकिंग धनराशि रू. 25,000/- लॉकडाउन खुलने के पश्चात् वापस किया जाने का वायदा किए जाना, लॉकडाउन खुलने के पश्चात् परिवादी की लखीमपुर-खीरी में तैनाती होने के कारण बीच-बीच में कई बार विपक्षीगण के यहां आकर धनराशि की मॉंग किया जाना किन्तु विपक्षीगण द्वारा अभिद्र व्यवहार करने पर दिनांक 30.06.2024 को विपक्षीगण को नोटिस प्रेषित कर परिवाद प्रस्तुत किया जाना उल्लिखित किया है।
         परिवादी द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र पर कथनों में परिवादपत्र में उल्लिखित अभिवचनों तथा विलम्ब से परिवाद प्रस्तुत किए जाने के उल्लिखित कारणों की पुष्टि होना पाया जाता है।
         परिवादी द्वारा विपक्षीगण से लॉकडाउन खोलने के पश्चात् समय-समय पर एडवांस राशि वापस मॉंग जाने पर विपक्षीगण द्वारा टालमटोल किया जाना दर्शित किया गया हे तथा नोटिस दिनांक 13.06.2024 देने के पश्चात् भी बुकिंग राशि वापस न किए जाने तथा नोटिस का कोई जवाब न दिए जाने के कारण वर्तमान प्रकरण में वास्तविक वाद कारण नोटिस दिनांक 13.06.2024 को होना प्रकट होता है।
         अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत आवेदनपत्र अंतर्गत धारा 69(2) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम स्वीकार करते हुए परिवादी द्वारा परिवाद प्रस्तुत किए जाने में हुए विलम्ब से हुई अभिमुक्ति दी जाती है।

            परिवाद के पंजीयन पर विचार करने पर परिवाद इस जिला आयोग के आर्थिक एवं स्थानीय क्षेत्राधिकार में होना तथा समयावधि में प्रस्तुत किया जाना भी प्रकट होता है। परिवादी तथा विपक्षीगण के मध्य उपभोक्ता एवं सेवा प्रदाता के संबंध होना भी प्रकट होते है। 
            अतः विविध प्रकरण पंजीयन से खारिज कर उपभोक्ता वाद में दर्ज किया जावे।
            परिवादी द्वारा सात दिवस में अंदर पैरवी करने पर परिवादपत्र एवं दस्तावेज की की प्रति सहित विपक्षीगण को रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से नोटिस जारी किया जावे।
            प्रकरण विपक्षीगण की उपस्थिति एवं प्रतिवादपत्र प्रस्तुति हेतु दिनांक 02.12.2024 नियत की जाती है।  
         

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