(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1368/2004
यूनियन बैंक आफ इंडिया बनाम हरिहर सिंह चौहान तथा दो अन्य
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
13.04.2023
निष्पादन वाद संख्या-35/2001, हरिहर सिंह चौहान बनाम ब्रांच मैनेजर यूनियन बैंक आफ इंडिया में विद्वान जिला आयोग, गाजीपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 08.07.2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री ए.के. मिश्रा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
विद्वान जिला आयोग ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 27 के अंतर्गत शाखा प्रबंधक को दो वर्ष के कारावास व अंकन 02 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है, इस आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि शमन पर विचारणीय मामलों की प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया। दण्डित करने से पूर्व आरोप का सार सुनने के लिए अपीलार्थी को नहीं बुलाया गया, साक्ष्य दर्ज नहीं की गई। धारा 313 सीआरपीसी के बयान दर्ज नहीं किए गए और केवल अनुपस्थित रहने मात्र पर दण्डादेश पारित कर दिया गया, जो अवैध है। तदनुसार अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
अत: प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 08.07.2004 अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-3