(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1365/2009
ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 बनाम हरि ओम प्रकाश पुत्र श्री गोपाल
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 05.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0-90/2005, हरिओम प्रकाश बनाम मण्डलीय प्रबंधक दि ओरियण्टल इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, हाथरस (महामायानगर) द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29.6.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अशोक मेहरोत्रा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी पर नोटिस की तामील पर्याप्त है परन्तु पर्याप्त सूचना के बावजूद उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हैं।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए वाहन की मरम्मत में खर्च राशि अंकन 2,60,050/-रू0 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि बीमित वाहन के क्षतिग्रस्त होने पर बीमा क्लेम प्राप्त हुआ। सर्वेयर की नियुक्ति की गई। सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर परिवादी को कुल 2,49,950/-रू0 स्वेच्छा से एवं अंतिम रूप से प्राप्त कराया जा चुका है। अनेक्जर सं0-6 एवं 7 के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी को अंकन 2,49,950/-रू0 का चेक प्राप्त कराया गया तथा अनेक्जर सं0-7 पर परिवादी ने स्वंय लिखित में मण्डलीय प्रबंधक, ओरियण्टल इं0कं0लि0 को आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें निम्नलिखित तथ्य अंकित किए गए हैं :-
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'' उपरोक्त दावे का भुगतान रूपये दो लाख उनचास हजार नौ सौ पचास सालवेज राशि (कबाड़ा) घटाने के बाद लेने को तैयार हूँ। यह सहमति मैं बिना किसी दबाव के देता हूँ। मुझे धनराशि लेने में कोई आपत्ति नहीं है। ''
4. इस प्रकार परिवादी द्वारा अंतिम रूप से स्वेच्छा से तथा सहमति के साथ बीमा कंपनी द्वारा देय राशि प्राप्त की जा चुकी है, इसलिए उसे उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है। तदनुसार विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2