(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1040/2008
दि न्यू इंडिया एश्योरेंस कम्पनी लि0, द्वारा सहायक प्रबन्धक, विधि प्रकोष्ठ, 94 महात्मा गांधी मार्ग, लखनऊ।
बनाम
- हरिनन्द पुत्र स्व0 जग्गन साकिन मौजा सैमरा, थान, घुघली, जनपद महराजगंज।
- शाखा प्रबन्धक, यूनियन बैंक आफ इंडिया शाखा महराजगंज, जनपद महराजगंज
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित: श्री आर0के0 मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित: श्री राजेश चड्ढा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :10.06.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-116/2006, हरीनन्द बनाम शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक आफ इंडिया व अन्य में विद्वान जिला आयोग, महराजगंज द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 08.04.2008 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच ने अंकन 22,800/-रू0 की क्षति का आदेश विपक्षी सं0 2/अपीलार्थी के विरूद्ध पारित किया है। चूंकि अपीलार्थी की ओर से बहस करने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। केवल प्रत्यर्थीगण के विद्धान अधिवक्ता को सुना तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा सुअर पालन के व्यापारका बीमा कराया गया था। प्रीमियम राशि 5,520/-रू0 अदा की थी, परंतु बीमित 15 पशुओं की मृत्यु हो गयी, इसलिए बीमा क्लेम प्रस्तुत किया गया, जो बीमा कम्पनी द्वारा अदा नहीं किया गया। इस कथन को स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमित राशि को अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपील के ज्ञापन में यह उल्लेख किया है कि दिनांक 07.11.2005 को जो क्षति हुई थी, उसका बीमा दिया जा चुका है। अंकन 5,520/-रू0 की क्षति प्राप्त की जा चुकी है। एक ही कलेम में सारे मृत पशुओं के दावों का निस्तारण करना संभव नहीं था। अलग-अलग तिथियों पर हुई मृत्यु के कारण अलग-अलग क्लेम प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इस प्रकार जो आपत्ति की गयी है, वह मात्र तकनीकी आपत्ति है। इस तकनीकी आपत्ति के आधार पर बीमा क्लेम अदा करने का आदेश नकारने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2