Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/127

IFFCO Tokio General Insurance - Complainant(s)

Versus

Hari Lal - Opp.Party(s)

Ashok Mehrotra

06 Jun 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/127
( Date of Filing : 18 Jan 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. IFFCO Tokio General Insurance
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Hari Lal
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 06 Jun 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-१२७/२०१२

(जिला मंच, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-१५५/२००८ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०३-१२-२०११ के विरूद्ध)

इफको टोकियो जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, कारपोरेट आफिस चतुर्थ एवं पंचम तल, इफको टावर, प्‍लाट नं0-०३, सैक्‍टर-२९, गुड़गॉंव-१२२००१, हरियाणा द्वारा चीफ मैनेजर क्‍लेम्‍स।

                                            ............. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-१.

बनाम

१. हरिलाल पुत्र हंसनाथ ग्राम व पोस्‍ट-करजहॉं, जिला देवरिया।

                                               ............     प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

२. सहकारी क्रय विक्रय समिति, पकड़ी बाजार, पोस्‍ट - पकड़ी बाजार, जिला-देवरिया।

                                             ............   प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-२.

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री अशोक मेहरोत्रा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री बी0के0 उपाध्‍याय विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

दिनांक :- २०-०२-२०१९.

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-१५५/२००८ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०३-१२-२०११ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी के सगे भाई रामचीज ने अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी की संकट हरण बीमा योजना के अन्‍तर्गत प्रत्‍यर्थी सं0-२ से दिनांक ३०-०७-२००५ को ८ बोरा इफको यूरिया मूल्‍य २०५६.०० रू० तथा दिनांक ०७-११-२००५ को ९ बोरा इफको यूरिया ४२६६.०० रू० में एवं दिनांक ०७-११-२००५ को ७ बोरा यूरिया १७९९.०० रू० में तथा दिनांक २१-०१-२००६ को ८ बोरा इफको यूरिया २०५६.०० रू० में खरीदा जिसकी रसीद प्राप्‍त की, जिसमें परिवादी नामिनी है। उक्‍त योजना के अन्‍तर्गत सहकारी समितियों से खाद खरीदने के एक वर्ष तक दुर्घटना में मृत्‍यु होने पर ४०००/- रू० प्रतिबोरी की दर से अधिकतम ०१.०० लाख रू० व्‍यक्तिगत दुर्घटना

 

 

-२-

क्‍लेम देने की व्‍यवस्‍था है। परिवादी के भाई रामचीज की मृत्‍यु दिनांक १४-०५-२००६ को एक सड़क दुर्घटना में थाणे, मुम्‍बई में हो गई। परिवादी ने सभी औपचारिकताऐं पूर्ण करते हुए बीमा दावा अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को प्रेषित किया किन्‍तु बीमा कम्‍पनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया।

अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। अपीलार्थी के कथनानुसार प्रस्‍तुत प्रकरण में मृतक रामचीज ने खाद नहीं खरीदा बल्कि खरीदी गयी खाद की रसीदों पर परिवादी ने खरीददार की हैसियत से रामचीज का अँगूठा फर्जी लगाया है। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा अन्‍वेषक नियुक्‍त कर जांच कराई गई तब इस तथ्‍य की जानकारी हुई, अत: बीमा दावा बन्‍द कर दिया गया। अपीलार्थी का यह भी कथन है कि मृतक रामचीज वर्ष २००५ में फरवरी और मार्च के महीने में गॉव आये थे उसके बाद गॉव में आये ही नहीं तथा वह १६ वर्ष से मुम्‍बई में सपरिवार रह रहे थे तथा खेती-बाड़ी आदि की सम्‍पूर्ण जिम्‍मेदारी परिवादी की थी। परिवादी हरिलाल ने अपीलार्थी के अन्‍वेषक को लिखकर दिया कि फरवरी, मार्च २००५ के बाद मृतक गॉंव नहीं आया तथा मृतक की पत्‍नी और बच्‍चे जीवित हैं। ऐसी स्थिति में भाई को नामिनी बनाना सन्‍देहास्‍पद है। ऐसी परिस्थिति में बीमा दावे का भुगतान न करके अपीलार्थी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से जिला मंच के समक्ष कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया।

जिला मंच ने परिवादी का परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को निर्देशित किया कि निर्णय के एक माह के अन्‍दर अपीलार्थी, परिवादी को ०१.०० लाख रू० परिवाद दाखिल होने की तिथि १९-०७-२००८ से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक ०८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज सहित अदा करे। 

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई।

हमने अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक मेहरोत्रा     तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री बी0के0 उपाध्‍याय के तर्क सुने तथा

 

 

-३-

अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से प्रश्‍नगत परिवाद के सन्‍दर्भ में जिला मंच में प्रस्‍तुत की गई साक्ष्‍य की फोटोप्रति दाखिल की गई।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि प्रस्‍तुत प्रकरण के सन्‍दर्भ में परिवादी के बीमा दावे की जांच अपीलार्थी द्वारा कराई गई। जांचकर्ता श्री प्रमोद कुमार श्रीवास्‍तव द्वारा जांच आख्‍या दिनांकित २५-०९-२००६ प्रस्‍तुत की गई। यह जांच आख्‍या जिला मंच के समक्ष अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत की गई किन्‍तु जिला मंच ने यह जांच आख्‍या इस आधार पर अस्‍वीकार कर दी कि इस जांच आख्‍या के समर्थन में जांचकर्ता का शपथ पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। अपील के आधारों में अपीलार्थी द्वारा यह स्‍पष्‍ट रूप से अभिकथित किया गया है कि जांचकर्ता द्वारा प्रस्‍तुत की गई जांच आख्‍या जांचकर्ता श्री प्रमोद कुमार श्रीवास्‍तव के शपथ पत्र से समर्थित थी। अपील के आधारों में उल्लिखित इस तथ्‍य का खण्‍डन प्रत्‍यर्थी द्वारा नहीं किया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से जिला मंच के समक्ष उसके द्वारा प्रस्‍तुत किए गये शपथ की फोटोप्रति दाखिल की गई है, जिसमें परिवादी द्वारा यह उल्लिखित किया गया है कि अपीलार्थी द्वारा बिना कोई जांच कराये तथा इस सन्‍दर्भ में बिना जांच अधिकारी द्वारा सम्‍पर्क किए परिवादी को क्‍लेम को सरसरीतौर पर खारिज कर दिया गया।

अपीलार्थी ने श्री प्रमोद कुमार श्रीवास्‍तव जांचकर्ता द्वारा प्रस्‍तुत की गई जांच आख्‍या की फोटोप्रति दाखिल की है। इस जांच आख्‍या के अवलोकन से यह विदित होता है कि जांच के मध्‍य जांचकर्ता ने श्री राणा प्रताप यादव निवासी ग्राम व पोस्‍ट करजहॉं, श्री रमा शंकर यादव पुत्र हृदयराज यादव साकिन करजहॉं, राज कुमार यादव, गौरव यादव के बयान अंकित किए। इस बयान पर ग्राम पंचायत करजहॉं के ग्राम प्रधान करजहॉं की मुहर भी अंकित है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी का यह कथन नहीं है कि जांचकर्ता द्वारा उपरोक्‍त जिन व्‍यक्तियों का बयान अंकित किया जाना बताया गया है वे व्‍यक्ति उसके गॉंव के नहीं हैं अथवा उन व्‍यक्तियों द्वारा ऐसा कोई बयान जांचकर्ता को नहीं दिया गया। इस

 

 

-४-

बयान में इन व्‍यक्तियों द्वारा यह कहा गया है कि उनके गॉंव में हरिलाल यादव पुत्र हंस नाथ यादव रहते हैं जो गॉंव में रहकर खेती का काम करते हैं और खेती के लिए खाद बीज खरीदते हैं। इनका एक छोटा भाई रामचीज अपने परिवार के साथ मुम्‍बई में रहता था। उनका इसी वर्ष मई के महीने में मुम्‍बई में ही एक्‍सीडेण्‍ट होने के कारण उनकी मृत्‍यु हो गई। मृत्‍यु के पहले रामचीज पिछले वर्ष फरवरी और मार्च के महीने में गॉंव आये थे। उनकी मृत्‍यु के बाद उनका परिवार वहीं रहता है। हरिलाल के दो भाई वहीं रहते हैं। रामचीज मुम्‍बई में अपना काम करते थे। वह गॉंव में आकर खेती नहीं करते थे उन्‍होंने अपनी खेती की सारी जिम्‍मेदारी अपने बड़े भाई हरिलाल को दे रखी थी। वह उनकी खेती के लिए खाद बीज और दवा पानी कोई चीज नहीं खरीदते थे न कोई मतलब था। जांच आख्‍या के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि जांचकर्ता ने परिवादी हरिलाल का बयान भी अंकित किया जिसमें हरिलाल द्वारा कहा गया – ‘’ मुम्‍बई में लगभग १५ साल से रामचीज, कन्‍हैया लाल, रामबुझारत अपने परिवार के साथ रहते हैं, वह (परिवादी) गॉंव में रहकर खेती का काम करता है। उसके पास पौने तीन बीघा खेत है जिसमें हम पॉंच भाई हैं। रामचीज के हिस्‍से में ५ कठ्ठा (विस्‍वा) खेत है, वो दूध का बिजनेस मुम्‍बई में करते थे, खेती के लिए वह (परिवादी) बाजार से नगद खाद खरीदता है तथा सोसायटी से भी खाद खरीदता है। उसके (परिवादी) के तीनों भाई जो मुम्‍बई में रहते हैं कभी-कभी जरूरत पड़ने पर एक दो दिन के लिए आते हैं। दिनांक १४-०५-२००६ को गॉंव के एक व्‍यक्ति के यहॉं फोन पर उसके भाई ने यह सूचना दी कि रामचीज को एक ट्रक ने टक्‍कर मार दी जिससे उनकी मृत्‍यु हो गई। ‘’ इस बयान पर परिवादी हरिलाल के हस्‍ताक्षर भी अंकित हैं। परिवादी हरिलाल ने जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत अपने शपथ पत्र में यह अभिकथित नहीं किया है कि जांचकर्ता द्वारा जांच के दौरान् उसके कथित रूप से अंकित बयान पर उसके हस्‍ताक्षर नहीं हैं।  

      अपीलार्थी का यह स्‍पष्‍ट अभिकथन है कि परिवादी के भाई रामचीज द्वारा कथित रूप से क्रय किए गये खाद की रसीदों पर रामचीज के हस्‍ताक्षर नहीं हैं। उक्‍त तिथि पर रामचीज गॉंव में उपस्थित नहीं था। ऐसी परिस्थिति में परिवादी के लिए यह आवश्‍यक

 

 

-५-

था कि वह इस सन्‍दर्भ में विश्‍वसनीय साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करते कि कथित क्रय की तिथियों पर परिवादी के भाई रामचीज गाँव में उपस्थित थे और उनके द्वारा उक्‍त तिथियों पर कथित खाद क्रय किया गया किन्‍तु इस सन्‍दर्भ में कोई साक्ष्‍य प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई।

      प्रत्‍यर्थी/परिवादी के भाई रामचीज द्वारा परिवाद में उल्लिखित तिथियों पर खाद क्रय किया जाना प्रमाणित न होने के कारण हमारे विचार से परिवादी प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं माना जा सकता। अत: प्रश्‍नगत निर्णय त्रुटिपूर्ण होने के कारण अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।  

आदेश

      अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, देवरिया द्वारा परिवाद सं0-१५५/२००८ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०३-१२-२०११ अपास्‍त करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

      इस अपील का व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

                                    

                                                (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                  पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                  (गोवर्द्धन यादव)

                                                      सदस्‍य

 

 

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-१.  

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
MEMBER

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