(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1076/2010
UP Power Corporation Limited through its Chief Managing Director Shakti Bhawan, Lucknow & others
Versus
Hargyan Singh S/O Late Sri Khushhaal Singh & others
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :22.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-497/2004, हरज्ञान सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 व अन्य में विद्वान जिला आयोग, बुलदन्दशहर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 24.05.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया है कि परिवादी के नलकूप की विद्युत लाइन 60 दिन के अंदर चालू कर दी जाए, साथ ही मानसिक प्रताड़ना और परिवाद व्यय के रूप में 1,500/-रू0 का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी के नाम विद्युत कनेक्शन स्वीकृति दिनांक 08.02.1998 को एल0टी0 लाईन के खम्बे, तार व ट्रान्सफार्मर गन्ने के भरे ट्रक ने तोड़ दिये थे, जिसके कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हो गयी थी, इसलिए इसी विद्युत आपूर्ति भंग होने के कारण विद्युत कनेक्शन चालू करने का आदेश पारित किया गया। इस आदेश में किसी प्रकार की कोई अवैधानिकता नहीं है। विद्धान अधिवक्ता के इस तर्क में कोई बल नहीं है कि परिवादी का इस तिथि को विद्युत शुल्क बकाया था क्योंकि इस संबंध मे कोई अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, जबकि परिवादी ने सशपथ साबित किया है कि उसके द्वारा नियमित रूप से बिलों का भुगतान किया गया है, जिसका कोई खण्डन अपीलार्थी द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए नहीं किया गया है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है, सिवाय इसके कि मानसिक क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय के रूप में अंकन 1,500/-रू0 अपास्त होने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में मानसिक क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय के रूप में अंकन 1,500/रू0 अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2