(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-148/2021
मै0 स्टैण्डर्ड इलेक्ट्रानिक तथा अन्य
बनाम
हरेन्द्र यादव
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री विजय कुमार यादव, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुबीर सरकार, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक : 25.05.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, इस न्यायालय के सम्मुख विद्वान जिला आयोग, मऊ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.1.2021 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद संख्या-55/2002 को स्वीकार करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया :-
'' यह परिवाद इस प्रकार आज्ञप्ति किया जाता है कि निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर विपक्षीगण परिवादी को उसके विक्रय शुदा पी0सी0ओ0 काल चार्ज इन्डीकेटर मशीन प्राप्त करके परिवादी को रूपया 14 हजार 900 भुगतान कर दे। विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि उक्त अवधि में वह परिवादी को क्षतिपूर्ति की धनराशि रू0 15 हजार भी भुगतान करे। परिवादी निर्णय की तिथि से 10 दिन के अन्दर विपक्षी को उक्त पुरानी मशीन प्राप्त करायेगा। निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर
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उपरोक्त धनराशि का भुगतान न होने पर विपक्षी परिवादी को उपर्युक्त धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी भुगतान करने को बाध्य होगा। ''
वाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या-2 से पी0सी0ओ0 चलाने हेतु एक पी0सी0ओ0 काल चार्ज इन्डीकेटर क्रय करने हेतु संविदा की और इसके तहत अंकन 10,400/-रू0 नकद और अंकन 4,000/-रू0 मूल्य की पुरानी मशीन विपक्षी संख्या-2 को देकर उक्त पी0सी0ओ0 काल चार्ज इन्डीकेटर मशीन क्रय कर लिया। इस मशीन पर एक वर्ष की गारण्टी थी। उक्त मशीन दिसम्बर 2001 में खराब हो गई, किंतु विपक्षी संख्या-2 द्वारा उक्त मशीन को ठीक करने में हीला-हवाली की गई, जिससे परिवादी का कारोबार बाधित रहा। परिवादी ने विधिक नोटिस भी दी, किंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई, इसलिए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
विपक्षी ने वादोत्तर दाखिल करते हुए परिवाद का विरोध किया और कथन किया कि परिवादी ने उक्त मशीन व्यवसायिक कार्य हेतु क्रय किया था। अत: प्रस्तुत परिवाद क्षेत्राधिकार से बाहर है।
विद्वान जिला आयोग ने उभय पक्ष द्वारा प्रस्तुत की गई साक्ष्य पर विचार करने के उपरांत उपरोक्त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री विजय कुमार यादव तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुबीर सरकार को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया गया तथा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए हमारे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है, परन्तु क्षतिपूर्ति की धनराशि अंकन 15,000/-रू0 दिलाए जाने का आदेश समाप्त किया जाना उचित है।
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तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.1.2021 को संशोधित करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति अंकन 15,000/-रू0 (पन्द्रह हजार रूपये) को समाप्त किया जाता है। विद्वान जिला आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1