जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 735/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-15.09.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-02.08.2022
Punita Srivastava W/o Sri Rajeev Kumar Srivasatava R/o 5/61, Sector-H, Jankipuram Lucknow.U.P. ..........Complainant.
Versus
1. Happy Furniture/Modern Furniture & Decor, 70/71 Paschimi Kalyanpur, Opp. Narain Automobiles Ring Road, Lucknow. U.P.-226010.
2. Bajaj Finserve 3rd Floor Prineet on Buisness Park 16, Ashok Marg, Near Jawahar Bhawan Lucknow-226001.
...........Opp. Parties.
आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय
1. परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विपक्षीगण से परिवादिनी की पसंद के अनुसार दूसरा सोफासेट परिवादिनी के निवास स्थान पर बिना किसी अतिरिक्त कीमत के उसी आकार प्रकार का उपलब्ध कराये, तदोपरांत दिये गये अधूरे सोफे को उठा कर वापस ले। साथ ही बजाज फाइनेन्स का कार्ड भी उपलब्ध कराये, तथा सोफे की सम्पूर्ण कीमत 18,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ, दोषपूर्ण सेवाओं एवं अपनायी गयी अनुचित व्यापार प्रथा की वजह से परिवादिनी को हुई आर्थिक क्षति एवं मानसिक उत्पीड़न के लिये क्षतिपूर्ति 1,00,000.00 रूपये, अधिवक्ता शुल्क 21,000.00 रूपये एवं वाद व्यय 25,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी दिनॉंक 04.03.2020 को विपक्षी संख्या 01 के शोरूम से अपनी पसंद का सोफा सेट जिसकी कीमत विपक्षी संख्या 01 द्वारा 15,000.00 रूपये बतायी तथा अपनी पसंद का कपड़ा व कलर हेतु कैटलाग दिखाया। उसमें जो कपड़ा पसंद आया उस सोफे की कीमत 18,000.00 रूपये बतायी और दो दिन में सोफा तैयार करा कर देने का वायदा किया।
3. परिवादिनी के पास इतनी अधिक धनराशि नगद नहीं थी इसलिये उसने फाइनेन्स कराने की बात की तो विपक्षी संख्या 01 ने बताया कि उसके यहॉं बजाज कम्पनी से फाइनेस की सुविधा उपलब्ध है। यदि कोई कार्ड हो तो आपको फाइनेस की सुविधा मिल सकती है तथा कुछ अंश नगद देना होगा शेष किश्तों में अदायगी हो जायेगी। परिवादिनी ने बताया कि उसके पास कोई कार्ड नहीं है, तो विपक्षी संख्या 01 द्वारा बताया गया कि आपको नया कार्ड भी बन जायेगा और ऋण की भी व्यवस्था हो जायेगी।
4. परिवादिनी को बजाज फाइनेन्स का पूरा विवरण विपक्षी संख्या 02 के अधिकृत अभिकर्ता श्री अंशू तिवारी द्वारा बताया गया कि 18,000.00 रूपये का फाइनेस् हो जायेगा तथा आपको मात्र 3500.00 रूपये डाउन पेमेंट देना होगा तथा शेष धनराशि 1800.00 रूपये की 08 समान मासिक किश्तों में अदा करना होगा। परिवादिनी उस प्रस्ताव से सहमत हो गयी व फाइनेन्स संबंधी समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करते हुए विपक्षीगणो द्वारा दिये गये प्रपत्रो पर हस्ताक्षर कर दिये गये तथा 3500.00 रूपये डाउन पेमेंट नगद जमा कर दिया।
5. विपक्षीगण ने दो दिन में सोफासेट तैयार कर देने को कहा परन्तु करीब एक सप्ताह तक सोफा नहीं दे पाये तो परिवादिनी ने पुन: संपर्क किया तो विपक्षीगण ने कहा कि सोफा जल्दी भी भेज दूँगा। तीन दिन बाद विपक्षी संख्या 01 ने सोफा रात्रि में भेजा जिसका भाड़ा भी परिवादिनी से 400.00 रूपये अतिरिक्त चार्ज किया गया। सोफा आया तो ज्ञात हुआ कि सोफा अधूरा बना है उसके डेड साईड के टेक नहीं लगाये गये है व तमाम अन्य कमियां भी पायी गयी। इस बात की शिकायत फोन से की गयी तो उनके द्वारा अवगत कराया गया कि हेड साइड की टेक जल्द ही लगवा दी जायेगी।
6. परिवादिनी द्वारा पसंद किया गया कपड़ा नहीं लगाया गया, परिवादिनी द्वारा दो कलर पसंद किये गये थे, परन्तु विपक्षी द्वारा चार कलर में सोफा बनाया गया वह भी अधूरा व सोफे में जगह जगह रिंकल बनते है व सोफे में अच्छी क्वालिटी का फाम भी नहीं लगाया गया। बैक साइड से जहां टेक लगायी जानी थी वह नहीं लगाया तथा उसमें भी कुशन हटा देने पर सही फाम का उपयोग नहीं करने के कारण वह पीठ में चुभता है, जो कुशन दिये गये वह एक माह में ही बैठ गये जो बताये गये व दिखाये गये गुणवत्ता के विपरीत दिया गया। सोफे की वारन्टी पॉंच वर्ष दी गयी थी, लेकिन अनेकों कमियां होने के बावजूद अनेको बार शिकायत करने पर भी आज तक सोफा सही नहीं किया गया।
7. होली के उपरांत दिनॉंक 22.03.2019 से कोविड-19 महामारी के कारण लॉक डाउन लग गया जिसके कारण कार्य नहीं कराया गया। परिवादिनी लॉक डाउन समाप्त होने पर पुन: मई माह में संपर्क किया तो विपक्षीगण ने मात्र आश्वासन दिया के लेबर आने पर सोफे का अधूरा कार्य करा दिया जायेगा लेकिन उसके बाद भी 20-25 बार विपक्षी संख्या 01 के शोरूम पर परिवादिनी ने शिकायत की लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बना कर टाल दिया जाता था।
8. विपक्षी संख्या 02 के अभिकर्ता जिनके द्वारा ऋण की कार्यवाही सम्पादित करायी गयी थी उनसे संपर्क किया गया तो उनका व्यवहार काफी अभद्र था, फिर भी परिवादिनी के पति ने उनसे बात की तब उन्होंने अवगत कराया कि शोरूम जाकर आपको बात कराता हॅूं। उनके द्वारा शोरूम जाकर विपक्षी संख्या 01 के मैनेजर से बात करायी। उन्होंने बताया कि कपड़ा नहीं मिल पा रहा है कपड़ा मिलते ही कार्य करा दिया जायेगा। करीब एक माह तक इंतजार करने के बाद भी समस्या का निदान नहीं किया गया, तो परिवादिनी के पति ने विपक्षीगण से पुन: संपर्क किया । वहॉं पर मौजूद श्री आनंद सिंह व दिलीप ने अवगत कराया कि दो दिन के अन्दर कार्य कर दिया जायेगा। सोफे का फोटोग्राफ भी वाटसअप पर लिया कि कपड़ा मैच करा कर कार्य कर दिया जायेगा। लेकिन तब से आज तक न तो परिवादिनी का सोफा पूरी तरह से बनाया गया नही फोन रिसीव किया जाता है, और न ही कोई संतोषजनक जवाब ही दिया जाता है। करीब छह माह बीत चुके हैं लेकिन विपक्षीगण ने सोफे को सही कराने का कोई प्रयास नहीं किया।
9. परिवादिनी सोफे की किश्तों का लगातार भुगतान कर रही है, मात्र दो किश्तें ही शेष बची हैं और विपक्षी संख्या 02 ने परिवादिनी की अनुमति के बिना पहली किश्त 1836.00 रूपये दिनॉंक 15.04.2020 को काटी, जबकि किश्तें 1800.00 निर्धारित की गयी थी। विपक्षीगण ने अनुबन्ध के नियमों का स्वयं उल्लंघन किया। पैसों की अदायगी करने के बावजूद गुणवत्ता परक माल उसे उपलब्ध नहीं कराया गया जो विपक्षीगण की सेवा में कमी को परिलक्षित करता है। विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है तथा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी है।
10. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। अत: दिनॉंक 25.05.2022 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
11. परिवादिनी ने मौखिक साक्ष्य में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य में हैप्पी फर्नीचर का प्रपत्र, मार्डन फर्नीचर का बिल, बजाज फाइनेन्स द्वारा किये गये फाइनेन्स का प्रपत्र एवं सोफासेट की फोटोकापी दाखिल किया है।
12. हमने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
13. आर्डर बुक का अवलोकन किया जिससे विदित है कि आर्डरबुक में 17,000.00 रूपये थ्री सीटर सोफासेट के संबंध में आर्डर बुक किया गया है, तथा रसीद में 18,000.00 रूपये का होना दर्शाया गया है। परिवादिनी ने कहा कि जो सोफा पसन्द्र किया था वैसा विपक्षीगण ने नहीं दिया तथा सोफासेट की फोटो दाखिल की गयी है। परिवादिनी द्वारा कहा गया कि दिनॉंक 04.03.2020 को जो सोफा पसन्द किया गया था उसकी फोटो ली है और उसी के सापेक्ष में जो डिलीवरी दिनॉंक 19.06.2020 को की गयी वह भिन्न है। यद्यपि यह समरी प्रोसीजर है, फोटो जब तक साक्ष्य में ग्राह्य नहीं होता जबतक उसका निगेटिव न हो, परन्तु वर्तमान में निगेटिव से फोटो बनाने वाली प्रक्रिया इलेक्ट्रानिक युग में समाप्त हो चुकी है। सीधा फोटो खींचा जाता है। अत: फोटो का अवलोकन किया। यह तथ्य निश्चित है जैसा कि परिवादिनी का कथन है कि जो सोफा पसन्द किया गया था वैसा सोफा नहीं दिया है जैसा कि फोटो एवं साक्ष्य से प्रतीत होता है।
14. उपरोक्त तथ्यों एवं साक्ष्यों के परिशीलन से विदित है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के बार बार सूचित करने के बाद भी उसके सोफे को ठीक नहीं किया गया, जो विपक्षीगण की सेवा में कमी है। अत: परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से एकपक्षीय स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
15. परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि परिवादिनी का सोफा सेट निर्णय के 45 दिन के अन्दर मरम्मत करके उसमें जो कमियॉं हैं उन्हें दूर करे। यदि उक्त सोफासेट बनाना संभव न हो तो विपक्षीगण परिवादिनी को मुबलिग 18,000.00 (अट्ठारह हजार रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ उक्त अवधि में ही अदा करेंगे। परिवादिनी को निर्देशित किया जाता है कि उक्त धनराशि प्राप्त करते समय उपरोक्त सोफासेट विपक्षीगण को वापस करेंगी। मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति व वाद व्यय के रूप में मुबलिग 5,000.00(पॉच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें।
(सोनिया सिंह) (अशोक कुमार सिंह ) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(सोनिया सिंह) (अशोक कुमार सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक: 02.08.2022