Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/1155

Sunita Gupta - Complainant(s)

Versus

Hanshraj Food Products - Opp.Party(s)

Sushil Kumar Sharma

18 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/1155
( Date of Filing : 03 Jun 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sunita Gupta
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Hanshraj Food Products
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 May 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-1155/2014

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद सं0-116/2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-05-2014 के विरूद्ध)

 

श्रीमती सुनीता गुप्‍ता पत्‍नी श्री लक्ष्‍मेन्‍द्रपाल गुप्‍ता निवासी मं0नं0-3, मोहल्‍ला सराय गुसाई, बुलन्‍दशहर, उत्‍तर प्रदेश।

...........अपीलार्थी/परिवादिनी।

बनाम

 

1. मैसर्स राजहंस फूड प्रोडक्‍ट्स, निवासी-एफ-198, बरनी इण्‍डस्ट्रियल एरिया, बीकानेर, राजस्‍थान द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर उपरोक्‍त फर्म।

 

2. मैसर्स दीनदयाल रघुवीर सरन, निवासी चौक बाजार, बुलन्‍दशहर द्वारा गोपाल स्‍वामी उपरोक्‍त फर्म।

     ............ प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।  

समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   :श्री सुशील कुमार शर्मा अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- 01-06-2023.

 

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद सं0-116/2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-05-2014 के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि विद्वान जिला आयोग ने अपना निर्णय कल्‍पनाओं पर दिया है और इस तथ्‍य को नजरंदाज कर दिया कि कर्मचारीगण की भूल के कारण सितम्‍बर, 2009 का रैपर बिक्रीत माल पर लग गया। परिवादिनी का परिवाद भी इसी आधार पर था कि विपक्षी सं0-1 द्वारा अगस्‍त 2009 में सितम्‍बर, 2009 की पैकिंग का माल बिक्रीत किया गया जो अनुचित व्‍यापार प्रथा के अन्‍तर्गत है, को न मानकर न्‍यायिक त्रुटि की है। विद्वान जिला आयोग ने अनुतोष अ और ब पर कोई निर्णय न देकर न्‍यायिक त्रुटि की है। विद्वान जिला आयोग का निर्णय दिनांक 07-05-2014 अपास्‍त होने योग्‍य है। अत: माननीय राज्‍य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्‍नगत निर्णय अपास्‍त करते हुए अपील स्‍वीकार की जाए। 

हमारे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण की बहस विस्‍तार से सुनी गई तथा पत्रावली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया गया।

परिवादिनी ने परिवाद इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया कि उसने दिनांक 26-08-2009 को विपक्षी सं0-1 द्वारा निर्मित राजहंस पापड़ का एक पैकेट विपक्षी सं0-2 से क्रय किया था। उक्‍त पापड़ को खाने से उसके पति की तबियत खराब हो गयी जिसका उसको उपचार कराना पड़ा। परिवादिनी ने जब उक्‍त पापड़ की पैकिंग को देखा तो उसे पर पैकिंग सितम्‍बर, 2009 की थी जबकि उस समय अगस्‍त-2009 चल रहा था। इस कारण उसको उक्‍त पापड़ की गुणवत्‍ता पर शक हुआ कि उक्‍त कम्‍पनी पुराना खराब एवं गुणवत्‍ताहीन पापड़ विक्रय कर रही है जिससे उसको मानसिक क्षति पहुँची। इस सम्‍बन्‍ध में जब उसने विपक्षी सं0-2 से शिकायत की तो उसने कहा कि कम्‍पनी का पैकिंग माल है जिससे उसका कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। परिवादिनी ने इस सम्‍बन्‍ध में विपक्षी सं0-1 को नोटिस दिया जिसका उसने गलत जबाव  दिया।    

विपक्षी ने अपने लिखित कथन में कहा कि परिवादिनी ने यह कहा कि उसने प्रश्‍नगत पापड़ दिनांक 26-08-2009 को क्रय किया जबकि पैकेट पर पैकिंग की तारीख सितम्‍बर, 2009 लिखी थी। यह तथ्‍य परिवादिनी ने तब पढ़ा जब उसने पापड़ लाकर देखा यह तथ्‍य अपने आप में हास्‍यास्‍पद तथ्‍य है। प्रत्‍येक माल बनने और तैयार होने के बाद ही बाजार में विक्रय हेतु जायेगा अर्थात् जो माल सितम्‍बर में बाजार में जायेगा वह अगस्‍त में ही तैयार होगा। इसके अतिरिक्‍त कर्मचारीगण की भूल के कारण भी सितम्‍बर, 2009 का रैपर लगाया जा सकता है। रैपर लगाने से माल की गुणवत्‍ता पर कैसे अन्‍तर आ गया यह बात समझ से बाहर है।  

हमने परिवाद पत्र का अवलोकन किया। विद्वान जिला आयोग ने कहा है कि अगस्‍त 2009 की पैकिंग पर अगल गलती से सितम्‍बर, 2009 लिखा गया तो इससे माल दूषित नहीं होता और इस सम्‍बन्‍ध में कोई विशेषज्ञ साक्ष्‍य भी नहीं है। यह मानवीय त्रुटि है। तदनुसार परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध निरस्‍त किया गया।

विद्वान जिला आयोग ने अपने निर्णय में सभी तथ्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है। अत: ऐसी स्थिति में विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार वर्तमान अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद सं0-116/2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-05-2014 की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष पर।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

          (सुशील कुमार)                     (राजेन्‍द्र सिंह)

             सदस्‍य                              सदस्‍य                    

 

 

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

          (सुशील कुमार)                     (राजेन्‍द्र सिंह)

             सदस्‍य                              सदस्‍य                    

 

दिनांक : 01-06-2023.

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.     

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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