जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 602/08
बाबूलाल शर्मा पुत्र श्री जगदीश नारायण शर्मा, उम्र 29 वर्ष, जाति ब्राह्मण, निवासी 52, शिवा कालोनी, टोंक फाटक, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
हंस ट्रैवल्स जरिए प्रोपराईटर एवं प्रबंधक, हंस ट्रैवल्स वनस्थली मार्ग, सिंधी कैम्प, सिंधी कैम्प बस स्टेण्ड के पास, जयपुर Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री बाबू लाल शर्मा - परिवादी
श्री संजय बत्रा, श्री अशोक अवस्थी - विपक्षी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 02.06.08
आदेश दिनांक: 29.01.2015
परिवादी की ओर से यह परिवाद पेश किया गया है कि परिवादी से विपक्षी ट्रेवल कम्पनी ने जयपुर से उदयपुर हेतु द्वितीय शयन श्रेणी के लिए नियत किराए 180/- रूपए प्रति टिकिट से अधिक की राशि वसूल करने के बावजूद भी उसे न तो स्लीपर सीट उपलब्ध करवाई और ना ही बैठने की सीट उपलब्ध करवाई गई जो कि गम्भीर सेवादेाष की श्रेणी में आता है । परिवादी ने परिवाद में वर्णित मुआवजा दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
2. विपक्षी की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि उनकी ओर से बुकिंग के द्वारा जो भी टिकिट जारी की जाती है उन पर स्पष्ट रूप से सीट नंबर व बस नंबर अंकित किया जाता है तथा बस की रवानगी का टाईम भी स्पष्ट अंकित किया जाता है । विपक्षी का क्थन है कि 180/- रूपए परिवादी के स्वयं के अनुसार किराया प्रति टिकिट था तो उनके द्वारा अधिक राशि अदा करना एवं कोई आपत्ति न करना स्पष्ट दर्शाता है कि वह मंच के समक्ष क्लीन हैण्ड नहीं आया है अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे।
3. उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
4. विद्वान अधिवक्ता परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद मंे अंकित किए गए हैं उनका समर्थन परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ-पत्र व दस्तावेज से होता है और परिवाद स्वीकार करने की दलील दी गई है ।
5. विद्वान अधिवक्ता विपक्षी की दलील है कि जो तथ्य जवाब में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन शपथ-पत्र व प्रस्तुत दस्तावेज से होता है और परिवाद खारिज करने की दलील दी गई है।
6. उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अवलोकन किया तो पाया कि परिवादी की ओर से जो ट्यूर पास क्रमांक 2611 की काउन्टर फाईल पेश की है उसके सम्बन्ध में विपक्षी ने यह आपत्ति ली है कि यह टिकिट उनके यहां से जारी नहीं किया गया है । इसके अलावा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि परिवादी की ओर से हंस ट्रेवल्स की टिकिट नंबर 3547 की सम्पूर्ण टिकिट पेश की गई है जिसकी काउन्टर फाईल में ट्यूर पास के वही पृष्ठांकन है जो परिवादी को कथित यात्रा के समय विपक्षी द्वारा दी गई टिकिट की काउन्टर फाईल में है । सम्पूर्ण टिकिट व परिवादी की ओर से प्रस्तुत काउन्टर फाईल को देखने से यह स्पष्ट होता है कि यात्रा के समय परिवादी से टिकिट तो प्राप्त कर ली लेकिन जो टिकिट की काउन्टर फाईल परिवादी को दी गई उस पर हंस ट्रेवल्स अंकित नहीं होने से विपक्षी परिवादी को उसके अधिकार से वंचित करना चाहता है । जिससे यह स्पष्ट होता है कि मुख्य टिकिट पर हंस ट्रेवल्स का पृष्ठांकन था तो काउंटर फाईल पर भी उक्त पृष्ठांकन होना चाहिए जो विपक्षी ने नहीं कर परिवादी को एक अन्य टिकिट खरीदने के लिए मजबूर किया और सेवादोष के साथ-साथ अनुचित व्यापार पद्धति को भी अपनाया।
7. परिवाद के तथ्य का समर्थन परिवादी के शपथ-पत्र व दस्तावेज से होने के कारण परिवादी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाकर विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी को प्राप्त किए गए किराए की राशि 180/- रूपए अक्षरे एक सौ अस्सी रूपए वापिस अदा करेगा तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 02.06.2008 से अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करेगा। इसके अलावा परिवादी को मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए 3500/- रूपए अक्षरे तीन हजार पाॅंच सौ रूपए एव परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पाॅंच सौ रूपए अदा करेगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 29.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष