Mithla Devi filed a consumer case on 27 Feb 2023 against Hamara India Credit Co-Op. Society Ltd. etc. in the Barabanki Consumer Court. The case no is CC/134/2021 and the judgment uploaded on 03 Mar 2023.
Uttar Pradesh
Barabanki
CC/134/2021
Mithla Devi - Complainant(s)
Versus
Hamara India Credit Co-Op. Society Ltd. etc. - Opp.Party(s)
Ravi Shukla & Others
27 Feb 2023
ORDER
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 15.11..2021
अंतिम सुनवाई की तिथि 20.02.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि 27.02.2023
परिवाद संख्याः 134/2021
मिथला देवी उम्र लगभग 50 वर्ष पत्नी अश्वनी कुमार निवासिनी मोहल्ला मोहन नगर, ओबरी, तहसील व परगना नवाबगंज जनपद-बाराबंकी।
2.प्रबन्धक हमारा इण्डिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लि0 पता-मंगल ज्योती 101, 227/2 ए0 जे0 सी0 बोस रोड, कोलकाता पश्चिम बंगाल 700020
समक्षः-
माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष
माननीय डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
उपस्थितः परिवादी की ओर से -श्री रवि शुक्ला, अधिवक्ता
विपक्षीगण की ओर से-कोई नही
द्वारा- डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
निर्णय
परिवादिनी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 प्रस्तुत कर परिवादिनी को विपक्षीगण के बैंक में जमा बांड में अंकित धनराशि मय नौ प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सहित, शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रू0 2,00,000/-तथा अधिवक्ता फीस रू0 11,000/- दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।
परिवादिनी ने अपने परिवाद में मुख्य रूप से अभिकथन किया है कि वह विपक्षी संख्या-01 के कार्यालय जाकर विपक्षी संख्या-02 के फिक्स डिपाजिट स्कीम में समय-समय पर अपना रूपया बचत कर 24 माह के लिये निवेशित किया। जो निम्न हैः-
क्र0सं0खाता संख्यादिनांकडिपाजिट धनराशिबाण्ड पर अंकित रूपये
1.1701740141527.08.201834,50043277
2.1701740141727.08.201821,00026,342
3.1701740141927.08.201840,00050,176
6.1701740141627.08.201840,00050,176
7.1701740171827.08.201840,00050,176
कुल योग1,75,0002,21,147
परिवादिनी को विपक्षी संख्या-01 द्वारा अपने रूपयो को डिपाजिट करने पर एक बाण्ड निर्गत किया जाता है जिसमे समस्त धनराशि व भुगतान तिथि आदि लिखी होती है। खाते का समय पूरा होने पर परिवादिनी जब भुगतान लेने विपक्षी संख्या-01 के कार्यालय गई तो उनके अधीनस्थ कर्मियों द्वारा बताया गया कि खाता नम्बर तथा मोबाइल रजिस्टर पर लिखवा दीजिये। जैसे ही भुगतान विपक्षी संख्या-02 से प्राप्त होगे, फोन द्वारा सूचित किया जायेगा। कई माह बीत जाने पर परिवादिनी पुनः विपक्षी संख्या-01 के कार्यालय गई तो बताया कि दो बाण्डों का आंशिक भुगतान जल्द आपके खातें में कर दिया जायेगा। शेष बचे खातों का भुगतान अगले माह किया जायेगा। दिनांक 16.12.2020 को परिवादिनी के खाते में रू0 80,052/-बाण्ड खाता संख्या-17017401415 बाण्ड पर अंकित धनराशि रू0 43,277/-व दिनांक 29.12.2020 को रू0 28,355/-बाण्ड खाता संख्या-17017401417 बांड में अंकित धनराशि रू0 26,342/-का आंशिक भुगतान विपक्षीजन द्वारा किया गया। पुनः परिवादिनी जब विपक्षी सं0-01 के कार्यालय गई तो बताया गया कि कम्पनी अभी किसी प्रकार के जमा धनराशि का भुगतान नहीं कर रही है आप इन खातों की धनराशि को अगले दो वर्ष के लिये बढ़वा लीजिये, अच्छा ब्याज दिया जायेगा। इसी बात को लेकर काफी कहा सुनी हुई और विपक्षी ने जमा धनराशि देने से इंकार कर दिया। जिसके कारण परिवादिनी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः परिवादिनी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
परिवादिनी ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में सूची से खाता संख्या-17017401415, 17017401417, 17017401419, 17017401416 तथा खाता संख्या-17017401718 की छायाप्रति दाखिल किया है।
पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा वादोत्तर दाखिल नहीं किया गया। अतः दिनांक 05.05.2022 को विपक्षीगण के विरूद्व परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसर हुआ।
परिवादिनी द्वारा लिखित बहस व बांड मूल रूप में दाखिल किए गए है।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क सुने तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
अभिलेखीय साक्ष्यों से स्पष्ट है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी के नाम से हमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के अंतर्गत प्रमाण पत्र संख्या-438002243851 खाता संख्या-17017401415 में मु0 21000/-,प्रमाण पत्र सं0-438002243849 खाता सं0-17017401415 में मु0 34,500/-, प्रमाण पत्र सं0-438002243853 खाता सं0-17017401419 में मु0 40,000/-, प्रमाण पत्र सं0-438002243852 खाता सं0-17017401418 में मु0 40000/-, प्रमाण पत्र सं0-438002243850 खाता सं0-17017401416 में मु0 40000/-कुल धनराशि रू0 1,75,000/-निवेश किया था। सम्पूर्ण बांडों की परिपक्वता तिथि दिनंांक 27.08.2020 को क्रमशः रू0 26,342/-, रू0 43277/-, रू0 50176/-, रू0 50176/-तथा रू0 50176/-कुल रू0 2,21,147/-प्राप्त होना था। परिवादी का यह कहना है कि विपक्षीगण ने दिनांक 29.12.2020 को खाता सं0-17017401715 के एवज में रू0 28,355/-तथा खाता सं0-17017401417 के एवज में रू0 26,342/-का मूल बांड प्राप्त करने के उपरान्त परिवादी को आंशिक भुगतान किया तथा अवशेष धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। स्पष्ट है कि परिवादिनी, विपक्षीगण की उपभोक्ता तथा परिवादिनी द्वारा जमा किये गये धनराशि को परिपक्वता के उपरान्त भी विपक्षीगण द्वारा वापस न करना सेवा में कमी है जिसके लिये विपक्षीगण दायित्वाधीन है। सम्पूर्ण परिपक्वता राशि को अदा न करके विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को दी जाने वाली सेवा में स्पष्ट कमी की गई है जिससे परिवादिनी को मानसिक प्रताड़ना भी हुई है। अतः परिवाद, विपक्षीगण के विरूद्व एकपक्षीय रूप से अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है। परिवादिनी को विपक्षीगण द्वारा आंशिक रूप से अदा की गई धनराशि समायोजित किया जाना उचित होगा।
आदेश
परिवाद संख्या-134/2021 अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को कुल पांच बांड में निहित परिपक्वता राशि रू0 2,21,147/-(रू0 दो लाख इक्कीस हजार एक सौ सैतालिस) पर परिपक्वता दिनांक 27.08.2018 से अदायगी की तिथि तक छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित रू0 3,000/-(रूपये तीन हजार) मानसिक क्षतिपूर्ति और रू0 1,000/-(रूपये एक हजार) वाद व्यय हेतु स्वीकृत किया जाता है। विपक्षीगण, परिवादी को आदेशित धनराशि का भुगतान अदा की गई धनराशि के समायोजन के उपरान्त पैंतालिस दिन में करें। पैंतालिस दिन में धनराशि अदा न करने की स्थिति में आदेशित धनराशि पर नौ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज देय होगा।
(डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (संजय खरे)
सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्य द्वारा खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (संजय खरे)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 27.02.2023
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