जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 1249/2013
शिव कुमार गोयल पुत्र श्री महावीर प्रसाद गोयल, जाति महाजन, निवासी मकान नंबर 4/15, विद्याधर नगर, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. हैअर HAIER) एपलाइन्सेज इण्डिया प्रा0लि0 जरिए निदेशक मोबाइल फोन डिविजन बी-1, ए-14, मोहन काॅओपरेटिव इण्डिया एस्टेट, मथुरा रोड़, नई दिल्ली 110044
2. गणपती टेलीकाॅम जरिए प्रोपराईटर जी-47, गणपति प्लाजा, एम.आई.रोड़, जयपुर
3. केशरी मोबाइल पोइन्ट जरिए प्रोपराईटर 28, मुरलीपुरा स्कुल के पीछे, सेक्टर दो के सामने, विद्याधर नगर, जयपुर
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री उमेश गुप्ता - परिवादी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 12.11.13
आदेश दिनांक: 11.03.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 19.07.2013 को विपक्षी सॅंख्या 3 के यहां से एक हैअर कम्पनी का मोबाईल सीजी 220 रूपए 2040/- में क्रय किया था । मोबाइल में तकनीकी खराबी थी जिस कारण वह कुछ दिनांे पश्चात ही खराब रहने लगा । मोबाइल की बैटरी रिचार्ज नहीं होती, मोबाइल काॅल डिटेल हिस्टरी प्रदर्शित नहीं करता, मोबाईल आॅन होते हुए भी स्विच आॅफ बताता था, स्लो प्रोसेसिंग एवं गरम होने जैसी समस्या आने लगी । विपक्षी सॅंख्या 2 से सम्पर्क कर मोबाईल दिखाने पर उसने मैकेनिक से ठीक करवा दिया परन्तु कुछ दिन पश्चात वापिस शिकायत आने लगी तो पुन: विपक्षी को दिनांक 15.10.2013 को दिखाया तो उसने परिवादी से कहा कि मोबाईल ठीक होने की स्थिति में नहीं है दिखाने के लिए बाहर भेजना पड़ेगा । परिवादी द्वारा स्टेण्ड बाई मोबाईल मांगने पर नहीं दिया गया, नया मोबाईल भी बदलकर नहीं दिया ना ही कोई संतोषजनक जवाब दिया तथा जाॅब कार्ड बार-बार मांगने पर भी नहीं दिया । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवादोष कारित किया है जिससे परिवादी को आर्थिक हानि व मानसिक कष्ट पहुॅंचा है । परिवादी ने मोबाईल की कीमत 2040/- रूपए मय ब्याज, मानिसक संता पके लिए 50,000/- रूपए, आने-जाने का व्यय 5000/- रूपए, विधिक व्यय 11000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद का कोई जवाब पेश नहीं किया गया है ना ही कोई मंच के समक्ष उपस्थित आया है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, दिनांक 19.07.2013 को मोबाईल क्रय करने के बिल की फोटोकाॅपी प्रस्तुत की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के पास कोई आधार उपलब्ध नहीं है।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य से यह प्रमाणित है कि परिवादी ने दिनांक 19.07.2013 को जो मोबाईल सीजी 220 राशि 2040/- रूपए में क्रय किया था वह वांरटी अवधि में खराब हो गया जिसे विपक्षीगण द्वारा ना तो ठीक किया गया ना ही बदल कर दिया गया और इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवादोष किया है जिससे परिवादी को मानसिक संताप और आर्थिक हानि होना स्वभाविक है जिसके लिए परिवादी मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी है ।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी के मोबाईल को नि: शुल्क ठीक करके उसे वापिस लौटाएंगे और यदि यह सम्भव नहीं हो तो उसी प्रकार का नया मोबाईल या उसकी कीमत 2040/- रूपए अक्षरे दो हजार चालीस रूपए दिनांक 19.07.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करंेेेगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 11.03.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (राकेश कुमार माथुर)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष