Uttar Pradesh

Lucknow-II

cc/1202/2013

ARVIND KUMAR - Complainant(s)

Versus

H.P. INDIA SALES LTD - Opp.Party(s)

21 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम,द्वितीय लखनऊ
आर के पुरम ,मल्हौर स्टेशन रोड ,चिनहट,लखनऊ
 
Complaint Case No. cc/1202/2013
 
1. ARVIND KUMAR
LUCKNOW
...........Complainant(s)
Versus
1. H.P. INDIA SALES LTD
BANGLORE
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani PRESIDENT
 HON'BLE MR. Govardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MRS. Geeta Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय लखनऊ

परिवाद संख्या-1202/2013

।तअपदक ज्ञनउंत                                       -परिवादी
बनाम
भ्मूसमजज च्ंबांतक प्दकपं ैंसमे च्अजण्स्जकण्
।दंदवजीमत                                             -विपक्षीगण  
समक्ष
श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष
श्री गोवर्द्धन यादव,   सदस्य
श्रीमती गीता यादव,  सदस्य

द्वारा श्री संजीव शिरोमणि, अध्यक्ष

  निर्णय

परिवाद अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986

परिवाद पत्र के अनुसार, परिवादी का कथन, संक्षेप में, यह है कि उसने विपक्षी सं0 2 के माध्यम से दि0 31.12.12  को रू029120/-का एक एच0पी0 का लैपटाॅप माडल सं0 एचपी 430 पीसी लिया, जिसकी एक वर्ष की वारन्टी थी। माह अप्रैल में उक्त लैपटाॅप डेड हो गया। परिवादी से इसकी सूचना विपक्षी सं0 1 को दिया तो उसे बताया गया कि सर्विस सेंटर जाये। परिवादी सर्विस सेंटर गया। परिवादी ने लैपटाॅप सर्विस सेंटर में दे दिया लेकिन लैपटाॅप की कमी ठीक नहीं हुयी। आज तक भी परिवादी का लैपटाॅप ठीक कार्य नहीं कर रहा है, जिसमें कुछ निर्माणीय त्रुटिया है। ऐसा करके विपक्षी ने सेवा में कमी करते हुये व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है ,जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में  संस्थित  करने
की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षीगण से उक्त लैपटाॅप के बदले उसी कीमत पर दूसरा नया लैपटाॅप दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत रू0 29120/-मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु रू015000/-एवं वाद व्यय हेतु रू07500/- दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।
    विपक्षी सं0 1 ने अपने वर्जन/साक्ष्य में लिखा है कि विपक्षी सं0 1 कंपनीज एक्ट ,1956 के प्रावघान से आच्छादित है। विपक्षी सं0 1 की ओर से कोई कमी नहीं की गयी है न ही उन्होंने व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है। परिवादी ने मिथ्या तथ्यों पर वर्तमान परिवाद संस्थित कर दिया है जो कि निरस्त होने योग्य है।
विपक्षी को नोटिस जारी की गयी। नोटिसोंपरान्त भी विपक्षी सं0 2 न तो उपस्थित हुये और न ही उन्होंने प्रतिवाद पत्र दाखिल किया है । विपक्षी सं0 1 ने अपना वर्जन/साक्ष्य दाखिल किया है ।
परिवादी ने परिवाद पत्र के समर्थन में अपना शपथपत्र दाखिल किया है एवं परिवाद पत्र/शपथपत्र के साथ अभिलेखीय साक्ष्यों की छायाप्रतियाॅ दाखिल किया है।
विपक्षी सं0 1 की ओर से ैचपतजीप डवनसप ने अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को श्रवण किया एवं पत्रावली का सम्यक् अवलोकन किया।
 परिवादी का तर्क है कि उसने विपक्षी सं0 2 के माध्यम से दि0  31.12.12  को  रू029120/ -का  एक  एच0पी0 का

 

 


लैपटाॅप माडल सं0 एचपी 430 पीसी लिया, जिसकी एक वर्ष की वारन्टी थी। माह अप्रैल में उक्त लैपटाॅप डेड हो गया। परिवादी से इसकी सूचना विपक्षी सं0 1 को दिया तो उसे बताया गया कि सर्विस सेंटर जाये, किन्तु उसका लैपटाॅप ठीक न हो सका, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी को वर्तमान परिवाद इस जिला मंच में  संस्थित  करने की आवश्यकता पड़ी, जिसके माध्यम से उसने विपक्षीगण से उक्त लैपटाॅप के बदले उसी कीमत पर दूसरा नया लैपटाॅप दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत रू0 29120/-मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु रू015000/-एवं वाद व्यय हेतु रू07500/- दिलाये  जाने  की  प्रार्थना  किया  है।
उपरोक्त पर्यवेक्षणोंपरान्त मंच का यह अभिमत है कि प्रथम दृष्टया विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी प्रतीत होती है। ऐसा करके
विपक्षी ने व्यापार विरोधी प्रक्रिया को अपनाया है। विपक्षी सं0 2 उपस्थित नहीं है। विपक्षी सं0 1 ने भी प्रतिवाद पत्र व साक्ष्य दाखिल किया है, जिसमें कोई बल प्रतीत नहीं होता है। इस स्थिति में परिवादी के कथन अकाट्य प्रतीत होते है। मंच के समक्ष परिवादी के कथनों पर विश्वास करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है। परिवादी ने बार-बार विपक्षी से संपर्क किया है। परिवादी को विपक्षी के पास जाने आदि में भाग-दौड़ करनी पड़ी है, इससे स्वतः स्पष्ट है कि निश्चित रुप से परिवादी को मानसिक व शारीरिक कष्ट हुआ है,  फलस्वरुप परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रुप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 1  को  आदेशित  किया  जाता है  कि वह इस

 

निर्णय की तिथि सेे छः सप्ताह के अंदर परिवादी को लैपटाॅप की कीमत का दें और यदि यह संभव न हो तो उसकी कीमत रू029120/-मय ब्याज दौरान वाद व आइंदा बशरह 9 (नौ) प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करंे। इसके अतिरिक्त विपक्षी सं0 1 परिवादी को मानसिक क्लेश हेतु रू015000/- तथा रू05000/-वाद व्यय अदा करगें, यदि विपक्षी सं0 1 उक्त निर्धारित अवधि के अंदर परिवादी को यह धनराशि अदा नहीं करते है तो विपक्षी सं0 1 को , समस्त धनराशि पर उक्त तिथि  से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर के साथ अदा करना पड़ेगा।

(गीता यादव)     (गोवर्द्धन यादव)   (संजीव शिरोमणि)       
        सदस्य            सदस्य            अध्यक्ष

            दिनांक   जुलाई 2015

 

 
 
[HON'BLE MR. Sanjeev Shiromani]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Govardhan Yadav]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Geeta Yadav]
MEMBER

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